ना आना इस देस लाडोः झालावाड़ की 4 महीने की दामिनी को उड़ीसा में मिलेगा दुलार, नए मां-बाप के साथ हुई विदा
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ना आना इस देस लाडोः झालावाड़ की 4 महीने की दामिनी को उड़ीसा में मिलेगा दुलार, नए मां-बाप के साथ हुई विदा

Jhalawar News: झालावाड़ जिले के बाल अधिकारिता विभाग एवं बाल संरक्षण इकाई के जरिए बाल कल्याण समिति के माध्यम से बीते मंगलवार को 4 महीने की  दामिनी को उड़ीसा के एक दंपति ने गोद लिया.

ना आना इस देस लाडोः झालावाड़ की 4 महीने की दामिनी को उड़ीसा में मिलेगा दुलार, नए मां-बाप के साथ हुई विदा

Jhalawar News: झालावाड़ जिले के बाल अधिकारिता विभाग एवं बाल संरक्षण इकाई के जरिए बाल कल्याण समिति के माध्यम से बीते मंगलवार को 4 महीने की बच्ची को उड़ीसा के एक निवासी दंपति ने गोद लिया है. लंबे समय से इंतजार कर रहे इस उड़ीसा दंपति ने जैसे ही नन्ही सी मासूम को अपने हाथों में लिया उनकी आंखे खुशी से भीग गई और चेहरे पर मुस्कान उभर आई.

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बाल संरक्षण इकाई  और जिले के कलेक्टर के जरिए जब नन्ही मासूम को  हाथों नए अभिभावकों को सौंपा गया, तो झालावाड़  कलेक्टर भारती दीक्षित की भी आंखें नम हो गई. इस दृश्य को देखते ही झालवाड़ कलेक्टर भारती दीक्षित  बेहद भावुक हो गई और उन्होंने  आमजन से भी काफी मार्मिक अपील भी की.

कैसे ली गोद
बता दे कि उड़ीसा के भुवनेश्वर के रहने वाले दंपत्ति सतीश एवं अंकिता सामंत को शादी के लंबे समय बाद भी संतान नहीं हुई थी. ऐसे में संतान की चाहत में इस दंपत्ति ने बाल अधिकारिता विभाग के माध्यम से संचालित पालना ग्रहों से बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया शुरू की.  जिसकी प्रक्रिया 2017 तक चली. जो 2022 में जाकर खत्म हुई. इस बीच दंपति ने ऑनलाइन प्रक्रिया से गुजरते हुए कई  आवेदन किए, जिसमें करीब 5 वर्ष के बाद कामयाबी मिली. 
एक लंबा इंतजार खत्म हुआ और मंगलवार को यह दंपत्ति झालावाड़ स्थित बाल अधिकारिता विभाग कार्यालय पहुंचे और यहां बाल कल्याण समिति के माध्यम से पाली जा रही 4 साल कीमासूम दामिनी को गोद लेने की प्रक्रिया को पूरा किया. इस मार्मिक पल को कलेक्टर भारती दीक्षित की मौजूदगी में पूरा किया गया. कलेक्टर भारती दीक्षित ने दंपति के साथ गोद लेने की सभी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद इस नन्हीं मासूम को उसके नए अभिभावकों को सौंप दिया.

इससे पहले जब कलेक्टर ने इस 4 महीने की इस बच्ची को अपनी गोद में उठाया, तो उनकी भी पलके भीग गई और आंखों से आंसू बह निकले. यह मार्मिक क्षण के दौरान जिला कलेक्टर काफी भावुक हो उठी.

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डीएम ने की मार्मिक अपील
इस दौरान जिला कलेक्टर भारती दीक्षित ने कहा कि जो लोग अपने बच्चों को नहीं पालना चाहते वह उन्हें कूड़ेदान अथवा जंगलों में फेंकने की जगह जिला अस्पताल, मेडिकल कॉलेज अथवा बाल कल्याण समितियों के पालना ग्रहों के हवाले करे, जहां से ऐसे बच्चे उन लोगों तक पहुंच जाए, जिन्हें उनकी वास्तविक जरूरत है और जो उन्हें नया आश्रय दे सकते है.

इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि बच्ची दामिनी 4 माह से बाल कल्याण समिति के ज पालना गृह की देखभाल में थी. जिसे उड़ीसा की दंपत्ति सतीश और अंकिता सामंत ने गोद लिया. लंबे समय से उन्हें बच्चे की चाहत थी, जो  दामिनी के मिल जाने पर पूरी हुई.

उधर, बच्ची को पाकर खुश हुए अभिभावकों ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि लंबे समय से उन्होंने बच्चे को पाने के लिए आवेदन किया हुआ था, जिसमें आज सफलता मिली है. बच्ची को उड़ीसा के भुवनेश्वर स्थित उनके घर पहुंचते ही एक उत्सव से माहौल में प्रवेश दिया जाएगा और उसे पूरे परिवार का प्यार, दुलार और सम्मान मिलेगा.

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इस दौरान गोद लेने पहुंची अंकिता सामंत ने कहां की वे लोग बच्ची का सहारा नहीं बने, बल्कि यह बच्ची ही उनके जीने का सहारा बनी है. उनके द्वारा बालक बालिकाओं में कोई अंतर नहीं समझा जाता और इस बालिका को भी जमकर दुलार करेंगे. इसके साथ ही 4 माह की बच्ची दामिनी नए नाम और नए आश्रय के लिए अपने अभिभावकों के साथ लंबे सफर पर निकल गई.

Reporter:  Mahesh Parhaar

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