114 फाइटर जेट्स से तेजस के इंजन तक, ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने के बाद भारत को कितना होगा फायदा?
Advertisement
trendingNow12504960

114 फाइटर जेट्स से तेजस के इंजन तक, ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने के बाद भारत को कितना होगा फायदा?

जनवरी महीने में डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के पद की शपथ लेंगे. उनके राष्ट्रपति बनने के बाद भारत को काफी उम्मीदें हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि ट्रंप के आने के बाद अमेरिका-भारत के बीच जारी डिफेंस डील में तेजी आने की उम्मीद है. 

114 फाइटर जेट्स से तेजस के इंजन तक, ट्रंप के प्रेसिडेंट बनने के बाद भारत को कितना होगा फायदा?

India America Defence Deals: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल कर ली है. डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद इस बात की उम्मीदें बढ़ रही हैं कि उनके प्रशासन के तहत भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सौदों में तेज़ी आ सकती है. सैन्य संबंधों को मज़बूत करने पर ध्यान केंद्रित करने वाले ट्रंप प्रशासन से भारत के साथ प्रमुख हथियार सौदों को प्राथमिकता देने की उम्मीद है, जिसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अमेरिकी हथियार वैश्विक रक्षा बाज़ारों में प्रतिस्पर्धी बने रहें. इससे लटके हुए समझौतों का तेज़ी से समाधान हो सकता है और अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग में इज़ाफा हो सकती है.

पड़ोसियों को देंगे बड़ा संदेश

डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में एक अलग रणनीति अपनाई गई थी, जिसने पाकिस्तान जैसे विरोधियों पर दबाव डालते हुए अमेरिका-भारत सैन्य संबंधों को मजबूत किया. उनके प्रशासन के तहत अमेरिका ने पाकिस्तान को 300 मिलियन डॉलर की सहायता रोक दी, जिससे अमेरिकी प्राथमिकताओं के बारे में एक कड़ा संदेश गया था. इसके अलावा चीन को भी बड़ा संदेश देने के लिए ट्रंप भारत के साथ रिश्ते और मजबूत होने की उम्मीद है.

मल्टी-रोल फ़ाइटर एयरक्राफ्ट

फ़िलहाल, सबसे बड़े लटके हुए समझौतों में 114 मल्टी-रोल फ़ाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) है. हालांकि खरीद प्रक्रिया अभी औपचारिक रूप से शुरू नहीं हुई है लेकिन अंतरराष्ट्रीय रक्षा निर्माताओं ने भारतीय वायु सेना द्वारा आयोजित हाल ही में आयोजित बहुराष्ट्रीय हवाई अभ्यास में अपने विमानों का प्रदर्शन किया, ध्यान आकर्षित करने और अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने की होड़ में. इस प्रतिस्पर्धा में रूस के सुखोई-35 और मिग-35, फ़्रांस के राफेल, अमेरिका के F-21 और F/A-18, स्वीडन के ग्रिपेन और यूरोफ़ाइटर टाइफून शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: United States Presidential Transition: ट्रंप ने चुनाव तो जीत लिया, लेकिन करीब दो महीने तक नहीं पाएंगे शपथ, जानिए क्यों?

F-21 लड़ाकू विमान:

अमेरिका अपने उन्नत F-21 फाइटिंग फाल्कन को बढ़ावा दे रहा है, जो F-16 का अपग्रेड वर्जन है. विश्लेषकों का अनुमान है कि ट्रम्प के सत्ता में लौटने से अमेरिका के लिए इस सौदे को सुरक्षित करने के लिए नया कूटनीतिक दबाव आ सकता है

99 F404 इंजन

इसके अलावा  भारत का तेजस मार्क 1A कार्यक्रम भी इस लिस्ट में है, जिसमें अमेरिकी निर्माता जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से 99 F404 इंजनों की आपूर्ति के लिए 2021 में हुआ ये समझौता डिलीवरी में देरी का सामना कर रहा है. इस देरी की वजह से स्वदेशी तेजस मार्क 1A विमान का उत्पादन काफी प्रभावित हुआ है. ट्रंप के फिर से सत्ता में आ जाने के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि इसकी डिलीवरी में तेजा आ सकती है.

ड्रोन समझौता

भारत उन्नत ड्रोन क्षमताओं पर बढ़ाने पर फोकस किए हुए है. हाल ही में 31 MQ-9B सी गार्जियन और स्काई गार्जियन ड्रोन के लिए अमेरिका के साथ 3 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इन ड्रोन की असेंबली भारत में होने की योजना है. भारत में बनने वाली यह इस असेंबली को अमेरिकी रक्षा फर्मों द्वारा समर्थन भी हासिल है. निर्माता जनरल एटॉमिक्स ने भारत में एक वैश्विक रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल (MRO) सुविधा स्थापित करने के लिए भी प्रतिबद्धता जताई है. ट्रंप की वापसी के बाद इन ड्रोन के लिए डिलीवरी की शुरुआत जल्द होने की उम्मीद है.

यह भी पढ़ें: Analysis: लोकतंत्र खतरे में है! कमला हैरिस का डराना काम नहीं आया, अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप को फिर राष्ट्रपति क्यों बनाया?

जीई एफ-414

जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के बीच भारत में जीई एफ-414 जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए बातचीत चल रही है, जिसका मकसद तेजस मार्क-2 लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल करना है. यह ऐतिहासिक संयुक्त उत्पादन और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पहल अमेरिका-भारत रक्षा सहयोग में मील का पत्थर मानी जा रही है. 

Trending news