UGC-NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. पुलिस जांच में पता चला है कि लातूर के 9 NEET स्टूडेंट्स के पास पटना का एडमिट कार्ड था. अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या लातूर के इन 9 NEET स्टूडेंट ने पटना में जा कर परीक्षा दिया है? पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि महाराष्ट्र के NEET स्टूडेंट को बिहार का एडमिट कार्ड और सेंटर क्यों और कैसे मिला था. इस मामले में फरार आरोपी गंगाधर लगातार पटना में किसी के साथ संपर्क में था. गंगाधर ही लातूर में जिला परिषद के टीचर और आरोपियों के भी संपर्क में था. हालांकि, यह पहला मामला नहीं है इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि गुजरात के गोधरा में एक परीक्षा सेंटर पर कर्नाटक, ओडिशा, झारखंड, बिहार आदि राज्यों के छात्र पहुंचे थे. आइए समझते हैं कि नीट पेपर लीक मामले में अब तक क्या हुआ है.
- एनटीए ने इस साल 5 मई 2024 को नीट की परीक्षा का आयोजन किया था. इसी दिन पटना के शास्त्रीनगर थाना की पुलिस को सूचना मिली कि एक संगठित गिरोह, कुछ अभ्यर्थी और परीक्षा संचालन करने वाले कुछ कर्मियों ने मिलीभगत से पेपर लीक कर दिया है. पुलिस को यह भी टिप मिली की सेटर एक कार में घूम रहे हैं. कार में नीट अभ्यर्थी के एडमिड कार्ड मिलने के बाद पुलिस ने कार में सवार सिंकदर यादवेंदु को गिरफ्तार कर लिया. सिकंदर की गिरफ्तारी के साथ ही पेपर लीक मामले से पर्दा उठने लगा.
- पटना पुलिस की पूछताछ में सेटरों ने बताया कि उनके कुछ अभ्यर्थी पटना के अलग-अलग सेंटरों पर परीक्षा दे रहे हैं. पूछताछ के आधार पर पुलिस ने एक सेंटर से आयुष नाम के एक छात्र को हिरासत में लिया. आयुष ने पूछताछ में पुलिस के सामने कबूल किया कि उसे परीक्षा से एक रात पहले ही प्रश्न पत्र मिल गए थे.
- 4 जून को एनटीए परीक्षा परिणाम घोषित किया. इसमें 67 छात्रों ने टॉप किया. परिणाम से यह भी पता चला कि एनटीए ने 1563 छात्रों को समय कम मिलने पर ग्रेस मार्क्स दिए थे. इसके बाद पेपर लीक के आरोप और तेज हो गए. शुरुआत में एनटीए और देश के शिक्षा मंत्री दोनों ने इनकार किया.
- 13 जून को नीट परीक्षा को रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने काउंसिल पर रोक लगाने से इनकार करते हुए एनटीए से जवाब मांगा. एनटीए ने जवाब देते हुए ग्रेस मार्क्स पाए 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा आयोजित करने की बात कही.
- 17 जून को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नीट परीक्षा में कुछ जगहों पर अनियमितता की बात स्वीकार की. 19 जून को शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने की घोषणा की. यह परीक्षा एक ही दिन पहले यानी 18 जून को हुई थी. इस परीक्षा को भी एनटीए ने ही आयोजित किया था.
- मामला तूल पकड़ने के बाद शिक्षा मंत्रालय ने 20 जून को बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) से जांच रिपोर्ट मांगी. 20 जून को ही शिक्षा मंत्रालय ने हाई लेवल कमेटी की गठन किया. यह कमेटी एनटीए के कामकाज को बेहतर बनाने के लिए सिफारिश देगी.
- एक दिन बाद ही यानी 21 जून को एनटीए ने CSIR-UGC नेट परीक्षा स्थगित करने का आदेश दिया. अगले दिन यानी 22 जून को केंद्र सरकार ने नीट परीक्षा में कथित धांधली की जांच सीबीआई को सौंपी. साथ ही केंद्र सरकार ने एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह को पद से हटा दिया. प्रदीप सिंह खरौला को एनटीए के महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
- नीट परीक्षा के कथित धांधली केस में सीबीआई के साथ-साथ बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों की पुलिस भी अपने स्तर पर छापेमारी और जांच कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल नीट की काउंसिल पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को नीट विवाद से जुड़ी सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई करेगी.