फोटोग्राफी एक कला, उसकी बारीकियों को समझना बेहद कठिन काम- पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़
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फोटोग्राफी एक कला, उसकी बारीकियों को समझना बेहद कठिन काम- पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़

डूंगर महाविद्यालय में राष्ट्रीय छायाचित्र प्रदर्शनी और कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ. प्रदर्शनी का उद्घाटन कॉलेज के प्रताप सभागार में सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ और अम्बिका राठौड़ ने किया.

फोटोग्राफी एक कला, उसकी बारीकियों को समझना बेहद कठिन काम- पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़

Bikaner: सम्भाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर महाविद्यालय में राष्ट्रीय छायाचित्र प्रदर्शनी और कार्यशाला का शुभारम्भ हुआ. प्रदर्शनी का उद्घाटन कॉलेज के प्रताप सभागार में सीमा सुरक्षा बल के महानिरीक्षक पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ और अम्बिका राठौड़ ने किया. प्रदर्शनी में राजस्थान की कला, संस्कृति, सामाजिक सरोकार से जुड़ी जीवन्त और दुर्लभतम छायाचित्रों को दर्शाया गया है. प्रदर्शनी 2 से 4 नवम्बर तक प्रतिदिन आम नागरिकों के लिये भी निशुल्क उपलब्ध रहेगी.

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इस अवसर पर मुख्य अतिथि पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि छायाचित्रों के माध्यम से विद्यार्थियों और आमजन को राजस्थान की विविधता के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सकेगी. राठौड़ ने कहा कि फोटोग्राफी एक कला है, उसकी बारीकियों को समझना बेहद कठिन काम है, लेकिन इस प्रकार की कार्यशाला से युवाओं को इस क्षेत्र में बेहतरीन जानकारी उपलब्ध हो सकेगी.

उन्होनें राजस्थान की संस्कृति में लंगा और मांगनियार के योगदान को सराहा. उन्होनें विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि राजस्थानी भाषा का अधिकाधिक उपयोग करके ही प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा सकती है. उन्होने महाराजा गंगा सिंह के बीकानेर को दिए गए योगदान को अभूतपूर्व बताया. इस अवसर पर उन्होनें युवाओं से राष्ट्र सेवा में सदैव तत्पर रहने की अपील की.

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अपने उद्बोधन में प्राचार्य डॉ. जीपी सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शनी में कथागो नामक संस्था के सहयोग से विभिन्न छायाचित्रों का प्रदर्शन किया गया है, जिसमें राजस्थान के बारे में आमजन को रूबरू करवाने का सफलतम प्रयास किया गया है. डॉ. सिंह ने बताया कि प्रदर्शनी में राजस्थान जैसे शुष्क प्रदेश में बेहतरीन जल प्रबन्धन और बीकानेर की पारम्परिक होली उत्सव और ग्रामीण परिवेश में जनजीवन सहित विभिन्न अवसरों को उत्तम फोटोग्राफ के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है. उन्होनें कहा कि महाविद्यालय के डॉ. प्रताप सिंह और डॉ. अनिल अरोड़ा ने भी राजस्थान के वन्य जीव प्रबन्धन को छायाचित्रों के माध्यम से दर्शाया है. सहायक निदेशक डॉ. राकेश हर्ष ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए.

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आयोजन सचिव डॉ. अविनाश जोधा ने कार्यक्रम के विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को फोटोग्राफी को प्रायोगिक रूप में समझाया जावेगा. उन्होनें कथागो संस्था की कार्यपद्धति और उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की. संयोजक डॉ. सोनू शिवा ने बताया कि कॉलेज की अंग्रेजी भाषा प्रयोगशाला और चित्रकला विभाग के संयुक्त तत्वावधान में इस प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है.

उन्होनें बताया कि इस प्रदर्शनी से बीकानेर के विभिन्न विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थीगण एवं संकाय सदस्य लाभान्वित होगें. डॉ. इन्द्र सिंह राजपुरोहित ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया. डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ.शशिकान्त आचार्य और डॉ. सम्पत भादू ने कार्यक्रम का संचालन किया. कार्यक्रम में समन्वयक डॉ. राजेन्द्र पुरोहित, डॉ. कैलाश स्वामी, डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह, डॉ. एमडी शर्मा, डॉ. नरेन्द्र कुमार, डॉ. इन्द्रा विश्नोई, डॉ. अनिला पुरोहित, डॉ. सुषमा जैन, डॉ. सुचित्रा कश्यप सहित बड़ी संख्या में संकाय सदस्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे.

Reporter- Raunak Vyas

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