राजस्थान की जनता ने अपना जनादेश भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दे दिया है और अब राजस्थान की सत्ता में भाजपा को गृह प्रवेश करना है, लेकिन यह जीत भाजपा के लिए एक बड़ी जीत रही.
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Rajasthan BJP Winning Factors: राजस्थान की जनता ने अपना जनादेश भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में दे दिया है और अब राजस्थान की सत्ता में भाजपा को गृह प्रवेश करना है, लेकिन यह जीत भाजपा के लिए एक बड़ी जीत रही. चलिए जानते हैं कि आखिर वह कौन से एक्स फैक्टर है जिसके चलते जनता ने 'मोदी की गारंटी' पर भरोसा किया और उस पर मुहर लगाई.
इस चुनाव में गारंटीयों की खूब चर्चा रही. अशोक गहलोत ने पोस्टर बॉय बनकर जनता के सामने 7 गारंटी रखी तो उसके जवाब में प्रधानमंत्री ने 'मोदी की गारंटी' को ही सब कुछ बताया यानी 7 गारंटी बनाम मोदी की गारंटी.
भाजपा ने किसी एक को मुख्यमंत्री चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट करने की बजाय कमल के फूल को ही अपना चेहरा बताया, जिसके चलते सभी नेताओं ने आपसी मतभेद को एक तरफ रखकर एक साथ चुनाव लड़ा और भाजपा का विजय संकल्प पूरा किया.
भाजपा ने अपने हिंदुत्व फैक्टर को बरकरार रखते हुए साधु-संतों को भी टिकट दिया. जिसमें तिजारा से बाबा बालक नाथ, जयपुर के हवा महल से महंत बालमुकुंद आचार्य और पोकरण से महंत प्रताप पुरी को टिकट दिया गया. इसके जरिए भाजपा ने एक बड़ा सियासी मैसेज भी पूरे प्रदेश में पहुंचा और सभी ने जीत भी दर्ज की.
भाजपा ने लगातार अशोक गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण के आरोप लगाए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर भाजपा के तमाम सभी नेताओं ने बार-बार अपनी रैली और सभाओं में कन्हैया लाल हत्याकांड का जिक्र किया. इस मोर्चे पर कांग्रेस पूरी तरह विफल नजर आई.
राजस्थान में हर 5 साल बाद रोटी पलटने का रिवाज है यानी सत्ता बदलने की परिपाटी तीन दशकों से चली आ रही है और यह रिवाज इस बार भी कायम रहा. चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में वाटर कहते नजर आए कि 'अजी यहां तो सत्ता बदलने की परंपरा है'.
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार आने के साथ ही महिला सुरक्षा का मुद्दा छाया रहा. महिला अत्याचार और महिलाओं के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में राजस्थान नंबर एक पर रहा. जिसके चलते महिलाओं में असुरक्षा का भाव बढ़ता चला गया और यह मुद्दा भी चुनावी समर में छाया रहा.
इस साल के विधानसभा चुनाव में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया. इस बढ़े वोटिंग प्रतिशत का सीधा फायदा भाजपा को मिला. हालांकि कुछ एग्जिट पोल में दावा किया गया कि महिलाओं का रुझान कांग्रेस की ओर है, लेकिन नतीजे आए तो महिलाएं भाजपा के साथ खड़ी नजर आई. यानी भाजपा महिलाओं को मैसेज देने में कामयाब रही.
राजस्थान में एक दर्जन से ज्यादा पेपर लीक हुए. जिसके चलते युवाओं में भारी आक्रोश देखने को मिला. चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा बना और इसे भाजपा ने भी जमकर भुनाने की कोशिश की. जिसका फायदा भाजपा को ही होता नजर आया. जबकि इसे लेकर कोई ठोस एक्शन प्लान बनाने में गहलोत सरकार नाकामयाब रही.
भाजपा को इस चुनाव में फर्स्ट टाइम वोटर्स का भी पूरा साथ मिला. फर्स्ट टाइम वोटर्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खास क्रेज देखने को मिला और यही कारण रहा जिसके चलते अधिकतर फर्स्ट टाइम वोटर्स ने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया.