AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया कि ये अवसरवादी धर्मनिरपेक्षता के जहरीले फल हैं. भाजपा-टीएमसी (BJP-TMC) राजनीतिक सत्ता और लाभ के लिए लड़ रही हैं, जबकि निर्दोष मुसलमान सिर्फ बलि का बकरा हैं.
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AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में निर्दोष मुसलमानों को बलि का बकरा बनाया गया है. जबकि, भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस (TMC) राजनीतिक फायदे के लिए एक दूसरे से लड़ रही हैं. मतदान के दिन हिंसा में मारे गए लोगों में 15 पीड़ितों के मुस्लिम होने की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया कि ये अवसरवादी धर्मनिरपेक्षता के जहरीले फल हैं. भाजपा-टीएमसी राजनीतिक सत्ता और लाभ के लिए लड़ रही हैं, जबकि निर्दोष मुसलमान सिर्फ बलि का बकरा हैं.
700 बूथों पर फिर से मतदान
पश्चिम बंगाल राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) ने मत पेटियों को नुकसान पहुंचाने के आरोपों और हिंसा में 15 लोगों की मौत के बीच राज्य के 19 जिलों के लगभग 700 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया है. सोमवार को हुए दोबारा मतदान में अब तक किसी बड़ी हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली है, लेकिन रविवार को अबू सलेम खान नाम का एक व्यक्ति कुलतली थाना क्षेत्र के पश्चिम गबतला में एक मतदान केंद्र के पास मृत पाया गया था.
इलाज के दौरान मरीज ने तोड़ा दम
शनिवार रात को जिले के बसंती इलाके में हिंसा के दौरान घायल हुए एक अन्य टीएमसी कार्यकर्ता अजहर लश्कर की कोलकाता के सरकारी SSKM अस्पताल में मौत हो गई. इसकी पुष्टि अजहर का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने की. मालदा जिले के बैशननगर में एक मतदान केंद्र के बाहर टीएमसी कार्यकर्ता मोतिउर रहमान को चाकू मार दिया गया. टीएमसी ने आरोप लगाया कि यह घटना तब हुई जब कांग्रेस कार्यकर्ता मतपेटी के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे थे और उसने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने आरोपों से इनकार किया है. अधिकारियों ने बताया कि रहमान ने मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया.
हिंसा में शनिवार को 12 मौतें
पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए मतदान के दौरान भड़की हिंसा में शनिवार रात तक 12 लोगों की मौत की सूचना थी जिनमें टीएमसी (TMC) के 8 और भारतीय जनता पार्टी (BJP) तथा मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (MCP) और कांग्रेस (Congress) के एक-एक समर्थक शामिल हैं. हालांकि, अलग-अलग राजनीतिक दलों ने दावा किया है कि हिंसा में मरने वालों की संख्या इससे अधिक है और यह संख्या 18 है.
राजनीतिक दलों ने क्या कहा?
तृणमूल ने कहा है कि उसके 9 कार्यकर्ता मारे गए हैं, जबकि कांग्रेस ने कहा है कि उसके तीन समर्थक मारे गए हैं. भाजपा और माकपा ने अपने दो-दो समर्थकों के मारे जाने का दावा किया है. 2 मृतकों के बारे में यह नहीं पता चल सका है कि वे किस दल के समर्थक थे. SEC ने जिलाधिकारियों से मौत को लेकर विस्तृत ब्योरा तलब किया है.
(इनपुट: एजेंसी)