रक्षाबंधन से पहले ट्रेनों में रिजर्वेशन फुल, कंफर्म टिकट नहीं मिलने से यात्री परेशान
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रक्षाबंधन से पहले ट्रेनों में रिजर्वेशन फुल, कंफर्म टिकट नहीं मिलने से यात्री परेशान

 रक्षाबंधन से पहले ही ट्रेनें फुल हो गई हैं. मौजूदा स्थिति यह है कि अभी से लंबी दूरी की ट्रेनों में अभी से कंफर्म टिकट नहीं मिल रही. जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है. दरअसल, रक्षाबंधन त्योहार पर लोगों की घर आवाजाही ज्यादा होती है.

रक्षाबंधन से पहले ट्रेनों में रिजर्वेशन फुल, कंफर्म टिकट नहीं मिलने से यात्री परेशान

जयपुर: रक्षाबंधन से पहले ही ट्रेनें फुल हो गई हैं. मौजूदा स्थिति यह है कि अभी से लंबी दूरी की ट्रेनों में अभी से कंफर्म टिकट नहीं मिल रही. जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है. दरअसल, रक्षाबंधन त्योहार पर लोगों की घर आवाजाही ज्यादा होती है. इस कारण ट्रेनों में अमूमम भीड़भाड़ रहती है, लेकिन कोरोना काल ट्रेनों में ऐसी स्थिति नहीं थी. तीसरी लहर के बाद कोरोना संक्रमण के फीका पड़ने के बाद लोग ट्रेनों में सफर करने में रुचि दिखा रहे हैं.

ट्रेनों की वर्तमान स्थिति यह है कि लंबी दूरी की कई ट्रेनों में रक्षाबंधन से पहले ही कंफर्म टिकट को लेकर मारामारी शुरू हो गई है. स्थिति यह है कि यात्रियों को बुकिंग के दौरान 40 से लेकर 100 पार वेटिंग मिल रही है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार रक्षाबंधन तक जयपुर से संचालित होने वाली जयपुर-पुणे ट्रेन में स्लीपर श्रेणी में वेटिंग 141 तक मिल रही है, जबकि थर्ड एसी में 70 पार मिल रही है.

इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा वेटिंग टिकट

जयपुर - हैदराबाद ट्रेन के स्लीपर श्रेणी कोच की टिकट बुकिंग पर वेटिंग 139 तक मिल रही है. जयपुर-हावड़ा ट्रेन में स्लीपर श्रेणी में वेटिंग 70 तक मिल रही है. इस ट्रेन थर्ड एसी कोच में ई वेटिंग 40 से उपर मिल रही है. उदयपुर-खजुराहो ट्रेन में स्लीपर श्रेणी में 90 व थर्ड एसी में 48 वेटिंग मिल रही है. इसी प्रकार जयपुर से अहमदाबाद , दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में भी वेटिंग 60 पार मिल रही है. आइआरसीटीसी के पोर्टल पर टिकट बुकिंग में कुछ ट्रेनों में स्लीपर श्रेणी में नो रूम लिखा आ रहा है. इस संबंध में रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वेटिंग कम होने की बजाय बढ़ती ही जाएगी. ऐसे में राहत मिलना मुश्किल है.

ट्रेनों में अतिरिक्त जोड़ रहे कोच-
रक्षाबंधन के कारण ट्रेनों में बढ़ रहे यात्रीभार को देखते हुए रेलवे भी प्रयास कर रहा है. उत्तर पश्चिम रेलवे ने हाल हीं में 50 जोड़ी ट्रेनों में अतिरिक्त कोच जोड़े है. यह सिलसिला लगातार बरकरार है. हालांकि इससे हल्की राहत मिली है.

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