Ajmer: JLN अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम, इमरजेंसी में भी कोई नहीं है मरीज को देखने वाला
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Ajmer: JLN अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम, इमरजेंसी में भी कोई नहीं है मरीज को देखने वाला

अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है. एक तरफ सरकार मरीज और परिजनों को व्यापक व्यवस्थाएं देने का दावा कर रही है. वहीं संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में इन दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है.

अव्यवस्थाओं का आलम

Ajmer: अजमेर संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में अव्यवस्थाओं का आलम है. एक तरफ सरकार मरीज और परिजनों को व्यापक व्यवस्थाएं देने का दावा कर रही है. वहीं संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में इन दावों की पोल खुलती हुई नजर आ रही है. आउटडोर में जहां मरीजों की भीड़ देखने को मिल रही है. वहीं इमरजेंसी में आने वाले मरीज और उनके परिजनों को देखने वाला भी कोई नहीं है. 

एंबुलेंस की मदद से गंभीर मरीजों को जेएलएन अस्पताल की इमरजेंसी में लाया जाता है, जहां पर चार से पांच एंबुलेंस कतार बद्द होकर खड़ी दिखाई दी लेकिन मरीजों को अंदर ले जाने के लिए स्ट्रक्चर की व्यवस्था भी नहीं दिखाई है और ना ही वार्ड बॉय नजर आया और ना ही स्ट्रक्चर अस्पताल में मिला, जिसके कारण मरीज और उनके परिजन इमरजेंसी होने के बावजूद लंबे समय तक इंतजार करते हुए नजर आए. 

परिजनों का कहना है कि अस्पताल में व्यवस्थाएं है और स्ट्रक्चर भी मौजूद नहीं है, जिसके कारण कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है. अलग-अलग अस्पतालों से कई मरीज रेफर होकर आते है. वहीं एक्सीडेंट में अन्य बीमारियों से ग्रसित भी कई मरीज अस्पताल पहुंचते हैं. यह संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां सैकड़ों की संख्या में मरीज रोजाना आते हैं लेकिन अस्पताल में कोई व्यवस्थाएं नजर नहीं आ रही, ऐसे में अस्पताल प्रशासन को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है. 

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जानकारी के अनुसार संभाग के इतने बड़े अस्पताल में केवल 10 स्ट्रक्चर हैं, जो अलग-अलग मरीजों को लेकर वार्डों में चले जाते है. इसके बाद अस्पताल में व्हीलचेयर और स्ट्रक्चर की व्यवस्था नहीं हो पाती और वार्ड बॉय तो ना के बराबर है. ऐसे में मरीज के परिजन अपने मरीजों को अपने हिसाब से ही अंदर ले जाने को मजबूर होते हैं, जहां भी व्यवस्थाओं के अभाव में कई परेशानियां मरीज के परिजनों को झेलनी पड़ती है.

Reporter: Ashok Bhati

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