Kota Kirodi Lal Meena : कोटा में वीरांगनाओं के समर्थन में आज एबीवीपी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. शहीद स्मारक पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार का पुतला फूंका. गवर्मेंट कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सामरिया ने वीरांगनाओं की मांगे नहीं मानने पर सीएम आवास के घेराव की चेतावनी दी.
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Kota Kirodi Lal Meena : कोटा में वीरांगनाओं के समर्थन में आज एबीवीपी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया,,,शहीद स्मारक पर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार का पुतला फूंका,,,,गवर्मेंट कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सामरिया ने वीरांगनाओं की मांगे नहीं मानने पर सीएम आवास के घेराव की चेतावनी दी. सामरिया ने कहा कि 3 वीरांगनाएं लंबे समय से जयपुर में धरने पर बैठी हुई है. सीएम व बड़े-बड़े मंत्री शहीदों की वीरांगनाओं के घर पर जाकर वादे करके आए थे. लेकिन अभी तक उन वादों को पूरा नहीं किया गया. जिसको लेकर लोगो में खासा आक्रोश है.
जब ये वीरांगनाएं अपनी मांगों को लेकर सरकार तक पहुंची तो मुख्यमंत्री के पास मिलने तक का समय नहीं है. उल्टा पुलिसकर्मी उनके साथ अभद्रता व मारपीट करते हैं. उसके बावजूद राजस्थान सरकार का एक प्रतिनिधि शहीदों की वीरांगनाओं से मिलने नहीं आया. अगर जल्द से जल्द वीरांगनाओं की मांग नहीं हुई थी. एबीवीपी कार्यकर्ता सीएम आवास का घेराव करेंगे.
बता दें कि पुलवामा शहीद की तीन वीरांगनाएं, मंजू जाट पत्नी शहीद रोहिताश लांबा, मधुबाला मीणा पत्नी शहीद हेमराज मीणा और सुंदरी देवी पत्नी शहीद जीतराम गुर्जर. पिछले 7 दिनों से यह तीनों वीरांगनाएं और इनके परिजन राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. पहले इन्होंने विधानसभा पर धरना दिया, जहां से पुलिस ने इन्हें हटा दिया. उसके बाद जब वीरांगनाएं राजभवन राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात करने गई और वहां से सीएमआर की ओर जाने का प्रयास किया. जिस पर पुलिस ने इन्हें रोका और वहां से पुलिस जीप में डालकर उन्हें शहीद स्मारक पर छोड़ दिया. इस दौरान वीरांगनाओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें घसीटा, उनके बाल खींचे, उनके साथ मारपीट की. जिससे वीरांगना मंजू जाट की तबीयत बिगड़ गई और उसे एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद रविवार रात सरकार ने एक बयान जारी किया. जिसमें सरकार ने कहा कि हमने पुलवामा शहीद की वीरांगनाओं को कारगिल शहीद के बराबर का पैकेज दिया है.
1. जिसमें 50 लाख रुपए नगद (25 लाख नगद और 25 बीघा जमीन अथवा हाउसिंग बोर्ड का एक मकान)
2. शहीद के माता पिता को 5 लाख की एफडी. जिससे उन्हें मासिक आय होती रहे.
3. शहीद की वीरांगना को सरकारी नौकरी अगर वह नहीं चाहे तो अपने पुत्र पुत्री के लिए सुरक्षित रख सकती है
4. शहीद की याद को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए सरकारी स्कूल में अन्य किसी राज्य संस्थान का नाम उसके नाम से करने का प्रावधान
5. शहीद के माता-पिता और वीरांगनाओं को राजस्थान रोडवेज में फ्री पास की सुविधा.
सरकार का कहना है कि वीरांगनाओं को यह पूरा पैकेज दे दिया गया है. वीरांगना मंजू जाट और सुंदरी देवी ने अपने पुत्र व पुत्री के लिए सरकारी नौकरी सुरक्षित रखी थी. अब वह चाहती है कि उनके देवर को यह सरकारी नौकरी दी जाए जो कि नियमों में नहीं है. शहीद हेमराज मीणा के मूर्ति दो जगह पर लग चुकी है आप वीरांगना मधुबाला मिलना चाहती है कि सांगोद चौराहे पर भी उनकी मूर्ति लगाई जाए जो कि न्यायोचित नहीं है.