एकनाथ शिंदे ने बाला साहेब ठाकरे की जयंती पर अपने एक बयान से सियासी गलियारों में खलबली मचा दी है. उन्होंने कहा है कि अगर उद्धव सेना ने उनकी आलोचना बंद नहीं की तो उनकी पार्टी में केवल दो विधायक बचेंगे. इससे सवाल उठने लगे हैं कि क्या उद्धव को एक और झटका लगने वाला है?
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Maharashtra Eknath Shinde News: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ शिवसेना के प्रमुख एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे की पार्टी को सीधे चुनौती दी है. उन्होंने शिवसेना (उबाठा) को चेतावनी दी कि अगर उसने उनकी पार्टी और महायुति की आलोचना बंद नहीं की तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के पास मौजूदा 20 में से केवल दो विधायक ही बचेंगे.
उन्होंने कहा कि राज्य की जनता ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना (उबाठा) को करारा जवाब दिया और अब समय आ गया है कि वह आत्ममंथन करे. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती पर उन्हें और अपने गुरु आनंद दिघे को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘आनंद आश्रम’ के दौरे से इतर पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने यह भी कहा कि दूसरे राज्यों में भी शिवसेना की मांग बढ़ रही है.
उन्होंने कहा, ‘पहले दिन से ही विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए), खासकर शिवसेना (उबाठा) मेरी और महायुति की आलोचना कर रही है, लेकिन कुछ भी काम नहीं आया और राज्य के नागरिकों ने उन्हें करारा जवाब दिया तथा उन्हें उनकी जगह दिखा दी. अगर ऐसा ही रहा तो वे 20 में से 0 (शून्य) खो देंगे.’
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के शानदार प्रदर्शन को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य की जनता ने फैसला दे दिया है कि असली शिवसेना कौन है. जून, 2022 में शिवसेना तब विभाजित हो गई थी जब शिंदे ने महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह कर दिया था, जिससे राज्य की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिर गई थी.
शिंदे गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘तीर-कमान’ चिह्न मिला जबकि ठाकरे गुट को ‘मशाल’ चिह्न के साथ शिवसेना (उबाठा) नाम दिया गया. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 99वीं जयंती के मौके पर आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने कहा कि शिवसेना (उबाठा) ने 97 सीट पर चुनाव लड़ा और केवल 20 सीट जीतीं.
शिंदे ने कहा, ‘हमने 80 सीट पर चुनाव लड़ा था और 60 सीट जीतीं. यह जीत शानदार है. अब बताइए असली शिवसेना किसकी है. जनता ने अपना फैसला सुना दिया है कि असली शिवसेना कौन सी है.’ शिंदे ने कहा, ‘हम बालासाहेब ठाकरे की विरासत के उत्तराधिकारी हैं. लोगों ने इस पर अपनी मुहर लगा दी है.’
उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी इसी तरह की सफलता मिलना जरूरी है. शिंदे ने कहा, ‘आत्मसम्मान किसी भी पद से अधिक महत्वपूर्ण है. शिवसेना के आदर्शों और स्वाभिमान से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा.’ (भाषा)