राज्य सरकार ने ऊर्जा विभाग और उसके अधीन आने वाली बिजली कम्पनियों पर रेस्मा लगा दिया है.जनता के हित में राजस्थान अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम 1970 की धारा 3 की उपधारा (1 ) के तहत रेस्मा लागू किया है.
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Jaipur: राज्य के ऊर्जा विभाग और बिजली कम्पनियों से जुड़े कर्मचारी-अधिकारी हड़ताल नहीं कर पाएंगे, राज्य सरकार ने ऊर्जा विभाग और उसके अधीन आने वाली बिजली कम्पनियों पर रेस्मा लगा दिया है. इस सम्बंध में गृह विभाग से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. गौरतलब है की भारतीय मजदूर संघ और अन्य कर्मचारी संघों से जुड़े बिजली विभाग के कर्मचारी संगठनों ने प्रदेश व्यापी हड़ताल का आह्वान किया था, इन संगठनों की संयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति बिजली महकमे में पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत है. हालांकि संगठनों की सरकार के साथ वार्ता हो चुकी है, इसमें मांग के समाधान के लिए विचार करने का आश्वासन दिया गया है. इसके बाद कर्मचारी संगठनों ने हड़ताल को स्थगित कर दिया था, लेकिन कहा था कि मांग पूरी नहीं हुई तो हड़ताल कर सकते हैं.
इसलिए लगाई गई रेस्मा
इधर ऊर्जा विभाग की ओर से राज्य के गृह विभाग को रेस्मा लगाने का प्रस्ताव भेजा गया. राज्य सरकार का मानना है कि ऊर्जा विभाग, उसके नियंत्रणाधीन बिजली कम्पनियों की समस्त सेवाओं, कार्यालयों, उनके क्रियाकलापों से सम्बंधित सेवाओं में हड़ताल होने से सेवाओं के प्रदाय एवं अनुरक्षण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. इसके परिणाम स्वरूप जनता को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा.
इस नियम के तहत लगाई रेस्मा
गृह विभाग ने ऊर्जा विभाग और उसके नियंत्रणाधीन बिजली कम्पनियों की समस्त सेवाओं, कार्यालयों, उनके क्रियाकलापों से सम्बंधित सेवाओं को अत्यावश्यक सेवा घोषित किया गया. इसके बाद जनता के हित में राजस्थान अत्यावश्यक सेवाएं अनुरक्षण अधिनियम 1970 की धारा 3 की उपधारा (1 ) के तहत रेस्मा लागू किया है.
छह महीने के लिए लागू रहेगी रेस्मा
गृह विभाग की ओर से 22 जुलाई को रेस्मा लगाने अधिसूचना जारी की गई थी. ऊर्जा विभाग, उसके नियंत्रणाधीन बिजली कम्पनियों की समस्त सेवाओं, कार्यालयों, उनके क्रियाकलापों से सम्बंधित सेवाओं पर रेस्मा लागू होगी. रेस्मा 21 जुलाई को लागू होकर 6 महीने के लिए प्रभावी रहेगी. इस दौरान उपरोक्त सभी कर्मचारी संगठन, परिसरों में हड़ताल नहीं की जा सकेगी.
रेस्मा लागू होने के बाद यदि कोई संगठन या कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर जाते हैं तो, संबंधित विभाग के कंपनी से परिवाद मिलने के बाद पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर सकती हैं और दोषी पाए जाने पर सजा का भी प्रावधान है.
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