Chhattisgarh Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के भेज्जी इलाके में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया है. इस ऑपरेशन में जिला रिजर्व बल (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम शामिल थी.
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Chhattisgarh Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के भेज्जी इलाके में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी मुठभेड़ में 10 नक्सलियों को मार गिराया है. इस ऑपरेशन में जिला रिजर्व बल (डीआरजी) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की संयुक्त टीम शामिल थी. यह मुठभेड़ सरकार की नक्सलवाद के खिलाफ चल रही सुनियोजित रणनीति की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. नक्सलियों के खिलाफ सफल ऑपरेशन के बाद सुरक्षबलों ने जश्न भी मनाया. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
#WATCH | DRG (District Reserve Guards) Jawans celebrate after succeeding in eliminating 10 Naxals during an encounter in #Sukma, #Chhattisgarh. pic.twitter.com/dfuFaCcwVr
— DD News (@DDNewslive) November 22, 2024
कैसे शुरू हुआ ऑपरेशन?
सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि भेज्जी थाना क्षेत्र के कोराजुगुड़ा और भंडारपदर गांव के जंगलों में नक्सलियों की गतिविधियां बढ़ी हैं. इस इनपुट के आधार पर डीआरजी और सीआरपीएफ की टीमों को इलाके में सर्च ऑपरेशन के लिए भेजा गया. शुक्रवार सुबह लगभग 9 बजे माओवादियों ने अचानक फोर्स पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की.
तीन महिला माओवादियों समेत 10 ढेर
मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके की तलाशी ली, जिसमें तीन महिला माओवादियों सहित कुल 10 नक्सलियों के शव बरामद किए गए. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि मृतकों में दो नक्सलियों की पहचान दक्षिण बस्तर संभाग के डिविजनल कमेटी सदस्य मड़कम मासा और एरिया कमेटी सदस्य लखमा माडवी के रूप में हुई है. इन पर क्रमशः 8 लाख और 5 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए. इसमें एक इंसास राइफल, एक एके-47, एक सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर), बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) और अन्य हथियार शामिल हैं. इसके अलावा कई गोला-बारूद और अन्य नक्सली सामग्रियां भी बरामद हुई हैं.
मुठभेड़ में शामिल नक्सलियों की पहचान
मड़कम मासा की पत्नी दूधी हुंगी और अन्य नक्सलियों में मड़कम जीतू, मड़कम कोसी और कोवासी केसा की पहचान हुई है. ये सभी पीएलजीए प्लाटून नंबर चार के सदस्य थे और इन पर 2-2 लाख रुपये का इनाम था. चार अन्य नक्सलियों की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है.
बस्तर पर सरकार का विशेष फोकस
इस मुठभेड़ के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कड़े कदम उठा रही है. बस्तर में शांति, सुरक्षा और विकास सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के सहयोग से मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य है.
अब तक की उपलब्धियां
आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर संभाग में अब तक 207 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं. इसके अलावा, 787 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 789 ने आत्मसमर्पण किया है. इस अवधि में 262 हथियार भी जब्त किए गए हैं.
सुरक्षाबलों का अदम्य साहस
सुरक्षाबलों की यह सफलता नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की ठोस रणनीति और जवानों के अदम्य साहस का प्रमाण है. उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने भी सुरक्षाबलों की सराहना करते हुए कहा कि इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया है कि नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि "बस्तर में शांति का दौर जल्द ही लौटेगा."