Employment Survey on Mahakumbh: आध्यात्म ही नहीं, रोजगार का भी 'संगम' बन रहा महाकुंभ; 45 दिनों में इतने लाख लोगों को मिलेंगी नौकरियां!
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Employment Survey on Mahakumbh: आध्यात्म ही नहीं, रोजगार का भी 'संगम' बन रहा महाकुंभ; 45 दिनों में इतने लाख लोगों को मिलेंगी नौकरियां!

Employment estimates from Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ केवल आध्यात्म का ही नहीं बल्कि रोजगार का भी संगम बनने वाला है. हाल में जारी हुई एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक 45 दिनों के अंदर यह कुंभ लाखों लोगों को रोजगार देने जा रहा है.

Employment Survey on Mahakumbh: आध्यात्म ही नहीं, रोजगार का भी 'संगम' बन रहा महाकुंभ; 45 दिनों में इतने लाख लोगों को मिलेंगी नौकरियां!

Employment Survey on Mahakumbh 2025: यूपी के प्रयागराज में चल रहा दिव्य महाकुंभ केवल आध्यात्म ही नहीं बल्कि रोजगार की गंगा भी बहाने वाला है. मार्केट रिसर्चरों के अनुसार, 45 दिनों तक चलने वाले आस्था के महापर्व महाकुंभ से करीब 12 लाख गिग और अस्थायी नौकरियों के अवसर पैदा होने का अनुमान है. इससे कई सेक्टरों के आठ लाख से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा. यह जानकारी सोमवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में सामने आई.

आर्थिक विकास के केंद्र के रूप में उभरेगा प्रयागराज!

ग्लोबल टेक्नोलॉजी और डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशंस उपलब्ध कराने वाली कंपनी एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित ऐतिहासिक समागम देश में अस्थायी रोजगार और आर्थिक विकास के लिए एक केंद्र के रूप में उभर रहा है. रिपोर्ट में आगे कहा गया कि इस लैंडमार्क इवेंट से प्रयागराज ही नहीं, बल्कि आसपास के इलाकों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और टूरिज्म, ट्रांसपोर्टेशन, लॉजिस्टिक्स, हेल्थकेयर, आईटी और रिटेल सेक्टर को फायदा होगा.

यूपी में पर्यटन को मिलेगा भारी बढ़ावा

एनएलबी सर्विसेज की रिपोर्ट में बताया गया कि आध्यात्मिक महत्व के अलावा, यह पवित्र समागम आर्थिक गतिविधि का एक प्रमुख चालक बन गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार को 40 करोड़ श्रद्धालुओं के स्वागत की उम्मीद है, जिससे यह इतिहास के सबसे बड़े शांतिपूर्ण समागमों में से एक बन जाएगा. एनएलबी सर्विसेज के सीईओ सचिन अलुग ने कहा, "आर्थिक विकास, इन्फ्रास्ट्रक्टर डेवलपमेंट, इवेंट मैनेजमेंट, सिक्योरिटी सर्विसेज, पर्यटन और मनोरंजन के माध्यम से फैलता है. इससे पारंपरिक और आधुनिक दोनों प्रकार के व्यावसायिक क्षेत्रों को बढ़ावा मिलता है."

पैदा हो सकती हैं 40 लाख नौकरियां

अलुग ने कहा, "टूरिज्म और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में होटल स्टाफ, टूर गाइड, पॉटर्स, ट्रैवल कंसल्टेंट और कॉर्डिनेटर जैसी नौकरियों की मांग बढ़ रही है और ऐसी करीब 4.5 लाख नौकरियां पैदा हो सकती हैं." वहीं, परिवहन और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में ड्राइवरों, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधकों, कूरियर कर्मियों और अन्य सहायक कर्मचारियों की मांग बढ़ेगी, जिससे अनुमानित तीन लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक लोगों के आने की संभावना है और 7.72 करोड़ लोग अब तक आस्था के इस महापर्व का हिस्सा बन चुके हैं.

(एजेंसी आईएएनएस)

 

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