7 साल की होती है केतु की महादशा, बुरी आदतें होती हैं हावी, जानें ज्योतिषीय उपाय
Advertisement

7 साल की होती है केतु की महादशा, बुरी आदतें होती हैं हावी, जानें ज्योतिषीय उपाय

Ketu Mahadasha : केतु का सीधा प्रभाव हमारे मन से होता है. ये सीधे आत्मबल को कम कर देता है और कई बार जातक डिप्रेशन में चला जाता है. केतु से पीड़ित जातक डर, बुरे सपने और शकी मिज़ाज वाला हो जाता है.

7 साल की होती है केतु की महादशा, बुरी आदतें होती हैं हावी, जानें ज्योतिषीय उपाय

Ketu Mahadasha : केतु का सीधा प्रभाव हमारे मन से होता है. ये सीधे आत्मबल को कम कर देता है और कई बार जातक डिप्रेशन में चला जाता है. केतु से पीड़ित जातक डर, बुरे सपने और शकी मिज़ाज वाला हो जाता है.

वैदिक ज्योतिष में हर ग्रह का राशियों पर असर बताया गया है. वैसे ही केतु का भी जातक के जीवन पर भारी असर दिखता है. केतु की महादशा हर जातक के जीवन में एक बार तो आती ही है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार केतु की महादशा 7 साल की होती है. इस दौरान केतु का सीधा प्रभाव हमारे मन पर पड़ता है. ये सीधे आत्मबल को कम कर देता है और कई बार जातक डिप्रेशन में चला जाता है. केतु से पीड़ित जातक डर, बुरे सपने और शकी मिज़ाज वाला हो जाता है. 

फरवरी को माघपूर्णिमा चार राशियों की जिंदगी में लाएगी चांदनी, जानें क्या आप है शामिल

वहीं केतु की अंतरदशा 11 महीने से लेकर सवा साल तक होती है. केतु की महादशा बुध और शुक्र के बीच आती है और यानि की पहले बुध की महादशा और फिर केतु की महादशा 7 साल की होती है उसके बाद 20 साल की शुक्र की महादशा होती है.

केतु से पीड़ित जातक को परेशानी
अगर कोई जातक केतु ग्रह से पीड़ित है तो इसके रोजमर्रा की जिंदगी में इसका साफ असर दिखता है. कुछ खास लक्षण ऐसे जातकों में देखने को मिलते हैं. जो बिना कुंडली देखे भी कोई बता सकता है कि ये जातक केतु से पीड़ित है.

केतु से पीड़ित जातक को त्वचा से जुड़ी परेशानी होती है. जोड़ों में दर्द और सुनने में भी परेशानी हो जाती है. संतान प्राप्ति में ऐसे जातकों को संघर्ष करना पड़ सकता है. वहीं ज्यादातर खांसी की समस्या से ये लोग प्रभावित रहते हैं. केतु से पीड़ित जातकों के बाल तेजी से गिरते हैं और नसों में कमजोरी आती है. 

केतु पीड़ित जातक के लिए ज्योतिषीय उपाय
रोजाना 108 बार - ऊँ  स्त्रां स्त्रीं स्त्रौं स: केतवे नम: का जप कर. शनिवार को पीपल के पेड़ में जल अर्पित करें. दूध में धूर्वा भी डालें और घीर का दीपक जलाएं.
केतु के प्रकोप से बचने के लिए कन्याओं को हलवा या मीठा दहीं दें.
लहसुनिया पहन सकते हैं, लेकिन किसी ज्योतिष को अपनी कुंडली दिखा लें.
पके चावल में दही, काले तिल डालकर पीपल के पेड़ के नीचे रख दें.
या फिर कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिला सकते हैं.

(डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी पर आधारित है. ZeeMedia इसकी पुष्टि नहीं करता है )

फरवरी के इन 28 दिनों में इन राशियों को रोज मिलेंगी गुड न्यूज, जानें क्या आप है लकी
 

Trending news