Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट (SC) शुक्रवार (17 जनवरी 2025) को एरापुंगल अबूबकर (E Abubacker) की जमानत याचिका पर सुनवाई करेगा. पहले SC ने कहा था कि उसे अबूबकर की मेडिकल रिपोर्ट्स में 'कुछ भी सीरियस नहीं मिला'.
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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट को एरापुंगल अबूबकर की मेडिकल रिपोर्ट्स में 'कोई गंभीर समस्या नहीं' नजर आई. अबूबकर, भारत में प्रतिबंधित संगठन- पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के पूर्व अध्यक्ष हैं. अबूबकर ने मानवीय और चिकित्सा आधार पर जमानत याचिका दायर की है. सुनवाई के दौरान अबूबकर के वकील ने तर्क दिया कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट याचिकाकर्ता पक्ष को उपलब्ध नहीं कराई गई है. इस पर, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि मेडिकल रिकॉर्ड की एक प्रति याचिकाकर्ता के वकील को प्रदान की जाए. इस मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने तारीख 17 जनवरी तय की है.
अबूबकर की जमानत याचिका मानवीय और चिकित्सा आधार पर दायर की गई थी. उनका दावा है कि वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, जो जेल में उनकी स्थिति को और खराब कर सकती हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस एमएम सुंदरेश कर रहे थे, ने उनकी मेडिकल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इसमें कोई गंभीर समस्या नहीं पाई गई.
कौन हैं ई. अबूबकर?
ई. अबूबकर, गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के चेयरमैन थे. सितंबर 2022 में, जब नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने PFI और उसके कैडर की धरपकड़ तेज की, तो सबसे पहले अबबूकर को ही पकड़ा गया. नवंबर 2022 में, अबूबकर ने हाई कोर्ट में मेडिकल ग्राउंड्स पर जमानत की अर्जी डाली. कहा कि मैं कैंसर और पार्किंसन डिजीज से जूझ रहा हूं. HC ने AIIMS दिल्ली में इलाज करवाने का निर्देश दिया.
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NIA ने दिसंबर 2022 में HC को बताया कि अबूबकर की हालत एकदम ठीक है. पिछले साल मई में, हाई कोर्ट ने अबूबकर की जमानत याचिका खारिज कर दी, उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. NIA की ओर से, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया था कि यह केवल रेगुलर बेल पाने की तरकीब है और अबूबकर अदालत को जान-बूझकर गुमराह कर रहे हैं.
मेहता ने कहा कि अबूबकर को कई बार AIIMS ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने कभी नहीं पाया कि उन्हें भर्ती किया जाना चाहिए. अबूबकर का एक और प्रतिबंधित संगठन, स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) से भी गहरा जुड़ाव रहा है.
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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को भारत सरकार ने सुरक्षा कारणों से प्रतिबंधित कर रखा है. इस संगठन पर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए गए थे.