Harsha Richhariya: मॉडल हर्षा रिछारिया को शाही सवारी कराने को लेकर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य के एतराज के बाद रविवार को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने इस विवाद को हवा दे दी. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
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Harsha Richhariya: मकर संक्रांति पर मॉडल हर्षा रिछारिया की शाही सवारी को लेकर काफी विवाद गहराया था. अब निरंजनी अखाड़े ने एक बार फिर हर्षा को शाही रथ पर बैठाने की घोषणा की है. ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य द्वारा एतराज जताए जाने के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने इस विवाद को फिर से हवा दे दी है. रविवार को दोपहर बाद श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े के शिविर में पहुंचीं मॉडल हर्षा को संतों ने बेटी के रूप में नवाजा.
फिर शाही रथ पर सवार होंगी हर्षा रिछारिया
यहां अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्र पुरी (Shrimahant Ravindra Puri) ने ऐलान किया कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ के सबसे बड़े अमृत स्नान पर्व पर वह स्वयं मॉडल हर्षा को निरंजनी अखाड़े के शाही रथ पर सवार कर संगम तक ले जाएंगे,ताकि वो संतों के साथ भगवा वेश में त्रिवेणी की पावन धारा में पुण्य की डुबकी लगा सकें.
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विवाद बढ़ने की संभावना
मॉडल हर्षा रिछारिया को दोबारा शाही रथ पर बैठाकर संगम ले जाने के निरंजनी अखाड़े के अध्यक्ष के एलान के बाद संन्यास और सौंदर्य के बीच संतों में मचा घमासान तेज हो सकता है. इस निर्णय से धार्मिक परंपराओं और आधुनिकता के बीच एक नया तनाव उत्पन्न हो सकता है. शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप (Swami Anand Swarup) ने कहा कि इस तरह का कदम महंत रवींद्र पुरी को नहीं उठाना चाहिए. वह अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष भी हैं और सनातन धर्म की रक्षा की जिम्मेदारी उन पर है. उन्होंने कहा कि महंत रविंद्र पुरी को मॉडल को दोबारा शाही रथ पर सवार कराने का अपना इरादा त्याग देना चाहिए.
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