Jaisalmer News: सीमावर्ती जिले जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में अक्टूबर माह में तीन अलग-अलग दिन में तीन मेल गोडावण के मृत्यु हो जाने से धरती पर तेजी से लुप्त हो रहे शेड्यूल फर्स्ट के वन्य जीव प्राणी को बचाने के लिए किए जा रहे प्रयासों को धक्का लगा है.
Trending Photos
Jaisalmer: राजस्थान के जैसलमेर जिले के डेजर्ट नेशनल पार्क के सुदासरी इलाके में केंद्रीय वन्य और पर्यावरण मंत्रालय, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और राजस्थान सरकार द्वारा गोडावण सरंक्षण और कंजरवेशन के लिए एक केपेटिव ब्रीडिंग सेन्टर स्थापित किया है, जिसमें अक्टूबर माह के 3 सप्ताह में 3 मेल गोडावण की मृत्यु हुई है.
इन गोडावण की मृत्यु के कारणों के बारे में अहम खुलासे हुवे हैं, जहां 7 अक्टूबर, 13 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को अलग-अलग घटनाओं में मरे गोडावण की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में प्रथम दृष्ट्या में कार्डियोअरेस्ट होने से गोडावण की मृत्यु होने की बात सामने आई है, लेकिन फिर भी डेजर्ट नेशनल पार्क के अधिकारियों द्वारा मृत्यु के कारणों की गहन जांच पड़ताल के लिए तीनों गोडावण का विसरा और गोडावण को दिए जाने वाले फूड के सैम्पल आई.आर.वी.आई बरेली भिजवाए गए हैं. वहां से इसकी रिपोर्ट आना बाकी है.
साथ ही सूत्रों ने बताया कि तीसरा गोडावण जिसकी मृत्यु हुई है, वह मई माह में डेजर्ट नेशनल पार्क में घायल अवस्था में मिला था. इस गोडावण का पैर क्षतिग्रस्त था. संभवत है कि किसी अन्य स्थान पर उड़ान के दौरान किसी पेड़ या बिजली की तार से टकराया था. हालांकि इसके पंखों को कोई नुकसान नहीं था, लेकिन एक पैर डेमेज था फिर भी वह उड़ते उड़ते सुदासरी के डेजर्ट नेशनल पार्क पहुंचा, जिस पर वन्यजीव कर्मियों की नजर पड़ी और उसे रेस्क्यू कर के कन्जर्वेटर ब्रीडिंग सेन्टर लाया गया, जहां उसका ईलाज किया जा रहा था और उसे अलग रखा गया. इलाज के बाद वह काफी इम्प्रूव भी किया था, लेकिन 7 अक्टूबर को उसकी मृत्यु हो गई.
जैसलमेर डेजर्ट नेशनल पार्क से जुड़े एक उच्चधिकारी ने बताया कि डेजर्ट नेशनल पार्क के सुदासरी इलाके में अक्टूबर माह में जिन तीन गोडावण की मृत्यु हुई है, उनमें दो गोडावण जो केपेटिव ब्रीडिंग गोडावण में जन्मे थे की मृत्यु एकदम अचानक चलने फिरने के दौरान हो गई है. सी.सी.टी.वी फुटेज में जो जानकारी मिली थी उसमें दोनों घटनाओं में गोडावण कंजर्वेशन ब्रीडिंग सेन्टर में विचरण कर रहे थे और अचानक इसी दौरान वे कलैप्स हो गए, जबकि न तो किसी गोडावण से टकराए थे या कोई अन्य कारण था. हालांकि यहां विचरण करने वाले गोडावण की फिटनेस काफी कम होती है क्योंकि खुला स्थान न होने के कारण उड़ान के क्षेत्र कम मिलते हैं, ऐसे में गोडावण मूवमेन्ट कम नहीं हो पाता है.
हालांकि इन्हें हम खुले में नहीं छोड़ सकते हैं. ऐसे में मजबूरीवश इन्हें यहां रखना पड़ता है. इस संबंध में डेजर्ट नेशनल पार्क के डिप्टी कन्जर्वेटर फोरेस्ट आशीष व्यास ने बताया कि अक्टूबर माह में 7, 13 और 20 अक्टूबर को अलग-अलग घटनाओं मृत्यु हुई थी. इन तीनों का पोस्टमार्टम करवाया था. इन तीन मेल गोडावण के पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरर्स की टीम ने उन्हें बताया कि प्रथम दृष्ट्या मे कार्डियोअरेस्ट से इन तीनों गोडावण की मृत्यु हुई है फिर भी हमनें मामले की गहन जांच पड़ताल के लिए इसका विसरा और दिए जाने वाले फूड के सैम्पल आई.आर.वी.आई बरेली भेजे हैं. वहां से रिपोर्ट आना बाकी है. हमनें सुदासरी के कन्जर्वेटर और ब्रीडिंग सेन्टर में संरक्षण के और बेहतर इंतजाम किए हैं. वे खुद वहां 3-4 विजिट कर चुके हैं. उन्होंने इस संबंध में दिशा निर्देश भी दिए हैं.
Reporter: Shankar Dan
जयपुर की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.
यह भी पढ़ेंः