Udaipur Smart City : राजस्थान का सबसे खूबसूरत शहर यानि उदयपुर देश के सबसे स्मार्ट शहरों में शुमार होने जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल तक उदयपुर देश के 22 शहरों के साथ सबसे स्मार्ट हो जाएगा.
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Udaipur Smart City : दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते देशों में भारत का पायदान आज सबसे ऊपर है, लिहाजा ऐसे में अब भारत के शहर भी अत्याधिक स्मार्ट होते जा रहे हैं. इसी कड़ी में अब राजस्थान का सबसे खूबसूरत शहर यानि उदयपुर देश के सबसे स्मार्ट शहरों में शुमार होने जा रहा है. केंद्र की मोदी सरकार ने जानकारी देते हुए बताया कि अप्रैल तक उदयपुर देश के 22 शहरों के साथ सबसे स्मार्ट हो जाएगा.
78 शहर और हो रहे तैयार
सरकार कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत देश के 22 शहरों में विकास परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी. जबकि बाकि बचे 78 शहरों में चल रही स्मार्ट सिटी परियोजनाएं भी अगले तीन से चार महीनों में पूरी हो जाएगी. आपको बता दें कि 25 जून, 2015 को नरेंद्र मोदी सरकार ने अपना प्रमुख स्मार्ट सिटीज मिशन लॉन्च किया और जनवरी 2016 से जून 2018 तक चार चरणों में पुनर्विकास के लिए 100 शहरों का चयन किया गया. मंत्रालय के अनुसार, मिशन का उद्देश्य विभिन्न मुद्दों के "स्मार्ट समाधान" अपनाने के अलावा उन शहरों के बुनियादी ढांचे को स्मार्ट करके बढ़ावा देना है और अपने नागरिकों को जीवन की एक अच्छी गुणवत्ता, एक स्वच्छ और टिकाऊ वातावरण प्रदान करते हैं.
ये हैं 22 स्मार्ट सिटी
उदयपुर ( Udaipur Smart City ) के अलावा मार्च तक जिन 22 स्मार्ट शहरों में सभी परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी, उनमें भोपाल, इंदौर, आगरा, वाराणसी, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोयम्बटूर, इरोड, रांची, सलेम, सूरत, विशाखापत्तनम, अहमदाबाद, काकीनाडा, पुणे, वेल्लोर, पिंपरी-चिंचवाड़ शामिल हैं, इसके साथ ही मदुरै, अमरावती, तिरुचिरापल्ली और तंजावुर भी इस सूची में है. स्मार्ट सिटी परियोजना से जुड़े अधिकारी का कहना है कि हम मार्च तक 22 स्मार्ट शहरों को पूरा कर लेंगे क्योंकि इन शहरों में परियोजनाएं अंतिम चरण में हैं. इसके बाद तीन-चार महीनों में हम बाकी शहरों का परियोजना कार्य पूरा कर लेंगे.
6 फरवरी को, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने राज्यसभा में जानकारी दी कि इस साल 27 जनवरी तक, 1,81,322 करोड़ रुपये की 7,804 परियोजनाओं में से 100 स्मार्ट शहरों में वर्क ऑर्डर जारी किए गए हैं, 5,246 98,796 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. केंद्र सरकार ने इस मिशन के के लिए 36,447 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जिसमें से 32,095 करोड़ रुपये यानी 88 प्रतिशत का प्रयोग किया जा चुका है.
मिलेंगे 100 करोड़ रुपये प्रति शहर
इस मिशन के दिशा-निर्देशों के मुताबक, केंद्र सरकार पांच वर्षों में 48,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी, प्रति वर्ष औसतन 100 करोड़ रुपये प्रति शहर. मिलान के आधार पर एक समान राशि का योगदान प्रदेश सरकार या शहरी स्थानीय निकाय द्वारा किया जाएगा. मंत्रालय ने कहा है कि वर्तमान में स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत और शहरों को जोड़ने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है.
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