झालावाड़ न्यूज: शिक्षकों ने बीएलओ ड्यूटी से हटाने की मांग की है. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उन्हें बीएलओ ड्यूटी से नहीं हटाया जाता है तो कार्य बहिष्कार किया जाएगा.
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Jhalawar: झालावाड़ मिनी सचिवालय में जिले की शिक्षक बीएलओ संघर्ष समिति झालावाड़ के तत्वाधान में जिले के लगभग 550 शिक्षकों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. साथ ही बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
इस दौरान संघर्ष समिति के जिला अध्यक्ष भारत भूषण ने बताया कि समिति के द्वारा पूर्व में भी जिला कलेक्टर को शिक्षकों की समस्याओं से अवगत कराते हुए शिक्षकों को बीएलओ की ड्यूटी से मुक्त करने के लिए ज्ञापन सौंपा गया था.
बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय
उनके आश्वासन के बावजूद भी शिक्षकों को निशाना बनाते हुए गैर शैक्षणिक बीएलओ कार्य के लिए लगाया जा रहा है. ऐसे में झालावाड़ के शिक्षकों के द्वारा बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया गया है.
आरटीई एक्ट 2009 के मुताबिक शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं लगाया जा सकता
इस दौरान उन्होंने बताया कि आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों के लिए नहीं लगाया जा सकता, इसके साथ ही भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा स्पष्ट निर्देश है, कि बीएलओ को उसके मतदान केंद्र पर ही ड्यूटी पर लगाया जावे.
यही नहीं बीएलओ कार्य के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, पटवारी ,पंचायत सचिव, एएनएम ,पोस्टमैन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता ,सहित अन्य कार्मिकों की भी ड्यूटी बीएलओ पद पर लगाई जा सकती है, उसके बावजूद भी जिले में शिक्षकों को बड़ी संख्या में बीएलओ कार्य पर लगाया गया है.
1100 शिक्षकों का बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का फैसला
ऐसे में उनके शैक्षणिक कार्य के साथ साथ उनको मिलने वाला ग्रीष्मावकाश भी प्रभावित होता है. ऐसे में आज जिले के लगभग 1100 शिक्षकों ने बीएलओ कार्य का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
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