राजस्थान में 2023 तक प्रति व्यक्ति 86 हजार का होगा कर्ज, गहलोत सरकार का कुप्रबंधन-अनिता भदेल
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राजस्थान में 2023 तक प्रति व्यक्ति 86 हजार का होगा कर्ज, गहलोत सरकार का कुप्रबंधन-अनिता भदेल


राजस्थान के जयपुर में बीजेपी नेता अनिता भदेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में कर्ज बढ़ाता जा रहा है और 2023 के आखिर तक 86 हजार प्रति व्यक्ति तक हो जाएगा. ये सब गहलोत सरकार के कुप्रबंधन के चलते हो रहा है.

राजस्थान में 2023 तक प्रति व्यक्ति 86 हजार का होगा कर्ज, गहलोत सरकार का कुप्रबंधन-अनिता भदेल

Jaipur News : बीजेपी ने प्रदेश में कर्ज को लेकर गहलोत सरकार पर हमला बोला है. पूर्व मंत्री अनिता भदेल ने आरोप लगाया है कि गहलोत सरकार ने 4 साल में 2 लाख 76 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेकर प्रदेश को बोझ तले दबा दिया है . भदेल ने कहा कि 2023 तक 86 हजार रुपए प्रति व्यक्ति को कर्ज के बोझ ये सरकार दबा कर जाएगी.

पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल ने कहा कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है. राजस्थान आरबीआई ने कई बार आगाह किया लेकिन गहलोत सरकार सुधरने वाली नहीं है. 2019 में प्रति व्यक्ति कर्ज 38 हजार का कर्ज था. वो आज 70 हजार प्रति व्यक्ति हो गया है . 2023 के अंत तक ये कर्ज 86 हजार प्रति व्यक्ति हो जाएगा . राजस्थान में जबसे गहलोत सरकार बनी है तब से उन्होंने प्रदेश को कर्ज के बोझ तले दबाने का काम किया है.

भदेल ने कहा कि आंकड़ों को देखते हैं तो प्रदेश में इन 4 सालों में 2 लाख 76 हाजर 778 हजार करोड़ का कर्ज लिया है . भदेल ने कहा कि कांग्रेस सरकार में कर्ज बढ़ाता जा रहा है. 7 लाख करोड़ की जनता पर कुल कर्ज होगा. राज्य से निवेशक भाग रहे हैं.

अनीता भदेल ने कहा कि जो निवेशक आने चाहिए राजस्थान में वो नहीं आ रहे हैं और उसका कारण है कि राजस्थान में पिछले 4 साल में सरकार अस्थिरता के दौर से गुजर रही है . कब कौन मुख्यमंत्री बदल जाए इसको लेकर राजस्थान की सियासत में लगातार उठापटक देखने को मिल रहा है. जिसकी वजह से न तो सरकार इस अर्थव्यवस्था को सुधार पाई और ना ही कोई इन्वेस्टर राजस्थान में ला पा रही है.

इन्वेस्टर इसलिए नहीं आ रहा है क्योंकि उसे सरकार में अस्थिरता दिख रही है . सरकार की अस्थिरता के बीच विकास पूरी तरीके से ठप हो गया है . यह सरकार अर्थव्यवस्था को मैनेज नहीं कर पा रही है . सरकार ने इन्वेस्टमेंट समिट किया. जिसमें 10 हजार करोड़ के निवेश लाने की बात कही गई. इसमें दावा किया गया कि 9 युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएंगे. आज देखिए 10 हजार करोड़ 122 एमओयू इंप्लीमेंट होने से पहले रद्द हो गए 

राजस्थान में सबसे महंगी बिजली होने की वजह से इन्वेस्टमेंट अब राजस्थान में नहीं आ रहे हैं. राजस्थान से बाहर अपना इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं. भीलवाड़ा में कई फैक्ट्री जो स्थापित है. वो अब राजस्थान में अपना एक्सटेंशन नहीं करना चाहते हैं, वो मध्यप्रदेश में जाकर कर रहे हैं . भदेल ने कहा कि सरकार ने घोषणा करी थी कि प्रत्येक जिला मुख्यालय उपखंड मुख्यालय पर औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करेंगे, लेकिन 144 ऐसे उपखंड मुख्यालय जहां पर अभी तक औद्योगिक क्षेत्र स्थापित नहीं की है .

वैलफेयर की योजनाओं को बंद किया 
अनिता भदेल कहा कि प्रदेश में गहलोत सरकार जब से बनी है. उन्होंने पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार की वेलफेयर योजनाओं को बंद करने का काम किया है और कई योजनाओं का नाम बदला है . उन्होंने कहा कि बिजली को लेकर जो सब्सिडी बीजेपी सरकार में दी जाती थी , उसे 3 साल तक गहलोत सरकार ने बंद रखा . पेट्रोल डीजल के दाम प्रदेश में सबसे ज्यादा महंगे हैं. 

पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने राजस्थान आम आदमी को भर देने वाली योजनाओं को बंद किया था, उसे मौजूदा सरकार ने आते ही पहले फिर से शुरू किया. यह सरकार आम जनता की जेब पर डाका डालने का काम कर रही है , जिन वेलफेयर योजनाओं से आम लोगों को राहत मिलती है . उन योजनाओं को बंद करने का काम किया है .

मल्टी टेक्स राजस्थान में अनिता भदेल ने कहा कि राजस्थान में गहलोत सरकार मल्टी टेक्स लगा रही है . प्रदेश में सबसे ज्यादा महंगी बिजली मिल रही है . आम उपभोक्ता को पेट्रोल डीजल के दाम अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में सबसे ज्यादा है.

 

 

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