Jaipur News: मानसून से पहले नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर प्रशासन ने नालों की सफाई का काम शुरू करवा दिया है. निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा के निर्देश पर दोनों नाले नागतलाई और कागदीवाड़ा नाले की सफाई को लेकर गैराज शाखा के कर्मचारी और मशीनें रोज सैंकड़ों टन मलबा नालों से निकाल रहे हैं.
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Jaipur News: मानसून से पहले नगर निगम हेरिटेज और ग्रेटर प्रशासन ने नालों की सफाई का काम शुरू करवा दिया है. हेरिटेज नगर निगम के क्षेत्र में आने वाले दो बड़े नालों की सफाई कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है. निगम आयुक्त अभिषेक सुराणा के निर्देश पर दोनों नाले नागतलाई और कागदीवाड़ा नाले की सफाई को लेकर गैराज शाखा के कर्मचारी और मशीनें रोज सैंकड़ों टन मलबा नालों से निकाल रहे हैं. दोनों नालों के मानसून में उफान को देखते हुए निगम आयुक्त सुराणा ने निगम को एक जून तक नाले की सफाई पूरी करने के निर्देश दिए हैं.
इसे लेकर गैराज शाखा उपायुक्त बलराम मीणा ने बताया कि दोनों नालों की सफाई 16 मार्च से शुरू हो चुकी है. अब तक करीब दो किलोमीटर नाले का मलबा निकाला जा चुका है. करीब पांच जेसीबी के जरिए नालों से रोज सैंकड़ों टन मलबा निकाला जा रहा है. पिछले पांच दिनों में ही दोनों नालों से करीब 2500 टन मलबा निकाला जा चुका है. दोनों नालों से पांच फीट की गहराई तक मलबा निकाला जा रहा है.
इन दोनों नालों के कुछ जगहों पर पानी के रूकाव की समस्या को देखते हुए छह से सात फीट की गहराई तक का कचरा निकाल कर सफाई कराई जा रही है. निगम आयुक्त ने 1 जून तक दोनों नालों की सफाई का टास्क दिया है. इसके लिए निगमकर्मी पूरी तरह से लगे हुए हैं. मलबा उठाने के लिए करीब 30 ट्रेक्टर लगे हुए हैं, जो कि प्रतिदिन छह से सात फेरे लगा रहे हैं.
हेरिटेज निगम क्षेत्र में दो ही बड़े नाले आते हैं, जिनमें नागतलाई नाला और कागदीवाडा नाला है. नागतलाई नाला दिल्ली रोड पर स्थित आमागढ की पहाडियों की तलहटी में स्थित नागतलाई कॉलोनी से शुरू होता है, जो कि गलता गेट, ईदगाह, बास बदनपुरा और रामगढ मोड होते हुए जलमहल पर समाप्त होता है. इसकी कुल लम्बाई करीब छह से सात किमी है. दूसरा नाला परकोटे के दो प्वाइंट से शुरू होता है, पहला गोविंद देव जी मंदिर के पीछे से
दूसरा नाहरी का नाका स्थित बंधा बस्ती से. जो कि ब्रह्मपुरी में चौगान स्टेडियम में आकर पहले नाले में मिल जाता है. वहां से ये नाले जोरावर सिंह गेट होते हुए कागड़ीवाडा से जल महल पर समाप्त होता है. ये करीब पांच किमी लंबा है. पिछली बार मानसून की बारिश के दौरान कई बार दोनों नालों में पानी उफान मार कर सड़क तक आ गया था, जिससे कई बार आम जनता को समस्या का सामना करना पड़ा था.