संघ के प्रदेश अध्यक्ष दलाराम बटेसर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारतीय किसान संघ की 8-9 अक्टूबर को दिल्ली में हुई अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक में फसलों की बढ़ती उत्पादन लागत व लागत से नीचे फसल बिकने से किसानों पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंतन किया गया.
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Jaipur: फसलों के लागत आधारित लाभकारी मूल्य, हर खेत को पानी सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में 19 दिसंबर को किसान गर्जना रैली आयोजित की जाएगी. भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में देशव्यापी आंदोलन के तहत रैली में देशभर के किसान शामिल होंगे.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष दलाराम बटेसर ने प्रेसकॉन्फ्रेंस में कहा कि भारतीय किसान संघ की 8-9 अक्टूबर को दिल्ली में हुई अखिल भारतीय प्रबंध समिति की बैठक में फसलों की बढ़ती उत्पादन लागत व लागत से नीचे फसल बिकने से किसानों पर बढ़ते कर्ज को लेकर चिंतन किया गया. बैठक के बाद इसके समाधान के लिए किसान गर्जना रैली की घोषणा की थी. उन्होंने बताया की भारतीय किसान संघ किसानों को लागत आधारित लाभकारी मूल्य दिलाने को लेकर लगातार प्रयासरत है. 2013 में दिल्ली में आयोजित किसान अधिकार रैली के बाद देश की राष्ट्रीय पार्टियों ने किसानों को लाभकारी मूल्य देने को लेकर घोषणा पत्र जारी किए थे. संगठन की ओर से 2015 में देश भर के लोकसभा व राज्यसभा के 600 से अधिक सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्र में ज्ञापन दिए थे.
इसी क्रम में 10 अप्रैल 2017 को जंतर मंतर पर देशभर से संगठन के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने सांकेतिक धरना दिया था. पिछले वर्ष 20 सितम्बर को देशभर के 513 जिलों में जिला कलेक्ट्री पर धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजे थे. इसके दूसरे चरण में 11 जनवरी 2022 को फिर से जिला मुख्यालयों पर देशभर में लाखों किसानों ने प्रदर्शन कर केंद्र सरकार से लागत आधारित लाभकारी मूल्य घोषित करने व घोषित मूल्य दिलाना सुनिश्चित करने की मांग रखी थी. बटेसर ने बताया कि 19 दिसंबर को दिल्ली में विशाल प्रदर्शन कर किसानों को लागत आधारित लाभकारी मूल्य देने, कृषि आदानों पर से जीएसटी खत्म करने, किसान सम्मान निधि राशि में बढ़ोतरी करने, जीएम सरसों को प्रतिबंधित करने व हर खेत को नहरी सिंचाई का पानी देने हेतु नदियों को जोड़ने की मांग रखेंगे.
जयपुर प्रांत महामंत्री सांवरमल सोलेट ने बताया कि भारतीय किसान संघ न्यूनतम समर्थन मूल्य के बजाय फसलों के लागत आधारित लाभकारी मूल्य की मांग कर रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य फसलों की वास्तविक लागत से बहुत दूर है ऐसे में किसान पूंजीगत लागत पर ब्याज, मशीनरी के मूल्यह्रास, किसान का कुशल उद्यमी अनुसार मेहनताना जोड़ कर आने वाली लागत के अनुसार फसल उत्पादन लागत की गणना कर उस पर 50 प्रतिशत लाभांश जोड़कर कर लाभकारी मूल्य घोषित किए जाने की मांग कर रहे है. किसान फसल उत्पादक होने के बावजूद किसानों को जीएसटी का इनपुट क्रेडिट नही मिलता है इसलिए किसान गर्जना रैली में कृषि आदानों पर से जीएसटी खत्म करने की मांग भी रखी जायेगी. बढ़ती महंगाई व मुद्रा स्फीति के अनुसार किसान सम्मान निधि राशि में भी बढ़ोतरी नहीं हुई है ऐसे में रैली के दौरान इसे भी केंद्र सरकार के सामने प्रमुखता से रखा जायेगा.
प्रदेश के सभी जिलों से 50 हजार से अधिक किसान जाएंगे दिल्ली, बांटे जा रहे पीले चावल
दिल्ली में होने वाली किसान गर्जना रैली में जयपुर, चित्तौड़ व जोधपुर प्रांत से 50 हजार किसानों के भाग लेने का दावा किया जा रहा है. प्रदेश से रेल, बसों व निजी वाहनों से दिल्ली पहुंचेंगे किसान. संगठन की ओर से जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है. गांव गांव में दीवार लेखन व पीले चावल बांटने का अभियान चल रहा है. संगठन की जिला व तहसील बैठके आयोजित कर प्रत्येक किसान तक किसान गर्जना रैली के मुद्दो को पहुंचाने की योजना बन चुकी है. अगले सप्ताह से तहसील स्तर पर वाहन रैलियां व ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा.
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