कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता की. वार्ता दौरान प्रदेश सरकार और संघर्ष समिति सदस्यों के बीच आपसी सहमति बन गई. बाद में कैबिनेट मंत्री ने धरनास्थल पर पहुंच संघर्ष समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन को लेते हुए संदेशवाहक बनकर संघर्ष समिति की मांगों को प्रदेश सरकार को अवगत कराने आश्वासन दिया.
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Nadbai: नेशनल हाईवे 21 पर कुशवाह, शाक्य, मौर्य, सैनी और माली समाज को 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग की जा रही है. इसी को लेकर राजस्थान फुले आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से नदबई क्षेत्र के गांव अरोंदा समीप जाम लगाने के मामलें में कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की पहल पर धरना समाप्त हुआ. ऐसे में एक बार फिर विश्वेन्द्र सिंह भरतपुर जिले में संकटमोचक बनकर नजर आए.
कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने संघर्ष समिति के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता की. वार्ता दौरान प्रदेश सरकार व संघर्ष समिति सदस्यों के बीच आपसी सहमति बन गई. बाद में कैबिनेट मंत्री ने धरनास्थल पर पहुंच संघर्ष समिति की ओर से दिए गए ज्ञापन को लेते हुए संदेशवाहक बनकर संघर्ष समिति की मांगों को प्रदेश सरकार को अवगत कराने आश्वासन दिया.
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संघर्ष समिति सदस्यों ने ज्ञापन में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग सहित प्रदेश मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने और पुलिस में दर्ज मामलों को वापिस लेने की मांग की. बाद में संघर्ष समिति संयोजक मुरारीलाल सैनी ने आन्दोलन समाप्त करने की घोषणा की.
गौरतलब है कि सैनी कुशवाह समाज की ओर से आगरा जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नदबई क्षेत्र के गांव अरोंदा के समीप रविवार शाम 5 बजे से जाम लगाते हुए आंदोलन किया जा रहा. जिला प्रशासन ने कई बार संघर्ष समिति सदस्यों से बातचीत की लेकिन, संघर्ष समिति सदस्य अपनी जिद पर अड़े रहे. बाद में प्रदेश सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को अधिकृत किया. कैबिनेट मंत्री की पहल पर पांचवे दिन धरना समाप्त हुआ.
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