rajasthan politics: सीएम गहलोत के सलाहकार ने गजेंद्र सिंह शेखवात की पोल खुलने का दावा किया है. जानिए ये पूरा मामला क्या है.
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सवाई माधोपुर न्यूज: ईआरसीपी(पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) को राष्ट्रीय परियोजना केन्द्र सरकार घोषित करे नहीं तो आने वाले दिनों में पूर्वी राजस्थान में यह मुद्दा और गर्माया जाएगा. मुख्यमंत्री के सलाहकार एवं विधायक रामकेश मीना रविवार को अपने निवास पर प्रेसवार्ता में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) को राष्ट्रीय परियोजना में बाधाएं उत्पन्न कर रही है.
ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) की योजना तत्कालीन भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के समय वर्ष 2016 में बनाई गई थी. जिसे सीडब्ल्यूसी व अन्य अधिकृत संस्थानों द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई थी. राजस्थान में अजमेर एवं जयपुर दौरे के दौरान इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का आश्वासन दिया था.
परन्तु केन्द्र सरकार ने इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करना तो दूर वरन बंद करने तक के निर्देश दिए जा रहे है. जो अत्यन्त निन्दीय है.उन्होंने कहा कि इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के लिए सिंचाई एवं पेयजल उपलब्ध होना प्रस्तावित डुंगरी बांध से लाभान्वित होना है. लेकिन अभी तक डूंगरी बांध को प्राथमिकता से लिया हुआ नहीं है. उन्होंने कहा कि केन्द्रीय जल शक्तिमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा इस परियोजना को जानबूझकर लम्बित किया जा रहा है.
जिससे 13 जिलों के किसानों में भारी आक्रोश है. उन्होंनें कहा कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय परियोजना को लेकर किसानों को बेवकूफ बना रही है. अगर किसानों को पानी नहीं मिलेगा तो किसान खाद्य का क्या करेंगे. विधायक रामकेश मीणा ने कहा कि 24 अगस्त को गजेन्द्रसिंह शेखावत जलशक्ति मंत्री भारत सरकार के काफिले के सामने ई.आर.सी.पी. के मुद्दे को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा काले झण्डे दिखाकर ई.आर.सी.पी. को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं करने पर अपना विरोध दर्ज करवाया था.
जिसे लेकर शेखावत ने मेरे विरूद्ध पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करा दी थी. वह भ्रमित आंकड़े पेश कर परियोजना को विवादित करने का बयान देते रहे. क्योंकि केन्द्र सरकार 75 प्रतिशत डिपेण्डेविलिटी पर ही राष्ट्रीय परियोजना घोषित होने का तर्क दे रही है और मध्यप्रदेश सरकार से एन.ओ.सी.लाने की बात कर राजस्थान की जनता को गुमराह कर रहे हैं.
गजेन्द्रसिंह शेखावत की पोल खुलने का दावा
जिसका पर्दाफाश पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने भाषण में इसका पूर्णत: खुलासा कर दिया है. जिसमें साफ कहा है कि वर्ष 2005 में ही मध्यप्रदेश सरकार से समझौता हो चुका है एवं डी.पी.आर. 50 प्रतिशत पर बनाई गई थी. जिसे सी.डब्ल्यू.सी. ने एवं मध्यप्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया था और कार्य चालू हो चुका था. नवनेरा बैराज और ईसरदा बांध पर कार्य प्रगति पर है. ऐसे में गजेन्द्रसिंह शेखावत की पोल खुल चुकी है और 13 जिलों के किसानों को प्यासा रखने का उनका इरादा साफ दिखाई दे रहा है. ई.आर.सी.पी. पर 13 जिलों के किसान अब उनके भ्रमजाल में आने वाले नही हैं.
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