चित्तौड़गढ़ की ATBF संस्था रक्तदान, देहदान और थैलेसीमिया जागरूकता में कमा रही नाम
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चित्तौड़गढ़ की ATBF संस्था रक्तदान, देहदान और थैलेसीमिया जागरूकता में कमा रही नाम

Chittorgarh News: चित्तौड़गढ़ में एटीबीएफ संस्था रक्तदान, देहदान सहित थैलेसीमिया के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर इन क्षेत्रों में जनचेतना की नई क्रांति लाने में सफल रही है. संस्था नें 2014 से रक्तदान के क्षेत्र में कदम रखा था.

 

चित्तौड़गढ़ की ATBF संस्था रक्तदान, देहदान और थैलेसीमिया जागरूकता में कमा रही नाम

Chittorgarh: चित्तौड़गढ़ में एटीबीएफ नाम से एक संस्था जो कि पीछले लगभग आठ वर्षों से रक्तदान, देहदान सहित थैलेसीमिया के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर इन क्षेत्रों में जनचेतना की नई क्रांति लाने में सफल रही है. वर्ष 2014 से रक्तदान के क्षेत्र में कदम रखने के बाद वर्ष 2018 में देहदान और थैलेसीमिया के क्षेत्र में संस्था ने चित्तौड़गढ़ सहित राष्ट्रीय स्तर पर कई नवाचार स्थापित किए हैं.

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संस्थान द्वारा अबतक कुल 50 हजार लोगों को पूरे भारत में लाइव और चित्तौड़गढ़ के आसपास के की क्षेत्रों में शिविर के माध्यम से रक्तदान करवाकर कई लोगों को नवजीवन प्रदान किया है. एटीबीएफ नाम से यह संस्था जो कि एक ट्रस्ट है जिसका पूरा नाम आचार्य तुलसी बहुउद्देशीय फाउंडेशन है संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष सुनील ढीलीवाल जो कि एक जानेमाने समाजसेवी भी है के इस संस्था में कुल छः स्थाई सदस्य हैं और अब तक देशभर में इसके 20000 सक्रिय ब्लड डोनर और सदस्य बन चुके हैं. कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में भी इस संस्था ने पूरे देश भर में लगभग 100 लोगों को प्लाज्मा उपलब्ध करवाकर उन्हें नवजीवन प्रदान किया.

रक्तदान प्रेरणा के लिए किए अनोखे नवाचार

पिछले 8 वर्षों में रक्तदान के कुल 200 के लगभग शिविर चित्तौड़गढ़ सहित पूरे देश भर में संस्था द्वारा लगाए जा चुके हैं. आचार्य तुलसी बहुउद्देशीय फाउंडेशन की ब्लड यूनिट का नाम आचार्य तुलसी ब्लड फाउंडेशन रखा गया है जो कि रक्तदान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है.

रक्तदान की अनूठी पहल

अनूठी पहल कर संस्थान द्वारा करवा चौथ पर पत्नियों की लम्बी उम्र की कामनाएं लेकर पतियों द्वारा, 8 मार्च विश्व महिला दिवस पर महिलाओं द्वारा एवं रक्षाबंधन पर भाई बहनों द्वारा एक दूसरे की लम्बी उम्र की कामनाएं लिए रक्तदान शिविर लगाए गए साथ ही संस्थान ने विश्व फ्रेंडशिप डे को रक्त मित्र दिवस के रूप में मनाते हुए मित्रों के साथ रक्तदान करवाने हेतु शिविर लगवा कर मित्रों के सामुहिक रक्तदान करवाएं.

जन्मदिन को "रक्तदान- जीवनदान" के रूप में मनाने की प्रथा 

सबसे पहले संस्थान ने नवाचार के तौर पर रक्तदान प्रोत्साहन हेतु जन्मदिवस को रक्तदान दिवस के रूप में मनाने की पहल की जिसमें जन्म दिवस पर मित्रों एवं परिजनों द्वारा उपहार स्वरूप रक्तदान कर शुभकामनाएं भेंट करवाईं गई और जन्मदिन को "रक्तदान- जीवनदान" के रूप में मनाने की प्रथा को कायम करने में सफलता प्राप्त की.

महिला रक्तदान में विश्व किर्तिमान तोड़ा

8 मार्च 2022 विश्व महिला दिवस पर इसी वर्ष एटीबीएफ के बैनर तले 339 महिलाओं का एक ही शिविर में रक्तदान करवा कर वर्ल्ड रिकॉर्ड को तोड़ा है हालांकि इसे अभी तक गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज करने का दावा संस्थान द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया लेकिन आंकड़े दावा प्रस्तुत कराने वाले रहे हैं संस्था इसके लिए प्रयास कर रही है. एटीबीएफ ने थैलेसीमिया जैसे गम्भीर रोग पर जागरूकता के लिए राजस्थान पुलिस विभाग के साथ मिलकर राष्ट्रीय स्तर का एक कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ में ही आयोजित करवाया जिसमें नेशनल वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅक्टर जे एस अरोड़ा ने मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहें. राजस्थान पुलिस से डीआईजी प्रसन्न कुमार खमेसरा सहित चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह ने भी कार्यक्रम में भाग लिया.

थैलेसीमिया पर लगभग 20 कॉलेज और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में थैलेसीमिया जनजागरण अभियान चलाकर छात्र छात्राओं को थैलेसीमिया पर जानकारीयां दीं. साथ ही राजस्थान सरकार द्वारा मार्च माह में होने वाले थैलेसीमिया और हिमोफिलिया पर पीछले पांच वर्षों से आयोजित सेमिनार में थैलेसीमिया पर मुख्य वक्ता के तौर पर संस्था की पूर्णिमा मेहता एवं स्वेच्छिक रक्तदान पर संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष सुनील ढीलीवाल ने जानकारियों पर वक्तव्य प्रस्तुत किए.

थैलेसीमिया पर कई बच्चों को बिना रिप्लेसमेंट के ब्लड उपलब्ध कराने का सराहनीय कार्य किया जा रहा है साथ ही यह संस्था पूरे देश भर में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को भी बीना रिप्लेसमेंट के ब्लड उपलब्ध करवाता रहा है.

चित्तौड़गढ़ में ब्लड सेपरेशन यूनीट स्थापित करवाया

ब्लड सेपरेशन यूनीट के अभाव में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को जब चित्तौड़गढ़ से बाहर जाना पड़ता था लेकिन जब संस्थान के संज्ञान में यह परेशानी आई तो तत्कालीन जिला कलक्टर चेतन देवड़ा को मध्यस्थ बनाते हुए संस्था प्रधान सुनील ढीलीवाल ने यह व्यवस्था चित्तौड़गढ़ में आदित्य सीमेंट फैक्ट्री शंभूपुरा से दान स्वरूप स्थापित करवाने में सफलता प्राप्त की जिससे थैलेसीमिया के बच्चों को अब ब्लड सेपरेशन की सुविधा चित्तौड़गढ़ में ही प्राप्त हो रही है.

एक लाख लोगों को वितरित किए निःशुल्क भोजन के पैकेट

कोरोना काल में प्रथम चरण के दौरान जब प्रवासी मजदूरों को अपने अपने घरों के लिए जाते समय भोजन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था तब संस्थान ने चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर के आग्रह के पश्चात् आगे आकर इस क्षेत्र में गरीब जरूरतमंद एवं मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने का बीड़ा अपने हाथ लिया जिसके तहत लगभग एक लाख से अधिक भोजन के पैकेट बनवा कर निःशुल्क रूप से जरूरतमंदों तक पहुंचाए गए साथ ही चित्तौड़गढ़ में आने वाले मजदूरों की स्क्रीनिंग करा कर परिवहन विभाग द्वारा साधन की व्यवस्था करवाई और उन्हें गंतव्य तक पहुंचाया गया.

कोरोना महामारी के दौरान संस्थान के जितने भी वॉलिंटियर्स कोरोना वारियर्स के रूप में सेवाएं दे रहे थे संस्थान ने उनका कोरोना रिस्क कवर बीमा पॉलिसी भी करवाई जो कि संस्थान की एक अनोखी संवेदनशीलता मिसाल प्रस्तुत करती है. एटीबीएफ संस्थान जिला, राज्य सहित राष्ट्रीय स्तर पर मानव सेवा कार्यों के लिए कई बार सम्मानित भी हो चुकी है. राज्य स्तर पर राजस्थान स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन कौंसिल द्वारा और राष्ट्रीय पर स्तर पर बाॅम्बे ब्लड ग्रुप महाराष्ट्र द्वारा वर्ष 2018 में एवं ह्यूमन सोशल फाउंडेशन (एच एस एफ) द्वारा वर्ष 2019 में सम्मानित किया गया. राज्य सरकार के केबिनेट मंत्री उदय लाल आंजना द्वारा एटीबीएफ को मेवाड़ गौरव सम्मान भी दिया जा चुका है.

देहदान के क्षेत्र में भी बढ़ाए कदम

वर्ष 2017 के बाद डेढ़ साल के अल्प समय में ही संस्थान ने प्रयास कर चित्तौड़गढ़ जिले के कुल 50 से अधिक देहदान संकल्प पत्र भरवा कर जिले में रिकोर्ड कायम किया गया जिनमें से दो मृतकों के देह एनॉटोमी विभाग उदयपुर और भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज को मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों के परीक्षण के लिए सौंप चुका है. हालांकि कोरोना के कारण यह संख्या बढ़ना बंद हो गई लेकिन कोरोना के बाद वापस सतत् प्रयास किए जा रहे हैं.

Reporter- Deepak Vyas

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