Sikar News: लक्ष्मणगढ़ के श्रद्धा नाथ आश्रम के पीठाधीश्वर संत बैजनाथ महाराज को अध्यात्म में योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा. 1935 में पनलावा गांव में जन्मे संत ने शिक्षा और योग का प्रचार किया. इस सम्मान से अनुयायियों और नगरवासियों में खुशी की लहर है.
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Rajasthan News: केंद्र सरकार ने लक्ष्मणगढ़ के श्रद्धा नाथ आश्रम के पीठाधीश्वर संत बैजनाथ महाराज को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की है. यह सम्मान उन्हें अध्यात्म के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दिया गया है. इस घोषणा से संत बैजनाथ महाराज के अनुयायियों, शिष्यों और नगरवासियों में हर्ष का माहौल है.
संत बैजनाथ महाराज ने इस सम्मान को अपने शिष्यों और समाज का स्नेह बताया. उन्होंने कहा, "मुझ जैसे साधारण व्यक्ति को इतना बड़ा सम्मान मिलना गौरव की बात है. यह आप सभी का आशीर्वाद और प्रेम है."
संत बैजनाथ महाराज का जन्म 12 जून 1935 को लक्ष्मणगढ़ के पनलावा गांव में हुआ. मात्र 6 वर्ष की उम्र में उन्होंने श्रद्धा नाथ महाराज के शिष्यत्व को स्वीकार किया. अपनी शिक्षा के प्रति रुचि के चलते उन्होंने दसवीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की और नवलगढ़ के पोद्दार कॉलेज से बीए की डिग्री हासिल की.
संत बैजनाथ महाराज ने 1960 में लक्ष्मणगढ़ के भारतीय विद्यापीठ कोठारी स्कूल में प्रिंसिपल के रूप में कार्यभार संभाला और 1985 तक इस पद पर रहते हुए शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दिया. इसके बाद वे श्रद्धा नाथ आश्रम के पीठाधीश्वर बने और शिक्षा तथा अध्यात्म का प्रचार-प्रसार जारी रखा. श्रद्धा नाथ आश्रम आज योग, वेदों और भारतीय संस्कृति के अध्ययन का प्रमुख केंद्र बन चुका है. यहां देशभर से विद्यार्थी ज्ञान अर्जित करने आते हैं. पद्मश्री सम्मान की घोषणा से लक्ष्मणगढ़ ही नहीं, पूरे क्षेत्र में गौरव और उत्साह का माहौल है.
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