जालौर: लोकपाल की जांच में दिखा मनरेगा का फर्जीवाड़ा, कागजों में होता था काम
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जालौर: लोकपाल की जांच में दिखा मनरेगा का फर्जीवाड़ा, कागजों में होता था काम

Jalor news: जिले की जालौर पंचायत समिति की आकोली ग्राम पंचायत में मनरेगा लोकपाल द्वारा निरीक्षण के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है . हैरान करने वाली बात यह है कि पानी से भरी नाड़ी में यहां पर अब तक एक भी श्रमिक नहीं पहुंचा है.

मनरेगा का फर्जीवाड़ा

Jalor news: जिले की जालौर पंचायत समिति की आकोली ग्राम पंचायत में मनरेगा लोकपाल द्वारा निरीक्षण के दौरान बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है . गांव की एक पानी से भरी नाड़ी में जिला परिषद की ओर से स्वीकृत 24.55 लाख रुपए का खुदाई कार्य कागजों में करवाया जा रहा है. हैरान करने वाली बात यह है कि पानी से भरी नाड़ी में यहां पर अब तक एक भी श्रमिक नहीं पहुंचा है.

श्रमिक की उपस्थिति दर्ज
 जबकि वहा प्रतिदिन 120 मनरेगा श्रमिक की उपस्थिति 1 जनवरी से दर्ज की जा रही है. जानकारी के अनुसार वित्तीय वर्ष 2023 -24 के दौरान आकोली की भवरानी नाडी खुदाई कार्य का भाग-3 की स्वीकृति जारी कर मनरेगा मस्टरोल जारी किया गया, इस स्वीकृति के आधार पर ग्राम पंचायत के 120 लोगों का फर्जी तरीके से नाम लिखकर कार्य भी शुरू करवा दिया, जिला परिषद ने इसके लिए 24.55 लाख रुपए की स्वीकृति दी .

20 लोगों का फर्जी तरीके से नाम
 इसमें 21.21 लाख रुपये श्रम राशि व 2.78 लाख रुपए सामग्री पर खर्च करना था. जबकि हकीकत यह है कि इस नाड़ी में अब तक पानी भरा हुआ है. मनरेगा लोकपाल बृजेश कुमार ने देखा मेटो द्वारा NMMS पोर्टल पर अलग-अलग जगह से पोर्टल पर फोटो खींचकर फर्जी तरीके से उपस्थित भरी जा रही है, इस पर लोकपाल नाड़ी का निरीक्षण करने पहुंचे .

एक भी श्रमिक उपस्थित नहीं
 तो उस नाड़ी पर कोई काम नहीं हो रहा था नाड़ी पानी से भरी हुई थी. वह मौके पर एक भी श्रमिक उपस्थित नहीं था,यह पूरा मामला महज कागजों में ही चल रहा है मेटो व फिल्ड में लगे अधिकारियों की मिलीभगत से लाखो रूपए के मनरेगा कार्य फर्जी तरीके से करवाएं जा रहे हैं .

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