बेगूसराय का छोरा आज यूपी में डीएम, दो बार एवरेस्ट चढ़ा, IIT इंजीनियरिंग छोड़ बना आईएएस
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बेगूसराय का छोरा आज यूपी में डीएम, दो बार एवरेस्ट चढ़ा, IIT इंजीनियरिंग छोड़ बना आईएएस

IAS Ravindra Kumar Success Story: बरेली के नए जिलाधिकारी बने आईएएस अधिकारी दो बार माउंट एवरेस्ट फतह कर चुके हैं. वह झांसी और बुलंदशहर सहित अन्य जिलों में भी तैनात रह चुके हैं. आइए आपको बताते हैं कि माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने का पूरी कहानी

 

IAS Ravindra Kumar, Bareilly DM

IAS Ravindra Kumar Success Story: बरेली के डीएम  रविंद्र कुमार 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, अपनी प्रशासनिक सेवाओं के साथ-साथ साहसिक उपलब्धियों के लिए भी जाने जाते हैं. वह मूल रूप से बिहार के बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर के निवासी हैं.

एवरेस्ट फतह का सफर
19 मई 2013 को, रविंद्र कुमार ने पहली बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की और इसे सफलतापूर्वक पूरा किया. इसके बाद, 2015 में उन्होंने दूसरी बार इस महान शिखर पर चढ़ाई की. पर्वतारोहण के प्रति उनका यह जुनून 2011 में सिक्किम भूकंप के दौरान बचाव अभियानों की प्रेरणा से शुरू हुआ. स्थानीय पर्वतारोहियों की भूमिका को देखकर उन्होंने पर्वतारोहण सीखने का निर्णय लिया और हिमालय पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग से प्रशिक्षण प्राप्त किया.

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रविंद्र कुमार ने 1999 में आईआईटी की परीक्षा उत्तीर्ण की, लेकिन उन्होंने शिपिंग (मर्चेंट नेवी) में करियर बनाने का फैसला किया. उन्होंने मुंबई के टीएस चाणक्य से स्नातक की पढ़ाई की और 2002 से 2009 तक मर्चेंट नेवी में कार्य किया. इस दौरान वे चीफ ऑफिसर के पद तक पहुंचे. 2009 में उन्होंने शिपिंग छोड़कर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की और 2011 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए.

प्रशासनिक अनुभव
रविंद्र कुमार को शुरू में सिक्किम कैडर आवंटित किया गया, जहां उन्होंने सहायक कलेक्टर, सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), और एडवेंचर इंस्टीट्यूट के निदेशक जैसे विभिन्न पदों पर काम किया. 2016 में उनका कैडर बदलकर उत्तर प्रदेश हो गया. 
झांसी, बुलंदशहर, और फर्रुखाबाद जिलों में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया. वे केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती के निजी सचिव भी रहे। 2021 में झांसी के डीएम बनने के बाद 2023 में बरेली के जिलाधिकारी के रूप में कार्यभार संभाला. 

माउंट एवरेस्ट पर अनुभव
रविंद्र कुमार का कहना है कि माउंट एवरेस्ट की चोटी पर खड़े होकर दुनिया को देखना एक अविस्मरणीय अनुभव है. पृथ्वी का गोल आकार, सीमाहीन क्षितिज, और चारों ओर फैली शांति यह एहसास कराती है कि हमारी धरती एक शांतिपूर्ण और सीमाहीन दुनिया हो सकती है. 

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