Osian News : मारवाड़ महोत्सव में लोक कलाकारों ने बांधा समां
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan1387897

Osian News : मारवाड़ महोत्सव में लोक कलाकारों ने बांधा समां

बालीवुड सिंगर मोहम्मद आफताब हुसैन की तरफ से बैण्ड के फिल्मी-राजस्थानी गीतों पर लोग झूम उठे. 

Osian News : मारवाड़ महोत्सव में लोक कलाकारों ने बांधा समां

Osian News : राजस्थान पर्यटन विभाग और जोधपुर जिला प्रशासन की ओर से आयोजित सांस्कृतिक संध्या में देश-विदेश में अपने फन की धूम मचाने वाले लोक कलाकारों ने लोक वाद्यों की धुनों पर एक से बढ़कर एक से बढ़कर एक लोक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया. 

सांस्कृतिक संध्या के उद्घोषक के रूप में प्रमोद सिंघल और जागृति उपाध्याय ने उद्घोषणा के जरिये सांस्कृतिक संध्या के माधुर्य को यादगार बना दिया. सांस्कृतिक संध्या में राजेन्द्र परिहार की तरफ से शहनाई वादन, कासम खान एण्ड पार्टी द्वारा लंगा गायन, गौतम परमार का भवाई नृत्य, लीला देवी का चरी नृत्य, महमूद का भपंग वादन आदि ने ख़ासा मनोरंजन किया. 

बालीवुड सिंगर मोहम्मद आफताब हुसैन की तरफ से बैण्ड के फिल्मी-राजस्थानी गीतों पर लोग झूम उठे. सुआ देवी और पार्टी का कालबेलिया नृत्य, ममता छबड़ा एवं पार्टी की तरफ से पेश चकरी नृत्य सराहा गया. श्री राधे ब्रज लोक कला समिति के जितेन्द्र ब्रजवासी और  पार्टी द्वारा प्रस्तुत मयूर नृत्य एवं फूलों की होली ने शरद पूर्णिमा के रास की याद दिला दी.

इस मौके पर उपखण्ड अधिकारी राजकेश मीणा, पर्यटन विभाग के उप निदेशक भानुप्रताप, सहायक निदेशक डॉ. सरिता फिडोदा सहित विभागीय अधिकारी अनिल लोल, शरद व्यास, सुजीत जोशी, लेखा अधिकारी पद्मिनी डूडी, कनिष्ठ सहायक महेन्द्र जयपाल सहित प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारीगण, जनप्रतिनिधिगण, पर्यटक तथा बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे। ओसिया में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आनंद पाने उमड़े सैकड़ों रसिकों ने कलाकारों की प्रस्तुतियों का भरपूर लुत्फ उठाया.

कार्यक्रम में फिल्मी गानों के शामिल करने पर लोगों में होती दिखी नाराजगी की चर्चा, राजस्थान की संस्कृति से जुङे ही गाने शामिल करने की मांग
कोरोना के चलते दो साल बाद हुए मारवाड़ महोत्सव में राजस्थान की संस्कृति कला के गानों के साथ फिल्मी गानों को शामिल करने पर दर्शकों में नाराजगी की चर्चा होती देखी गयी. लोगों ने कहा कि राजस्थान के सांस्कृतिक कार्यक्रम में राजस्थानी की कला और संस्कृति के कार्यक्रम ही शामिल करने चाहिए थे. फिल्मी गानों से कार्यक्रम की शोभा कम होती दिखी. फिल्मी गानों की वजह से लोग भी जल्दी ही कार्यक्रम से निकलते दिखे.

रिपोर्टर-अरुण हर्ष

Kishanganj News : यूरिया के बारिश में भीगते खड़े रहे किसान, कई खाली हाथ लौटे घर

Trending news