Chittorgarh News: हिंदू समुदाय के जुलूस के दौरान पत्थरबाजी, भगदड़ में हार्ट अटैक से एक की मौत, कई घायल, बिगड़ा साम्प्रदायिक माहौल
Advertisement

Chittorgarh News: हिंदू समुदाय के जुलूस के दौरान पत्थरबाजी, भगदड़ में हार्ट अटैक से एक की मौत, कई घायल, बिगड़ा साम्प्रदायिक माहौल

चित्तौड़गढ़ में मंगलवार बीती रात हिंदू समुदाय की ओर से जुलूस निकालने के दौरान समुदाय विशेष के लोगों से कहासुनी के बाद माहौल गर्मा गया. देखते ही देखते दोनों समुदायों के लोगों के बीच पथराव शुरू हो गया. पत्थरबाजी में करीब 8 से 10 लोगों को चोटें आई. पूरे घटनाक्रम में पत्थरबाजी के बाद मचे धार्मिक उन्माद की वजह से 55 साल के व्यक्ति श्यामलाल छीपा की मौत की संदिग्ध मौत का मामला भी सामने आया है.

Chittorgarh News: हिंदू समुदाय के जुलूस के दौरान पत्थरबाजी, भगदड़ में हार्ट अटैक से एक की मौत, कई घायल, बिगड़ा साम्प्रदायिक माहौल

Chittorgarh News: जिले के राशमी थाना क्षेत्र के पहुना कस्बे में मंगलवार बीती रात हिंदू समुदाय की ओर से जुलूस निकालने के दौरान समुदाय विशेष के लोगों से कहासुनी के बाद माहौल गर्मा गया. देखते ही देखते दोनों समुदायों के लोगों के बीच पथराव शुरू हो गया.

पत्थरबाजी में करीब 8 से 10 लोगों को चोटें आई. जिन्हें नजदीक अस्पताल लाया गया. जहां से एक युवक के गंभीर घायल होने पर उसे भीलवाड़ा रैफर कर दिया गया, जबकि बाकी लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई.

इस पूरे मामलें में पुलिस की ओर से 18 लोगों को राउंडअप करने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया. घटना के बाद से पूरे इलाके में तनावपूर्ण माहौल है। धारा 144 लागू करने के बाद से पहुंना में बाजार पूरी तरह बंद कर दिए है, लोगों के अनावश्यक बाहर निकलने पर पाबंदी है.
वहीं चित्तौड़गढ़ जिला मुख्यालय सहित दूसरी जगहों से अतिरिक्त पुलिस फोर्स बुला कर मौके पर तैनात किया गया है. वहीं जानकारी मिल रही है कि उदयपुर आईजी अजयपाल लाम्बा और संभागीय आयुक्त आज शाम तक मौके पर पहुना पहुंचकर हालातों का जायजा लेंगे.

क्यों उपजा बवाल, जानें

जानकारी के अनुसार पहुना में भी उज्जैन के महाकाल की तर्ज पर दशमी के अवसर पर हिंदू समुदाय की ओर से बेवाण के रूप में जुलूस निकाला जाता है. इसी के चलते बीते मंगलवार को दशमी के मौके पर हिंदू समुदाय की ओर से बेवाण निकाला जा रहा था. कस्बे में बेवाण निकालने के दौरान जैसे ही जुलूस तयशुदा रुट से होते हुए मस्जिद के सामने पहुंचा। मस्ज़िद में रमजान की विशेष महत्व के चलते नमाज के समय मुस्लिम समुदाय के काफी लोग जमा थे.

जैसे ही हिंदू समुदाय का जुलूस मस्ज़िद के सामने पहुंचा, यहां जुलूस में शामिल साउंड की बात को लेकर कुछ लोगों से कहासुनी होने लगी. इस दौरान कुछ लोगों ने साम्प्रदायिक उन्माद फैला कर माहौल खराब करने की कोशिश की गई, जिस वजह से यहां माहौल तनावपूर्ण हो गया. थोड़ी ही देर में दोनों समुदायों के बीच हुई कहासुनी, हाथापाई और फिर पत्थरबाजी में बदल गई.

इस बीच वहां मौजूद कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जुलूस और मौके पर मौजूद अधिकांश लोग कुछ समझ पाते इससे पहले भगदड़ मच गई और दोनों और से जमकर पथराव शुरू हो गया. इस पथराव में कई लोगों को चोटें आई. वहीं उपद्रवी लोगों ने कुछ जगहों पर आग लगाने की कोशिश की.

छावनी में बदला इलाका

रात को अचानक बिगड़े साम्प्रदायिक माहौल की घटना इलाके में आग की तरह फैल गई, घटना की जानकारी मिलते ही नजदीक राशमी और कपासन थाने से पुलिस अधिकारी और जाप्ता मौके पर पहुंच गया, और हालातों पर काबू पाया. वहीं चित्तौड़गढ़ एसपी सुधीर जोशी और जिला कलेक्टर आलोक रंजन भी रात को ही घटना स्थल पहुंच गए और अभी तक मौके पर मोनिटरिंग किए हुए है. पूरा इलाका एक तरह से छावनी में तब्दील हो गया है, और प्रशासन की हर संदिग्ध गतिविधी पर पैनी नजर है.

एक व्यक्ति की संदिग्ध मौत

पूरे घटनाक्रम में पत्थरबाजी के बाद मचे धार्मिक उन्माद की वजह से 55 साल के व्यक्ति श्यामलाल छीपा की मौत की संदिग्ध मौत का मामला भी सामने आया है. कहा जा रहा था कि पत्थरबाजी के दौरान छाती पर पत्थर लगने से श्यामलाल छीपा घायल हुए, जिन्हें भीलवाड़ा जिले के गंगापुर रैफर किया गया था. जहां अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तौड़ दिया। जबकि एक अन्य पड़ताल में एक और बात निकल कर सामने आई, जिसमें पता चला कि श्यामलाल छीपा का कुछ महीने पहले हार्ट का ऑपरेशन करवाया था.

जिला कलेक्टर आलोक रंजन का कहना है कि परिजनों से जानकारी मिली जिसमें पता चला कि श्याम छीपा ने कुछ महीनों पहले ही एक ऑपरेशन में हार्ट में स्टेंट लगवाया था. डॉक्टर्स का कहना है कि श्यामलाल छीपा के शरीर पर चोट के निशान नही थे। जुलूस देखने गए श्याम छीपा की पत्थरबाजी की वजह से अचानक हुई भगदड़ में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हुई है। ना कि पत्थर लगने से उनकी मौत हुई है.

प्रशासन की ओर से मृतक श्यामलाल का पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया गया. शव सुपुर्दगी के बाद शाम तक गमगीन माहौल में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। श्यामलाल छीपा के घर में फिलहाल मातम पसरा है. परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो रहा है. श्यामलाल की मौत की वजह चाहे पत्थरबाजी में पत्थर लगने से हुई हो, या फिर पत्थरबाजी की वजह से मची भगदड़ के कारण उन्हें दिल का दौरा आया हो.

दोनों ही मामलों में साम्प्रदायिक हिंसा भड़कने के बाद इलाके में उपजे उन्माद की वजह से उन्हें जान गवानी पड़ी. श्याम लाल अब इस दुनियां में नही है। उनके परिवार ने अपने घर की जिम्मेदारी उठाने वाले मुखिया को असामयिक खो दिया है.

ऐसे में मृतक के परिजनों की आंखों से लगातार बहते आंसू लगातार सिस्टम से सवाल पर सवाल कर रहे है कि आखिर कब तक धार्मिक कार्यक्रमों में उपजे झगड़ो में बेकसूर लोग अपनी जान गवाते रहेंगे? जाति, धर्म के नाम पर हो रहे इन आपसी झगड़ों और विवादों का अंत आखिर कब तक होगा? आखिर कब सरकारें संप्रदाय के नाम पर हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ एक ठोस कानून बनाकर ये जिम्मेदारी लेगी, कि धर्म, कर किसी बेगुनाह की जान नही जाएगी, किसी के घर का चिराग नही बुझेगा.

Trending news