Jyotiraditya scindia attack on Ashok Gehlot : केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. अपने ऑफिसियल ट्वीटर हैंटल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर कहा कि कोटा हवाई अड्डे के कछुए जैसी चाल वाली विकास पर प्रक्रिया के लिए सीधे- सीधे गहलोत सरकार जिम्मेदार है.
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Jyotiraditya scindia Tweet: केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. अपने ऑफिसियल ट्वीटर हैंटल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोटा हवाई अड्डे के कछुए जैसी चाल वाली विकास पर प्रक्रिया के लिए सीधे- सीधे अशोक गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. सिंधिया ने कहा कि राजस्थान सरकार की जमीन सौंपने की धीमी गति के कारण कोटा में हवाई अड्डे के विकास में देरी हुई है और इसके जिम्मेवार गहलोत सरकार है.
The back-and-forth, staggered response and tardy pace of handing over of the land by the State govt. have delayed the process of development of the #KotaAirport
It shows that CM @ashokgehlot51 Ji is least interested in the development of Kota Greenfield Airport or civil… pic.twitter.com/CJ1VNHt62V
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) September 16, 2023
बता दें कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले ही कोटा में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण में देरी के लिए केंद्र को दोषी ठहराए जाने की बात कही थी. गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा था कि कांग्रेस सरकार को श्रेय मिलने के डर से हवाई अड्डे के विकास के लिए केंद्र सरकार सकारात्मक भूमिका नहीं निभा रहे हैं. गहलोत के इस बयान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया का ये बयान सामने आया है.
सिंधिया ने अपने सोशल मीडिया ट्वीटर पर लिखकर पोस्ट किया है कि राजस्थान की सरकार द्वारा जमीन सौंपने में देरी करना, अस्थिर सुस्त प्रतिक्रिया और धीमी गति के कारण ही कोटा हवाई अड्डे के विकास की प्रक्रिया में देरी हुई है. सिंधिया ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को कोटा हवाईअड्डे या नागरिक उड्डयन के विकास दिलचस्पी नहीं है.
सिंधिया ने जमीन आवंटन का जिक्र कर कहा कि आज तक राजस्थान सरकार ने भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण (एएआई) के लिए केवल 33.4 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है, जबकि प्रस्तावित भूमि की जरूरत 440 हेक्टेयर है.
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सिंधिया के अनुसार, नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MOCA) और एएआई (AAI) द्वारा कई अनुस्मारक के बावजूद राज्य द्वारा शेष भूमि के डायवर्जन की प्रक्रिया अभी तक नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि इसे अभी भी अपने विभागों के भीतर डायवर्जन से संबंधित राशि जमा करना बाकी है.
बता दें कि अशोक गहलोत ने बूंदी जिले के शंभूपुरा गांव में प्रस्तावित कोटा ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे निर्माण स्थल का निरीक्षण किया था और अधिकारियों के साथ काम की प्रगति को लेकर चर्चा की थी. गहलोत ने दावा किया कि राज्य सरकार हवाई अड्डे के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है.