World Tribal day: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला सम्मेलन का आयोजन, पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे हजारो लोग
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World Tribal day: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला सम्मेलन का आयोजन, पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे हजारो लोग

World Tribal day: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के सुखाड़िया स्टेडियम में आज आदिवासी परिवार की ओर से विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला सम्मेलन का आयोजन किया गया. 

World Tribal day: विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला सम्मेलन का आयोजन, पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचे हजारो लोग

World Tribal day: राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के सुखाड़िया स्टेडियम में आज आदिवासी परिवार की ओर से विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर जिला सम्मेलन का आयोजन किया गया. आयोजन में पारंपरिक वेशभूषा में बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं एवं पुरुष शामिल हुए. सम्मेलन में वक्ताओं ने आदिवासी संस्कृति और उनकी धार्मिक आस्थाओं को मिटाने के लिए देश में जो षड्यंत्र चल रहे हैं उनकी आलोचना की .सम्मेलन में शामिल आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा में वाद्य यंत्रों के साथ पहुंचे थे. 

गौरतलब है कि आदिवासी परिवार विद्यार्थियों, कर्मचारियों और राजनीतिक क्षेत्र में पूरी तरह से सक्रिय है. आदिवासी परिवार के प्रदेश संयोजक रमेश मईडा ने बताया कि आदिवासी संस्कृति और उनकी अस्मिता को बचाने के लिए आदिवासी परिवार पूरी तरह कृत संकल्प है. आज विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सुखाड़िया स्टेडियम में जिला स्तरीय आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया गया. यहां पर अपने संबोधन में परिवार के राष्ट्रीय संयोजक मांगीलाल निनामा ने कहा कि देश की आजादी के बाद से आदिवासियों की लगातार उपेक्षा की जा रही है.

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केंद्र सरकार और राज्य सरकार आदिवासियों को केवल वोट के रूप में उपयोग कर रही है. आदिवासी इलाकों में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. कई इलाकों में उन्हें उनके संवैधानिक अधिकार नहीं मिल रहे हैं.  इस दौरान मांग की गई की जनजाति क्षेत्र में उनके लिए 100% आरक्षण तय किया जाए साथ ही जल, जंगल और जमीन पर उनका आधिपत्य हो, सुखाड़िया स्टेडियम में आयोजित इस आदिवासी सम्मेलन में बड़ी संख्या में आदिवासी पारंपरिक वेशभूषा में और वाद्य यंत्रों के साथ पहुंचे थे. 

सुखाड़िया स्टेडियम में जुटी भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस की ओर से भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. यहां पर समाज की एकता के लिए कार्य करने वाले प्रतिनिधियों को भी सम्मानित किया गया .कार्यक्रम के समापन पर पारंपरिक गैर नृत्य का भी आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं ने उत्साह के साथ भाग लिया. आदिवासी परिवार के इस आयोजन में जुटी भारी भीड़ के कई मायने निकाले जा रहे हैं. आने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा के लिए आदिवासी परिवार खतरे की घंटी बन सकता है.

REPORTER- HITEST UPADHYAY

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