कोटा: श्रमदान करते हुए याद आए बापू, जानिए क्यों
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कोटा: श्रमदान करते हुए याद आए बापू, जानिए क्यों

वर्धा से आए मुख्य प्रशिक्षक मनोज ठाकरे प्रशांत नागोसे ने गांधीजी की प्रातःकालीन दिनचर्या के बारे में बताते हुए प्रकृति संरक्षण और सर्वधर्म समभाव के साथ प्रकृति वंदना कराई.

श्रमदान करते हुए याद आए बापू

Kota: संभाग स्तरीय गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन आयोजित श्रमदान कार्यक्रम में संभागीय आयुक्त दीपक नन्दी और गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक पंकज मेहता के नेतृत्व में प्रशासनिक अधिकारियों और प्रशिक्षणार्थियों और गांधीवादी विचारकों ने गणेश उद्यान में सफाई के लिए हाथों में गैंती, फावड़ें, परात उठाकर गांधीजी के संदेश को जीवंत किया.

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प्रशिक्षण शिविर की शुरूआत प्रातःकालीन प्रकृति वंदना और योगासन से की गई. वर्धा से आए मुख्य प्रशिक्षक मनोज ठाकरे प्रशांत नागोसे ने गांधीजी की प्रातःकालीन दिनचर्या के बारे में बताते हुए प्रकृति संरक्षण और सर्वधर्म समभाव के साथ प्रकृति वंदना कराई. सभी प्रशिक्षणार्थियों को सुक्ष्म योगाभ्यास कराते हुए स्वस्थ्य जीवन के लिए योग को नियमित दिनचर्या में अपनाने की सीख दी. प्रकृति वंदना में संभागीय आयुक्त दीपक नन्दी, जिला कलेक्टर ओपी बुनकर, गांधी दर्शन समिति के जिला संयोजक पंकज मेहता, सह संयोजक संदीप दिवाकर सहित देशभर से आए गांधीवादी विचारक, संभाग के जिला से आये प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया.

राष्ट्रपिता गांधीजी के श्रमदान के महत्व को साकार करते हुए आवासीय शिविर में भाग लेने आए प्रशिक्षणार्थियों, प्रशासनिक अधिकारियों और गांधीवादी विचारकों ने गणेश उद्यान में साफ-सफाई और पेड़ों की खरपतवार हटाने का कार्य किया. प्रशिक्षण में भाग लेने वाले 200 से अधिक प्रशिक्षणार्थियों और अधिकारी गण के हाथों में फावडे, परात और झाडू देखकर आम नागरिकों ने भी श्रमदान में उत्साहपूर्वक भाग लेकर उद्यान में जगह-जगह फैले कचरे और पौधों के पास उगे खरपतवार को हटाने का कार्य किया. उद्यान में बनी छतरियों, पेड़, पौधों के आसपास फैले पाउच और पॉलीथीन को देखकर गांधवादी विचारकों ने उद्यान में भ्रमण करने वाले नागरिकों को गांधी जी का प्रकृति सरंक्षण को संदेश बताकर ऐसे कचरा फैलाने वालों का विरोध करने के लिए प्रेरित किया.

संभागीय आयुक्त दीपक नंदी जिला कलेक्टर ओपी बुनकर सहित सभी प्राशासनिक अधिकारियों ने भी फावड़ा, गैंती लेकर पेड़ों की खरपतवार हटाने का कार्य किया. वहीं प्रशिक्षणाथियों का दस-दस का गु्रप बनाकर एरिया वार सफाई का लक्ष्य दिया. लगभग दो घंटे तक चले श्रमदान में दो टीपर खरपतवार और कचरे की सफाई की गई. जिला समन्यवयक पंकज मेहता ने कहा कि श्रमदान का उद्देश्य दैनिक जीवन में ढाल कर नियमित रूप से गांधीजी के विचारों को जन-जन तक पहुचाना है. 

उन्होंने सभी प्रशिक्षणार्थियों को सार्वजनिक स्थानों पर कचरा नहीं फैलाने और प्रकृति संरक्षण के लिए कार्य करने का आव्हान किया. इस अवसर पर प्रदेश समिति के सह संयोजक हेमन्त धारीवाल, मुख्य प्रशिक्षक मनोज ठाकरे, प्रशांत नागोसे, ओंक के संयोजक अनुराग गौतम, झालावाड की मीनाक्षी चन्द्रावत, बूंदी के राजकुमार माथुर, बारां के कैलाश जैन और बिकानेर के संजय आचार्य, कोटा के सह संयोजक संदीप दिवाकर सहित सभी प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहें.

Reporter: Himanshu Mittal

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