आयोग ने अपने आदेश में कहा कि बीमा कंपनी ने पॉलिसी धारक का बीमा किया था और बीमित अवधि में उसकी मौत हुई है इसलिए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है.
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Jaipur: राज्य उपभोक्ता आयोग ने स्टार हेल्थ एंड अलाइड इंश्योरेंस कंपनी को आदेश दिए हैं कि वह बीमा पॉलिसी के दौरान दुर्घटना में मारे गए पॉलिसी धारक के आश्रितों को दो माह में 50 लाख रुपए की बीमा राशि ब्याज सहित अदा करे. इसके साथ ही आयोग ने प्रार्थिया को हुई मानसिक परेशानी के लिए दो लाख रुपए और परिवाद व्यय के तौर पर 25 हजार रुपए अलग से देने को कहा है. आयोग के न्यायिक सदस्य एसके जैन व सदस्य रामफूल गुर्जर की बेंच ने यह आदेश सोनिया भील के परिवाद पर दिए.
आयोग ने अपने आदेश में कहा कि बीमा कंपनी ने पॉलिसी धारक का बीमा किया था और बीमित अवधि में उसकी मौत हुई है इसलिए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती है.
परिवाद में कहा कि उसके पति महेन्द्र भील ने बीमा कंपनी को 9912 रुपये प्रीमियम राशि देकर 21 नवंबर 2018 को 50 लाख रुपए का व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा करवाया था. बीमा कवर रहने के दौरान 25 जनवरी 2019 को महेंद्र भील की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. प्रार्थिया ने बीमा कंपनी से बीमा धन राशि के भुगतान का दावा किया तो कंपनी ने यह कहते हुए मना कर दिया कि पॉलिसी धारक ने तथ्य छिपाए हैं, वह पहले से ही बीमार था और उसने जानबूझकर बीमा करवाया है.
Reporter- Mahesh Pareek
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