टोंक को रेल देने का वादा कांग्रेस के लिए बना गले की फांस, सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कहा मैं दो घंटे में रेल दे दूंगा
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टोंक को रेल देने का वादा कांग्रेस के लिए बना गले की फांस, सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कहा मैं दो घंटे में रेल दे दूंगा

Tonk News: टोंक को कब मिलेगी रेल, वादा तो कांग्रेस सरकार और विपक्ष में बैठी बीजेपी दोनों कर रही हैं, अब तो टोंक में रेल को लेकर सियासत भी तेज हो गई है. सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा मैं दो घंटे में टोंक को रेल दे दूंगा. सीएम अशोक गहलोत ये बस करवा दें.

 

टोंक को रेल देने का वादा कांग्रेस के लिए बना गले की फांस, सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने कहा मैं दो घंटे में रेल दे दूंगा

Tonk News: पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को चुनावी घोषणा पत्र में टोंक जिले को रेल की सौगात देने का वादा अब कांग्रेस सरकार की गले की फांस बनता हुआ नजर आ रहा है. आगामी दिनों में सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने वाले हैं. ऐसे में एक ओर जहां भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार को टोंक में रेल को लेकर घेरना शुरू कर दिया है.

वहीं, दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच तिखी बयानबाजी भी शुरू हो गई है.साल 2023 के विधानसभा चुनाव अभी काफी दूर हैं, लेकिन ऐसा लग रहा है मानों चुनावी चौसर बिछनी शुरू हो गई है.

टोंक को रेल की सौगात के लिए पिछले दिनों एक कार्यक्रम में टोंक जिले के प्रभारी और सूबे की सरकार के अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद से जब सवाल पूछा गया कि कांग्रेस ने तो अपने घोषणापत्र में इसे प्रमुखता से शामिल किया था. टोंक जिले की सभी विधानसभा सीटों पर इसका जमकर बखान भी किया था. फिर क्यों रेल नहीं आ पा रही है.

तो मंत्री ने सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया को नसीहत देते हुए कहा था कि केंद्र में भाजपा की सरकार है. अभी लोकसभा सत्र भी चल रहा है. वो क्यों नहीं धरने पर बैठ जाते. क्योंकि रेल का मामला तो केंद्र सरकार का है. राजस्थान का क्या लेना देना है. बयान सुनिए फिर आपकों सांसद का काउंटर सुनाएंगे.

 भाजपा की जन आक्रोश यात्रा की जनसभा के दौरान अपने संबोधन में सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने मंत्री के बयानों पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि शाले मोहम्मद जी शायद भूल गए कि जब केन्द्र में उनकी पार्टी की सरकार थी तब उनकी ही सरकार ने नियम बनाया था कि रेल के प्रोजेक्ट में आधी राशि केंद्र की और आधी स्टेट सरकार की होगी. केंद्र सरकार की ओर से मैंने मेरा काम पूरा करवा दिया.अब में चुनौती देता हूं कि वो अपनी सरकार से जमीन अधिग्रहण करवा राशि स्वीकृत करवा दें दो घंटे में टोंक में रेल लाकर दूंगा.

अब टोंक को रेल की सौगात को लेकर शुरू हुए सियासी घमासान में एआईएमआईएम भी मैदान में आ गई है. बिते दिनों अल्पसंख्यक मंत्री शाले मोहम्मद द्वारा सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया पर दिए बयान के बाद जौनापुरिया द्वारा भाजपा की जन आक्रोश यात्रा की जनसभा में राज्य सरकार को दी गई बजट राशि स्वीकृत करने की चुनौती के बाद अब सियासत गर्मा गई हैं.

इस सियासी घमासान में अब टोंक में एआईएमआईएम की एंट्री हो गई है...और एआईएमआईएम ने 2023 के आगामी विधानसभा चुनावों में ''''रेल नहीं तो वोट नहीं'''' का नारा दिया है.

उधर रेल के लिए पिछले कई सालों से संघर्ष कर रहे रेल लाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अकबर खान ने भी जयपुर पहुंच विधायक सचिन पायलट से मुलाकात की है और आगामी स्टेट बजट में रेल के लिए राशि स्वीकृत कर जमीन अधिग्रहण करवाने की मांग की है.

दरअसल एआईएमआईएम के काशिफ जुबेरी ने टोंक विधायक सचिन पायलट व भाजपा सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि दोनो नेता रेल वादे से जनता को धोखा देते आ रहे हैं. सांसद कहते हैं हम अपने हिस्से की राशि देने को तैयार हैं तो इसको लेकर एडवोकेट काशिफ ज़ुबैरी ने बताया की राज्य सरकार टोंक में, आगामी बजट में टोंक को ट्रेन से जोड़े जाने की मांग को पूरा करे ताकि टोंक में रेल आ सके इसी के साथ टोंक में वोट लेके भाजपा कांग्रेस दोनो अपना वादा नहीं निभा पाई.

इसी के साथ आम जनता द्वारा टोंक कलेक्टर को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंप अपना विरोध जताया. इस विरोध रैली को समर्थन देते हुए AIMIM द्वारा राज्य सरकार से तुरंत प्रभाव से टोंक को ट्रेन से आगामी बजट में जोड़े जाने की घोषणा करने की मांग उठाई है.

टोंक की रेल की मांग पिछले तीन दशक से उठ रही है और अकबर खान इसके लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. कई धरने,प्रदर्शन,जूलूस तक किए जा चुके हैं. यहां तक सांसद और मंत्रियों के पूतले भी फूंके जा चुके हैं.परिणाम इतना सा जरूर आया है कि इसे केंद्र सरकार ने बजट घोषणा की और राशि स्वीकृत कर प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करवाई. लेकिन राजस्थान सरकार अपने चुनावी घोषणापत्र से दो कदम कागजों से बाहर नहीं निकल पाई.

नतीजा यह है कि अब सियासी बखेड़ा शुरू हो गया है. नेताओं की तीखी बयानबाजी के साथ की दूसरे दल भी राजनीति रोटियां सेंकने के लिए मैदान में उतर आए हैं...ऐसे में जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की साख पर सवाल उठ रहे हैं वहीं, गहलोत सरकार भी अपने आखिरी बजट में रेल की सौगात का पिटारा खोल सियासी बखड़े को खत्म कर टोंक की चार विधानसभा सीटों पर अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश तो जरूर करेगी.

Reporter- Purshottam Joshi

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