एम्स जोधपुर ने 3 भारतीय स्टार्टअप के साथ अनुसंधान सहयोग के लिए एमओयू पर किए हस्ताक्षर
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एम्स जोधपुर ने 3 भारतीय स्टार्टअप के साथ अनुसंधान सहयोग के लिए एमओयू पर किए हस्ताक्षर

चार स्टार्टअप्स की पहचान इनोवेशन सेंटर के माध्यम से की गई है. जो भारत, स्वीडन और विश्व स्तर पर उच्च क्षमता वाले हेल्थकेयर स्टार्ट-अप को मेंटरशिप की एक संरचित प्रक्रिया के माध्यम से सक्षम बनाता है. 

एम्स जोधपुर ने 3 भारतीय स्टार्टअप के साथ अनुसंधान सहयोग के लिए एमओयू पर किए हस्ताक्षर

Luni: भारत-स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर की छत्रछाया में स्वीडिश ट्रेड कमिश्नर कार्यालय एस्ट्राजेनेका भारत (AstraZeneca India) एम्स नई दिल्ली और एम्स जोधपुर के बीच एक सहयोग है. एम्स जोधपुर ने आज भारतीय स्टार्टअप्स ऐंद्रा (AINDRA), ब्रेनसाइट एआई (BrainSight AI) और Dozee(डोजी) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए. वहीं एम्स संस्थान के साथ और वहां पर अनुसंधान करने के लिए और एक अन्य स्टार्टअप Jeevtronics ने आधिकारिक तौर पर परिनियोजन के लिए अपना उपकरण अस्पताल को सुपुर्द किया.

सभी चार स्टार्टअप्स की पहचान इनोवेशन सेंटर के माध्यम से की गई है. जो भारत, स्वीडन और विश्व स्तर पर उच्च क्षमता वाले हेल्थकेयर स्टार्ट-अप को मेंटरशिप की एक संरचित प्रक्रिया के माध्यम से सक्षम बनाता है और आज के हस्ताक्षर ने इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर चिह्नित किया है.

ऐंद्रा (AINDRA) एक हेल्थटेक स्टार्टअप है जिसका उद्देश्य बाजार में कम्प्यूटेशनल पैथोलॉजी उत्पादों को पेश करना है जो प्वाइंट-ऑफ-केयर पर कुछ प्रकार के कैंसर का पता लगाने में सक्षम करके स्वास्थ्य सेवा को लोकतांत्रिक बनाने में सहायता करते हैं , एम्स जोधपुर और ऐंद्रा कम्प्यूटेशनल पैथोलॉजी के क्षेत्र में अकादमिक और अनुसंधान गतिविधियों में एक दूसरे के साथ सहयोग करेंगे , ऐंद्रा का प्रतिनिधित्व उनके संस्थापक आदर्श नटराजन ने किया.

ब्रेनसाइटएआई (BrainSightAI) ने एक उपकरण वॉक्सेलबॉक्स(Voxelbox) विकसित किया है जो मानव मस्तिष्क को बेहतर ढंग से समझने के लिए एक कार्यात्मक संयोजक दृष्टिकोण का उपयोग करता है. एम्स-जोधपुर और ब्रेनसाइटएआई डायग्नोस्टिक और इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी और न्यूरोसर्जरी विभाग के साथ कार्यात्मक न्यूरोरेडियोलॉजी के क्षेत्रों में अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करते हैं. इस अवसर पर ब्रेनसाइटएआई की संस्थापक लैना इमैनुएल शामिल हुईं.

वहीं डोजी (Dozee) भारत की पहली कॉन्टैक्टलेस रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग (आरपीएम) कंपनी है. समझौता ज्ञापन के माध्यम से एम्स जोधपुर डोजी से संबंधित नैदानिक ​​अनुसंधान पहल के लिए अनुसंधान केंद्र के तौर पर उपयोग किया जाएगा. सह-संस्थापक गौरव परचानी ने डोजी की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.

जीवट्रॉनिक्स (Jeevtronics) ने दुनिया का पहला ड्यूल पावर्ड डिफाइब्रिलेटर बनाया है. जिसे हैंड क्रैंक और ग्रिड पावर्ड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. जीवट्रॉनिक्स ने एम्स जोधपुर में मरीजों के परिनियोजन और लाभ के लिए एक डिवाइस सुपुर्द किया है. इनके संस्थापक आशीष गावाडे और अनिरुद्ध अत्रे हस्ताक्षर समारोह में शामिल हुए. सहयोगकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वालों में एम्स जोधपुर के निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा, डीन अकादमिक प्रो. कुलदीप सिंह, उप निदेशक प्रशासन एन.आर. बिश्नोई, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एम.के. गर्ग और डीन रिसर्च डॉ. पंकज भारद्वाज शामिल हुए.

साथ ही स्वीडिश ट्रेड कमिश्नर के कार्यालय से अमृत हिंदुजा, इंडिया-स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर के लीड और स्वीडिश ट्रेड कमिश्नर बेंगलुरू कार्यालय के हेड इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल हुए. नॉलेज पार्टनर, एस्ट्राजेनेका (Astrazeneca) का प्रतिनिधित्व इंडिया हेल्थ इनोवेशन हब के लीड शुभंकर बसाक और बायोफार्मास्युटिकल बिजनेस यूनिट के बिजनेस यूनिट हेड अमित भाकरी द्वारा किया गया था.

साथ ही नवीन तकनीकों की आवश्यकता के बारे में बताते हुए एम्स जोधपुर के निदेशक, डॉ संजीव मिश्रा ने कहा, महामारी ने रोगियों को स्वास्थ्य सेवा समाधान देने का एक नया तरीका खोल दिया है और पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में कई शीर्ष स्टार्टअप आगे आए हैं , इस पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य त्वरित बदलाव समय के साथ रोगी की यात्रा को और अधिक कुशल बनाने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाने में मजबूती लाना है.

स्टार्टअप्स के पोषण के महत्व पर विस्तार से बात करते हुए भारत में स्वीडिश ट्रेड कमिश्नर, सेसिलिया ऑस्करसन ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में तकनीकी प्रगति पर ध्यान देना प्रशंसनीय है, खासकर जब बात स्टार्टअप्स की और उन समाधानों कि हो जो रोगी देखभाल और सहायता को बेहतर बनाने के लिए प्रदान किए जा रहे हैं. हमें ऐसे अनुसंधान सहयोगों पर हस्ताक्षर करने पर प्रसन्नता हो रही है जो भारत और उसके बाहर मौजूदा स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में वृद्धि लाएंगे.

*भारत-स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर के बारे में*

भारत-स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर एम्स दिल्ली एम्स जोधपुर और स्वीडिश ट्रेड कमिश्नर कार्यालय के बीच एक त्रिपक्षीय सहयोग है. मंच को खुले नवाचार का एक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिए बनाया गया है. जिसका उपयोग स्टार्ट-अप और स्वास्थ्य सेवा वितरण हितधारक भारत में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों को सहयोग करने और संबोधित करने के लिए कर सकते हैं. यह मंच भारत सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा के लिए मितव्ययी नवाचार के माध्यम से विकास और समाधानों को सक्षम करेगा.

वहीं इनोवेशन सेंटर भारत और स्वीडन के बीच स्वास्थ्य के समझौता ज्ञापन के तहत एक पहल है और भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR), स्वीडन के स्वास्थ्य और सामाजिक मामलों के मंत्रालय और भारत में स्वीडन के दूतावास से प्राप्त रणनीतिक मार्गदर्शन के अनुसार काम करता है,, इसके पास पारिस्थितिकी तंत्र भागीदारों का एक मजबूत नेटवर्क भी है - अटल इनोवेशन मिशन, इन्वेस्ट इंडिया, एजीएनआईआई (AGNII), स्टार्ट-अप इंडिया, और नॉलेज पार्टनर - एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) और ए-कैटलिस्ट नेटवर्क( A-Catalyst Network) और नैसकॉम( NASSCOM) .

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