पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सरकार से बाढ़ पीड़ितों के लिए मांगी मदद, जल्द मुआवजा देने की बात कही
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पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सरकार से बाढ़ पीड़ितों के लिए मांगी मदद, जल्द मुआवजा देने की बात कही

अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में ढिलाई को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.  पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से  बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद की मांग करते हुए कहा कि खराबे का आंकलन करवा कर लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सरकार से बाढ़ पीड़ितों के लिए मांगी मदद, जल्द मुआवजा देने की बात कही

Jaipur: अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में ढिलाई को लेकर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.  पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से  बाढ़ पीड़ितों के लिए मदद की मांग करते हुए कहा कि खराबे का आंकलन करवा कर लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे ने गुरुवार को झालावाड़, भीलवाड़ा और बूंदी जिले में हवाई सर्वे किया. साथ ही  झालावाड़ में बाढ़ प्रभावित लोगों से  मिली. इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जब भी कोई आपदा आती है, तो बयान, निर्देश और दौरों से आगे कुछ नहीं होता. राजे ने कहा कि पिछले वर्ष बाढ़ में जो खराबा हुआ वह इसका प्रमाण है. 

प्रदेश के कई लोगों को पिछले साल बाढ़ में हुए नुकसान का अब तक भी मुआवजा नहीं मिला. किसान बाढ़ में पिछले साल हुई फसलों की तबाही अभी भूल भी नहीं थे, कि फिर ख़रीफ़ की कई फसलों में भारी बर्बादी ने उन्हें रुला दिया.राजे के साथ दौरे में सांसद दुष्यंत सिंह भी मौजूद थे.

पूर्व सीएम राजे ने कहा कि किसी भी पीड़ित के आंसू तत्काल पोंछे जाते हैं, ना कि सालों बाद. राजे ने कहा, जबकि यह सरकार? समय निकल जाने के बाद भी पीड़ित के आंसू नहीं पोंछती. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत के वक्त मदद नहीं कर पाये तो वह कैसी सरकार? राजे ने कहा कि किसी भी नुकसान का समय पर मुआवज़ा नहीं मिले तो ऐसी राहत का पीड़ित व्यक्ति के लिए कोई विशेष औचित्य नहीं रह जाता. 

राजे ने कहा की उनकी सरकार के समय पर न केवल ख़राबे का तत्काल सर्वे किया जाता था, बल्कि निश्चित समय सीमा में मुआवजा भी दिया जाता था. पहले आपदा में 50 प्रतिशत के अधिक खराबे पर ही किसानों को मुआवजा मिलता था, लेकिन उनकी सरकार के समय प्रधानमंत्री से निवेदन कर इस नियम को 33 प्रतिशत पर करवाया.

उन्होंने कहा कि कई लोगों का पिछले साल का सोयाबीन फसल बीमा क्लेम अभी भी बाकी है. पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि खराबे का आंकलन करवा कर लोगों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए.

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