सीकर में आयोजित हुई साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत, 26 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई
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सीकर में आयोजित हुई साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत, 26 हजार से ज्यादा मामलों की सुनवाई

First National Lok Adalat: सीकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से शनिवार को इस साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. जिले में लगने वाली  राष्ट्रीय लोक अदालत में  कई प्रकार के मामलों का निपटारा किया जाएगा. 

First National Lok Adalat In Sikar ZeeRajasthan

Sikar News : सीकर  जिले में साल की पहली राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन शनिवार को  सीकर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट परिसर में किया गया. इस लोक अदालत में सिविल प्रकरण, धारा 138 एनए एक्ट, धन वसूली, एमएसीटी एक्ट, श्रम और नियोजन, फैमिली मैटर, भूमि अधिग्रहण, मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित  मामलों पर सुनवाई की गई.   

नए साल की पहली लोक अदालत में फैमिली कोर्ट की बेंच ने 2 साल से अलग रह रहे पति-पत्नी के तलाक के केस की सुनवाई की.  वहीं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव धर्मराज मीणा ने जानकारी देते हुए बताया कि, राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत सीकर जिले में सुनवाई  के लिए 18 बेंच बनाए गए हैं. इसके 5 बेंच सीकर जिला मुख्यालय में है और 13 बेंच जिले की अन्य कोर्ट में है.

गौरतलब है कि सीकर जिले में सुनवाई के लिए लोक अदालत ने साढ़े सात हजार प्रकरण चिन्हित किए हैं. जिसमें से साढ़े अठारह हजार फ्री लिटिगेशन के मामले हैं. शनिवार को जिले की लोक अदालत में लगभग 26 हजार मामलों की सुनवाई हुई.  जिसमें  सबसे ज्यादा प्री-लिटिगेशन के मामले थे. 

प्री-लिटिगेशन मामलें क्या होते है

 प्री-लिटिगेशन बेंच में सबसे ज्यादा वही मामले आते हैं, जो कोर्ट में  ज्यादा समय तक लंबित नहीं होते है. इसके अलावा फैमिली कोर्ट के मामलों में भी लोगों को काफी फायदा मिलता है. वही शनिवार को फैमिली कोर्ट के तीन मामलों का निस्तारण किया गया है. मामलें हल होने के बाद विवाहित जोड़े एक-दूसरे के साथ घर जाने के लिए राजी हुए.

इस बारें में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव धर्मराज मीणा ने कहा कि,  लोक अदालत में आमजन को बीच का सस्ता, सुलभ न्याय मिलता है.  इसके लिए कोई अपील नहीं करनी पड़ती. लोक अदालत में प्रकरण आने के बाद तुरंत  निपटारा होता है. इसमें में सुनवाई के लिए आने वाले केसिस में न तो किसी की जीत होती है और न ही किसी की हार.

लोक अदालत में मामलों का निपटराना करने वाले विशिष्ट न्यायाधीश एमएसीटी बेंच और समझौता पीठासीन अधिकारी रेखा राठौड़ ने बताया कि,  सीकर जिले के रहने वाले एक जोड़े में तलाक का मामला पिछले 3 वर्षों से फैमिली कोर्ट में चल रहा था. पति-पत्नी मन - मुटाव के कारण 3 वर्षों से अलग-अलग रह रहे थे. महिला का एक बेटा भी है.
मामला लोक अदालत में आने के बाद दोनों पक्षों के वकीलों ने जोड़े की काउंसलिंग करवाने के साथ उनकी समझाइश भी की. जिसके बाद विवाहित जोड़ा एक साथ रहने के लिए राजी हो गया. दोनों ने एक दूसरे को कोर्ट में माला पहनाई और मिठाई खिलाई.

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