Union Budget 2023: केंद्रीय कर्मचारियों को बजट से बड़ी उम्मीद, जानें क्या है मांग
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Union Budget 2023: केंद्रीय कर्मचारियों को बजट से बड़ी उम्मीद, जानें क्या है मांग

केंद्रीय कर्मचारी, राज्य कर्मचारी, युवा वर्ग, ग्रहणी, पुरुष, सभी केंद्रीय बजट को लेकर उत्सुक नजर आ रहे हैं. राज्य कर्मचारियों का कहना है कि राज्य और केंद्र के कर्मचारी सबसे ज्यादा आयकर विभाग को टैक्स देते हैं. टैक्स का जो स्लैब है उसे बढ़ाया जाए, जिससे राज्य कर्मचारियों को राहत मिले. 

Union Budget 2023: केंद्रीय कर्मचारियों को बजट से बड़ी उम्मीद, जानें क्या है मांग

Budget 2023: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 1 फरवरी को अपना वार्षिक बजट पेश करने वाली है. इस बजट को लेकर देशभर की निगाहें मोदी सरकार पर टिकी हुई है. केंद्रीय कर्मचारी, राज्य कर्मचारी, युवा वर्ग, ग्रहणी, पुरुष, सभी केंद्रीय बजट को लेकर उत्सुक नजर आ रहे हैं. देश भर की आम जनता को इस बार भी केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठी है. प्रदेश के राज्य कर्मचारियों की बात की जाए तो इन्हें भी केंद्रीय केंद्रीय बजट से काफी आशाएं हैं.

प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस 

प्रदेश के राज्य कर्मचारियों ने ज़ी न्यूज़ से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर असमंजस की स्थिति में नजर आ रही हैं. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम को पिछले बजट में लागू कर दिया था लेकिन केंद्र सरकार ने पीएफआरडी पेंशन फंड रेगुलेटरी बोर्ड ने राज्य कर्मचारियों का जमा पैसा राज्य सरकारों को नहीं दिया. 

टैक्स स्लैब को बढ़ाने की मांग

इसी के साथ ही पीएफआरडी में राज्य कर्मचारी पैसा जमा कराना चाहते हैं, उनका पैसा भी जमा नहीं हो रहा है. जिसके चलते राज्य कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. जिन राज्य कर्मचारियों ने पीएफआरडीए लोन ले रखा है, वह अपना पैसा अपने खाते में जमा करवाना चाहते हैं जिससे उन्हें पेंशन में लाभ मिले, लेकिन पीएफआरडी विभाग उन्हें चक्कर पर चक्कर लगवा रहा है. जिसके चलते उनका पैसा उन्हीं के अकाउंट में जमा नहीं हो पा रहा है. इसी के साथ ही राज्य कर्मचारियों का कहना है कि राज्य और केंद्र के कर्मचारी सबसे ज्यादा आयकर विभाग को टैक्स देते हैं. टैक्स का जो स्लैब है उसे बढ़ाया जाए, जिससे राज्य कर्मचारियों को राहत मिले. 

महंगाई भत्ते में और ज्यादा वृद्धि की मांग

कर्मचारियों ने बताया एक छोटा सा दुकानदार भी उनसे ज्यादा प्रतिमाह रुपए कमाता है, और वह आयकर दाता के दायरे में नहीं आता है. राज्य कर्मचारी को इससे भी कम सैलरी मिलती है और वह कानून के तहत आयकर दाता बन जाता है जिसके चलते उन्हें हर महीने सरकार को अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा देना पड़ता है. केंद्र सरकार को टैक्स स्लैब में छूट देनी चाहिए जिससे राज्य और केंद्रीय कर्मचारी को राहत मिले. इसी के साथ ही राज्य कर्मचारियों को कहना है कि महंगाई भत्ते में केंद्र सरकार को बढ़ोतरी करनी चाहिए.

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आज की तारीख में महंगाई आसमान छू रही है, जिसका असर सरकारी कर्मचारियों पर पड़ रहा है सरकारी कर्मचारियों के परिवार का भरण पोषण सही ढंग से नहीं हो रहा है. केंद्र सरकार महंगाई भत्ता बढ़ाती है उसी के अनुरूप राज्य सरकार भी महंगाई भत्तों में बढ़ोतरी करती है. इसीलिए केंद्र सरकार को महंगाई भत्ते में और ज्यादा वृद्धि करनी चाहिए, जिससे राज्य कर्मचारियों को राहत मिले.

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