राजस्थान में किसानों की बल्ले-बल्ले,लागू को हो गई नई योजना, गिरदावरी का रास्ता साफ
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राजस्थान में किसानों की बल्ले-बल्ले,लागू को हो गई नई योजना, गिरदावरी का रास्ता साफ

Rajasthan news: राजस्थान में गहलोत सरकार ने किसानों के लिए नई योजना लेकर आई है,आपको बता दें इस योजना से किसानों में खुशी की लहर है,क्योंकि राजस्थान में अब काश्तकार खुद अपने खेत में फसल की गिरदावरी करेंगे.अब कई तरह की समस्याओं से राहत मिलेगी.

 

राजस्थान में किसानों की बल्ले-बल्ले,लागू को हो गई नई योजना, गिरदावरी का रास्ता साफ

Rajasthan news: राजस्थान में अब काश्तकार खुद अपने खेत में फसल की गिरदावरी करेंगे. राजस्थान में पहली बार यह व्यवस्था लागू होने जा रही है, जिस तरह इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जिम्मेदारी आमजन की होती है,उसी तरह फसल की गिरदावरी करने की जिम्मेदारी भी अब काश्तकार की होगी.ये सब कैसे होगा.

सरकारी नुमाइंदों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा

राजस्थान के किसान अब अपनी फसलों के खराबे का आकलन खुदकर पाएंगे.इसके लिए भू-प्रबंध विभाग ने किसान गिरदावरी एप लांच कर दिया है.इसके इस्तेमाल से किसान फसल खराब होने के तुरंत बाद एप के जरिए गिरदावरी रिपोर्ट बना सकेंगे.एप लांच होने का फायदा यह होगा कि किसानों को बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि या सरकारी नुमाइंदों का गिरदावरी के लिए इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

किसान गिरदावरी एप

राजस्व मंडल अजमेर एवं भू-प्रबंध आयुक्त (नोडल अधिकारी, डीआईएलआरएमपी), भू-प्रबंध विभाग, जयपुर की ओर से सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के माध्यम से तीन प्रकार के मोबाइल एव तैयार करवाए गए हैं तथा तीनों ही एप प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं.पहला किसान गिरदावरी एप है.

सीडिंग एप भी लॉंच कर दिए हैं

सरकार ने किसान गिरदावरी एप के साथ-साथ राजस्व अधिकारी (पटवारी) एप और जनाधार खाता सीडिंग एप भी लॉंच कर दिए हैं.इस एप के जरिए किसान के जनाधार से खाते और खसरे को जोड़ा जाएगा.साथ ही खाते और खसरे को मैप भी किया जा सकता है.किसान गिरदावरी एप को इस्तेमाल करने के लिए काश्तकारों को खराब हुए खेतों में जाना होगा.एप को जनाधार नंबर से लॉग-इन करना होगा. 

 खसरा नंबर डालते ही यह खुल जाएगा

इसके बाद कंफर्मेशन के लिए ओटीपी आएगा.फिर किसानों को जिला,तहसील और पटवार मंडल सलेक्ट करना होगा.खेत का खसरा नंबर डालते ही यह खुल जाएगा.इसमें सिंचिंत,असिंचित एरिया,खेत में फसल की फोटो और किस्म डालकर सेव करना होगा.

फिर किसानों को देशांतर और अक्षांक्ष भी डालना होगा.एप के माध्यम से फसल के अलावा फूल, फल और बागवानी की गिरदावरी भी की जा सकेगी.सारी डिटेल्स भेजने के बाद पटवारी इसे वेरिफाइ करेगा.

जनआधार सिडिंग एप बनाया गया है

इसके लिए तीसरा जनआधार सिडिंग एप बनाया गया है,जिसके माध्यम से काश्तकार अपना जनआधार पटवारी को उपलब्ध करवाएंगे.पटवारी उस जनआधार को काश्तकार के खेत के खसरो से लिंक करेंगे.जिसके बाद काश्तकार के खेत का खसरा जनआधार से लिंक हो जाएगा.जैसे ही काश्तकार किसान गिरदावरी एप को लॉगिन करेगा.

आंकड़ों के लिए खेत पर जाना ही होगा

गिरदावरी कार्य में मुख्य बात यह है कि पूरी प्रक्रिया काश्तकार को अपने खेत में उपस्थित रहकर करनी होगी. क्योंकि जियो टैग के आधार पर पूरा कार्य होगा, जिसके कारण यह कार्य सबंधित खसरे में खड़े होकर या लगभग 50-60 फीट की परिधि में रहकर ही करना होगा.गिरदावरी को प्रमाणित करने के लिए भी एक राजस्व अधिकारी एप बनाया गया,जिससे पटवारी गिरदावरी को प्रमाणित करने का कार्य करेंगे एवं यदि काश्तकारों के खसरो में फसल खराबा हुआ है, तो खराबा दर्ज करने का कार्य पटवारी इसी एप से करेंगे.काश्तकार को गिरदावरी करने में आसानी रहें.

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