सामुद्रिक शास्त्र में शरीर के कुछ हिस्सों में मौजूद तिल को शुभ तो कुछ को अशुभ बताया गया है. अगर तिल पर बाल हो तो उसे शुभ नहीं कहा जाता है. तिल हल्के रंग का ही शुभ कहा जाता है. जिनके तिल का रंग गहरा होता है उसका जीवन संघर्ष से भरा होता है.
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Samudrik Shastra: सामुद्रिक शास्त्र शरीर की बनावट और शरीर में मौजूद निशानों को लेकर कई बातें बतायी गयी है. जहां काला तिल शुभ या अशुभ होता है तो वहीं लाल तिल को समृद्धि और सुख से जोड़ा गया है.
अगर होंठ पर तिल हो तो इसे सेहत के लिए अच्छा नहीं कहा जाता है. सामुद्रिक शास्त्र में ऐसे लोगों में ओबेसिटी और दूसरी शारिरिक परेशानी होती है. यहीं नहीं ऐसे लोगों को ज्यादा कामुक और रोमांटिक बताया जाता है.
आईब्रो के बायीं तरफ तिल हो तो ऐसे लोगों को कार्यक्षेत्र में परेशानी होती है.कई चुनौतियों का सामान इन लोगों को करना होता है और कई बार तो अपमान तक सहना पड़ता है.
माथे या फोरहेड पर बांयी तरफ तिल अच्छा नहीं माना जाता है. ऐसे लोग स्वार्थी होते है. कई बार अपमानित होते हैं ऐसे लोगों का परिवार भी इन्हे अपना नहीं मानता है .
नाक और बांयी आंख पर तिल जिन लोगों के होता है वो आत्माभिमानी होते हैं. जो खुद के सामने दूसरे को कुछ नहीं समझते. हर बात पर खुद को सही बताते हैं.वहीं जिन लोगों की बांयी आंख में तिल होता है वो पूर्व जन्म में सर्प की योनी से माने जाते हैं.
कंधे के नीचे तिल हो तो इसे भी शुभ न हीं कहा जाता है.ऐसे लोग बहुत संघर्ष करते हैं. छोटी छोटी सफलता के लिए भी इनको संघर्ष करना पड़ता है. पीठ पर तिल अगर हो तो ऐसा व्यक्ति आलसी भी होता है.