Pornography Law: सार्वजनिक तौर पर पोर्न देखने की मनाही, जानें- सजा के बारे में क्या कहता है कानून
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Pornography Law: सार्वजनिक तौर पर पोर्न देखने की मनाही, जानें- सजा के बारे में क्या कहता है कानून

Kerala High Court on Porn Content:  पोर्न देखने के मुद्दे पर केरला हाइकोर्ट ने आदेश में कहा कि निजी तौर पर अगर कोई पोर्न देखता है तो अपराध नहीं है. यदि वो सार्वजनिक तौर पर पोर्न देखता है या किसी को दिखाता है तो सजा का भागीदार होगा. यहां हम बताएंगे कि सार्वजनिक तौर पर यदि आप अश्लील कंटेंट रखने, देखने या दिखाने के लिए दोषी पाए गए तो सजा का प्रावधान क्या है.

Pornography Law: सार्वजनिक तौर पर पोर्न देखने की मनाही, जानें- सजा के बारे में क्या कहता है कानून

Pornography Punishment: क्या पोर्न देखना सही नहीं, क्या पोर्न देखना कानूनन अपराध है, क्या पोर्न देखना सामाजिक बुराई है. क्या इसकी वजह से सांस्कृतिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है. क्या पोर्न देखना ही नहीं चाहिए या कुछ बंदिशों और सामाजिक लोकाचार के बंधनों को ध्यान में रखकर पोर्न देखा जा सकता है. यह एक ऐसा विषय है जिसका साबका आम और खास हर एक शख्स से जुड़ा हुआ है इन सभी सवालों पर विस्तार से केरला हाइकोर्ट(Kerala Highcourt) से अपने आदेश में कहा कि पोर्न देखना अपराध तो नहीं बशर्ते आप अकेले में देख रहे हों लेकिन आप किसी और को भी दिखा रहे हैं तो यह गैरकानूनी है.

केरल हाइकोर्ट के सामने यह मामला सामने आया कि क्या आईपीसी की धारा 292(ipc 292 on poronography content) के तहत अगर कोई शख्स अकेले में पोर्न वीडियो देख रहा है तो क्या वो अपराध की श्रेणी में है. इसके साथ एक सवाल यह भी था कि अगर कोई शख्स किसी दूसरे को अश्लील फोटो या अश्लील वीडियो दिखा रहा है या सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शन कर रहा है तो क्या वो अपराध कर रहा है, इन दोनों मामलों में जस्टिस पी वी कुन्हीकृष्णन की बेंच ने साफ किया कि अगर कोई शख्स निजी तौर पर पोर्न देखता है तो अपराध नहीं हां अगर वो सार्वजनिक तौर पर ऐसा कर रहा है तो अपराध होगा.

पोर्नोग्राफी को लेकर कानून

  • अगर आप सार्वजनिक तौर पर पोर्न देखते हैं या दिखाते हैं तो आईटी एक्ट की धारा 67, 67ए, 67 बी के तहत जेल और जुर्माने का प्रावधान है.

  • धारा 67 के तहत अगर आप सार्वजनिक तौर पर पोर्न देखते है, डाउनलोड या वायरल करते हैं तो पहली बार अपराध करने पर 3 साल की सजा और पांच लाख का जुर्माना, दूसरी बार गलती करने पर 5 साल की सजा और 10 लाख रुपए का जुर्माना.

  • 67 ए के तहत मोबाइल में पोर्न कंटेंट रखने और वायरल करने की सूरत में पहली बार में पांच साल की जेल, 10 लाख का जु्र्माना. दूसरी बार गलती करने पर सात साल की जेल और 10 लाख का जुर्माना

  • 67 बी के तहत यदि मोबाइल में चाइल्ड पोर्न, वीडियो या फोटो मिला तो पहली बार 5 साल की जेल, 10 लाख का जुर्माना. दूसरी बार गलती करने पर सात साल की जेल और 10 लाख का जुर्माना

  • आईपीसी की धारा 292 और 293 के तहत भी सजा की व्यवस्था है, 292 के तहत यदि आप पोर्न साहित्य को बेचने, बांटने या सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करते हैं तो पहली बार 2 साल तक की जेल और 2 हजार का जुर्माना. दूसरी बार पकड़े जाने पर पांच साल तक जेल और पांच हजार का जुर्माना.

  • धारा 293 के तहत अगर पोर्न साहित्य 20 साल के कम उम्र से साझा करते हैं तो पहली बार दोषी पाए जाने पर 3 साल तक जेल 2 हजार रुपए जुर्माना जबकि दूसरी बार दोषी पाए जाने पर सात साल तक की जेल और 5 हजार का जुर्माना है

  • पाक्सो के तहत सजा का सख्त प्रावधान है. इसमें धारा 14 के तहत यदि कोई शख्स अश्लील कंटेंट के लिए बच्चों का इस्तेमाल करता है तो उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है साथ ही जुर्माना भी देना होगा.

  • पाक्सो के एक्ट 15 के तहत अगर बच्चों से संबंधित पोर्न कंटेंट रखता है तो उसे तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों सजा भुगतना होगा.

केरला हाईकोर्ट ने कहा

जस्टिस पी वी कुन्हीकृष्णन ने एक और दिलचस्प बात कही कि पोर्नोग्राफी का इतिहास सदियों पुराना है लेकिन बदलते समय में जब हर किसी तक इंटरनेट की पहुंच है वैसी सूरत में पोर्न देखना आसान हो गया है. पोर्न देखना या ना देखना किसी भी शख्स की अपनी पसंद है. अगर किसी तरह की रोक का मतलब यह होगा कि हम उस शख्स की निजी जिंदगी में हस्तक्षेप कर रहे हैं. एक तरह से घुसपैठ की तरह है. 2015 के एक सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए जस्टिस ने  कहा कि निजी तौर पर पोर्न देखना व्यक्तिगत स्वतंत्रता के दायरे में आता है.

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