Hockey sarpanch reached KBC: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बुहाना ब्लॉक की लांबी अहीर ग्राम पंचायत की सरपंच नीरू यादव सुर्खियों में है. केसीबी(KBC 15) में सदी के महानायक बिग बी अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने का मौका दिया.
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Jhunjhunu hockey wali sarpanch in KBC 15 Season: हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति के शो में बतौर सेलिब्रिटी शामिल हुई राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बुहाना ब्लॉक की लांबी अहीर ग्राम पंचायत की सरपंच नीरू यादव सुर्खियों में है. दरअसल लीक से हटकर काम करने के कारण उन्हें ना केवल प्रसिद्धि मिली, बल्कि इसी प्रसिद्धि ने उन्हें केसीबी में सदी के महानायक बिग बी अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर बैठने का मौका दिया.
#KaunBanegaCrorepati mein aayi women power #ChhaviRajawat aur #NiruYadav ji, ek aisi misaal banna chahti hain, jisse kai mahilaon ko prerna milne wali hai!
Dekhiye #KaungBanegaCrorepati aaj raat 9 baje, sirf #SonyEntertainmentTelevision #KBC15#KBCOnSony pic.twitter.com/yLLpZQEL21
— sonytv (@SonyTV) September 11, 2023
सरपंच नीरू यादव 2020 में सरपंच बनीं थी. तीन साल में उन्होंने ना केवल महिलाओं और लड़कियों के लिए, बल्कि गांव के किसानों के लिए जो काम किए. उससे ना केवल गांव में अलग माहौल बना है, बल्कि वे पूरे देश के सरपंचों, खासकर महिला सरपंचों के लिए प्रेरणा बनकर आई है.
ये है नीरू यादव. राजस्थान के झुंझुनूं जिले के लाम्बी अहीर गांव की सरपंच. पोस्ट ग्रेजुएट तक पढाई करने के अलावा नीरू यादव ने बीएड व एमएड कर रखी है. साथ ही फिलहाल भी उनकी पढाई चालू है और वे पीएचडी कर रही है. 10 साल पहले नीरू यादव की शादी लांबी अहीर निवासी पीडब्लूडी एईएन अशोक यादव के साथ हुई थी. जिसके बाद वे लगातार गांव में सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेती रही. 2020 में 3 अक्टूबर को हुए सरपंच के चुनाव में नीरू यादव ने चुनाव जीता और गांव की बागडोर संभाली.
नीरू यादव ने बताया कि उन्होंने सरपंच का कार्यभार संभालते ही सबसे पहले उन विवाहिताओं को जागरूक करने का काम किया. जिनके पति की मृत्यु कम उम्र में हो गई और उन विवाहिताओं की पुरानी परिपाटी के तहत घर ही दूसरे युवक के साथ शादी कर दी जाती है.
इसके लिए उन्होंने ना केवल गांव में ऐसी महिलाओं से संपर्क किया. बल्कि एक शॉर्ट फिल्म के जरिए चूड़ा प्रथा, हाथ रूपया और पल्ले लगना जैसे शब्दों से उच्चारित की जानी वाली कुप्रथा को लेकर जागरूक किया. नीरू यादव ने बताया कि यह प्रथा आम बोलचाल में कुरीति नहीं मानी जाती, लेकिन उन्होंने खुद विवाहिताओं से बातचीत की तो पता चला कि महिलाएं परिवार के निर्णय को चुपचाप मानकर जीवनभर इस दंश को झेलती है.
इसके बाद नीरू यादव ने गांव को पर्यावरण की दृष्टि से सुखद माहौल में ले जाने के लिए गांव में ही बर्तन बैंक की स्थापना की। नीरू यादव ने बताया कि अक्सर हम देखते है कि गौमाता खाने के साथ प्लास्टिक का सेवन कर लेती है. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने गांव में विवाह-शादियों एवं अन्य अवसरों पर काम लिया जाना वाला सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करवा दिया. वे खुद एक बर्तन बैंक संचालित करती है. जहां कहीं भी आवश्यकता होती है. फ्री में बर्तन उपलब्ध करवाए जाते है.
सरपंच नीरू यादव ने बताया कि वे खुद हरियाणा की रहने वाली है. जहां पर खेलों को लेकर शानदार माहौल है. जब वे विवाह करके गांव आई और सरपंच बनीं, तो पता चला कि लड़कियों का रूझान खेलों की ओर बिल्कुल नहीं है. उन्हें यह भी पता चला कि एक समय में गांव की लड़कियों की हॉकी टीम सीमित संसाधन और बिना कोई प्रशिक्षण के स्टेट लेवल तक पहुंची थी. लेकिन इसके बाद परिवार वालों के कारण तथा संसाधन ना होने के कारण हॉकी खेलना छोड़ दिया.
इसलिए उन्होंने लड़कियों के परिजनों को मोटिवेट कर इन खिलाड़ियों को घर से मैदान तक लेकर आई. खुद का मानदेय इन लड़कियों के खेलों को समर्पित किया. अब गांव की लड़कियां ना केवल हॉकी, बल्कि अन्य खेलों में आगे आ रही है. हाल ही में उनके गांव की टीम ने ब्लॉक, डिस्ट्रिक्ट और स्टेट लेवल तक बाजी मारी है.
नीरू यादव ने ना केवल महिलाओं, बालिकाओं के लिए बल्कि गांव के किसानों के लिए भी लीक से हटकर काम किया और काफी राहत प्रदान की. नीरू यादव ने बताया कि अक्सर किसानों को खाद, बीज, यूरिया और डीएपी आदि कृषि आदानों के लिए लंबी लंबी लाइने लगानी पड़ती थी.
इसके बावजूद ना तो उन्हें पर्याप्त आदान मिल पाते थे और जो मिलते थे. उनके लिए भी औने-पौने दाम देने होते थे. जिसके लिए उन्होंने केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री किसान उत्पादक संगठन का गठन ब्लॉक स्तर पर किया. जिसमें 300 किसानों को जोड़ा. अब गांव के किसानों के समय पर और अच्छी गुणवत्ता वाले आदान मिलते है. साथ ही बिचौलियों की भी जरूरत नहीं होती. इसके साथ ही एफपीओ बनाया गया है. जिसका नाम सच्ची सहेली एग्रो महिला लिमिटेड दिया गया है.
राजस्थान की दोनों पॉपुलर महिला सरपंच हैं. दोनों ही अपने क्षेत्र में कई सोशल कामों के जरिये राजस्थान के अलावा देश भर में सुर्खियां भी बटोर रही हैं. इन दोनों के काम की अमिताभ बच्चन ने खूब सराहना की और बताया कि कैसे वो अपने क्षेत्र के विकास पर पूरा ध्यान दे रही हैं.
सरपंच नीरू यादव ने बताया कि उन्होंने गांव में यह भी देखा और अक्सर हर गांव में ऐसा होता है कि किसान अपनी छोटी-मोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए सेठ साहूकारों से लोन लेते है. लेकिन उनका ब्याज काफी अधिक होता है. जिससे यह पैसा लौटाने और ब्याज देने में किसानों की कमर टूट जाती है. पुराने जमाने में तो जमीन, गहने आदि गिरवी रखकर किसान पैसा लाते थे. जबकि महात्मा गांधी ने कहा था कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है. किसान देश का अन्नदाता है.
ऐसे में किसान की स्थिति दयनीय होगी तो तरक्की नहीं हो सकती. गांव की तरक्की के लिए किसानों को सृदृढ़ करना जरूरी है. उन्होंने गांव में भोमिया ग्राम सेवा समिति समिति का गठन किया. इसके लिए किसानों को जागरूक किया. अब किसानों के छोटे-मोटे लोन तो घर बैठे ही ना के बराबर ब्याज पर उपलब्ध हो रहे है. किसान इससे खुश भी है. उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि वे गांव में स्टेडियम बनाएं. जहां पर सभी लड़कियां खेले और गांव की टीमें नेशनल इंटरनेशनल स्तर तक खेलकर देश का नाम रोशन करें.
नीरू यादव ने भी सोचा भी नहीं था कि बचपन से आज तक जिस फेवरेट हीरो अमिताभ बच्चन की वो फिल्में देखती थी. उससे मिलने का मौका मिला. उन्होंने बताया कि केसीबी के अनुभव को वो शब्दों में बयां नहीं कर सकती. जब बिग बी के सामने हॉट शीट पर बैठी तो खुशी का ठिकाना नहीं था. उन्होंने कहा कि उन्होंने केबीसी में जो कहा था. वो हमेशा सभी को कहती है कि किसी भी महिला को कम नहीं आंकना चाहिए, जो महिला घर संभाल सकती है.
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वो हर क्षेत्र में अपना प्रदर्शन अच्छा कर सकती है. महिलाएं भी जब मौका मिले तो अपना 100 प्रतिशत दें. उन्होंने कहा कि बच्चों को उनके पिता के नाम से जाना व पहचाना जाता है. वे चाहती है कि महिलाएं भी जब मौका मिले तो ऐसा काम करें कि बच्चों को उनकी मां के नाम से जाना व पहचाना जाए.
इस मौके पर उन्होंने महिला सरपंचों के पति और प्रतिनिधियों से भी कहा कि वे महिलाओं के नाम पर चुनाव लड़ते है, जीतते है, तो उसके बाद महिलाओं को पीछे नहीं धकेले. बल्कि आगे लाकर उन्हें काम करने का मौका दें। सहयोग करें। महिलाएं बेहतर तरीके से पंचायत चला सकती है। महिला सरपंच भी मिटिंगों में खुद आकर पंचायत को लीड करें और अपना 100 प्रतिशत दें.
केबीसी में पहुंचने के बाद अब पूरा देश राजस्थान के झुंझुनूं जिले की सरपंच नीरू यादव को जानने लगा है. साथ ही पूरे देश की महिला सरपंचों के लिए नीरू यादव किसी प्रेरणा से कम नहीं है.