2024 के रण में 'NDA' vs 'INDIA': कौन किस पर भारी और किसकी कितनी भागीदारी?
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2024 के रण में 'NDA' vs 'INDIA': कौन किस पर भारी और किसकी कितनी भागीदारी?

लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ चुकी है.एनडीए के मुकाबले विपक्ष की 'इंडिया' ने हल्ला बोल दिया है. विपक्षी पार्टियों ने अपने 26 दलों के नए गठबंधन को इंडिया नाम दिया है. ये गठबंधन एनडीए के 38 दलों के खिलाफ चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करने के लिए तैयार है.

2024 के रण में 'NDA' vs 'INDIA': कौन किस पर भारी और किसकी कितनी भागीदारी?

'2024 के लोकसभा चुनाव में लड़ाई विपक्ष और बीजेपी के बीच नहीं है. बल्कि ये लड़ाई देश की आवाज के लिए है. यह लड़ाई 'एनडीए' और 'इंडिया' के बीच है. नरेंद्र मोदी और 'इंडिया' के बीच है, उनकी विचारधारा और 'इंडिया' के बीच है.' ये बात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक के बाद कही है. 

दरअसल, अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को कड़ी चुनौती देने के प्रयास में जुटे 26 विपक्षी दलों ने मंगलवार को अपने गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ रखने का फैसला किया और यह संकल्प भी लिया कि वो देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीति और सामाजिक एवं आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे.

विपक्ष के 26 दलों की बैठक के बाद राहुल गांधी ने कहा, जब भी कोई हिंदुस्तान के सामने खड़ा होता है, तो जीत किसकी होती है यह बताने की जरूरत नहीं है. राहुल गांधी ने कहा, ‘जब हम चर्चा कर रहे थे, तो हमने खुद से ये सवाल पूछा कि लड़ाई किसके बीच है. यह लड़ाई विपक्ष और भाजपा के बीच नहीं है. देश की आवाज को दबाया और कुचला जा रहा है. यह देश की आवाज के लिए लड़ाई है. इसीलिए यह ‘इंडिया’ नाम चुना गया.’

एनडीए की बैठक में 38 घटक दल शामिल

मंगलवार को जहां विपक्ष की बैठक में 26 दल शामिल हुए. वहीं. दिल्ली में एनडीए की बैठक में 38 पार्टियों के शामिल होने का दावा किया गया. इन 38 पार्टियों में....

बीजेपी, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) , लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान), राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी (पारस), अपना दल (सोनेलाल), एआईएडीएमके, एनडीपीपी, एसकेएम, आईएमकेएमके, आजसू, एमएनएफ, हम,  बीपीपी, पीएमके, एमजीपी, एजीपी, निषाद पार्टी, यूपीपीएल, एनपीपी, रालोसपा, सुभासपा, बीडीजेएस (केरल), केरल कांग्रेस (थॉमस), गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट,  एनपीएफ, आरपीआई, जेजेपी, आईपीएफटी (त्रिपुरा), एआईआरएनसी, टीएमसी (तमिल मनीला कांग्रेस), शिरोमणि अकाली दल सयुंक्त, जनसेना, एनसीपी (अजित पवार), जनातिपथ्य राष्ट्रीय सभा, जन सुराज पार्टी (महाराष्ट्र) यूडीपी, प्रहार जनशक्ति पार्टी (महाराष्ट्र) और एचएसडीपी शामिल है.

'कांग्रेस ने गठबंधन का इस्तेमाल किया ताकि....'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनडीए की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, जब गठबंधन सत्ता की मजबूरी से होता है, जब गठबंधन भ्रष्टाचार के इरादे से हो, जब गठबंधन परिवारवाद की नीति पर आधारित हो, जब गठबंधन जातिवाद और क्षेत्रवाद को ध्यान में रखकर किया जाता है तो वह गठबंधन देश को बहुत नुकसान पहुंचाता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA का मतलब समझाते हुए कहा, N-न्यू इंडिया, D- विकसित राष्ट्र, A- लोगों की आकांक्षा. आज युवा, महिलाएं, मध्यम वर्ग, दलित और वंचितों को NDA पर भरोसा है. उन्होंने कहा, हमारे देश में राजनीतिक गठबंधनों की एक लंबी परंपरा रही है, लेकिन जो भी गठबंधन नकारात्मकता के साथ बने वह कभी भी सफल नहीं हो पाए. कांग्रेस ने 90 के दशक में देश में अस्थिरता लाने के लिए गठबंधनों का इस्तेमाल किया. कांग्रेस ने सरकारें बनाईं और सरकारें बिगाड़ीं.

क्या है विपक्ष की तैयारी?

विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि इस गठबंधन का एक संयोजक बनाया जाएगा और 11 सदस्यीय समन्वय समिति भी बनाई जाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘इंडिया’ के घटक दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी जहां गठबंधन के संयोजक और समन्वय समिति के सदस्यों का चयन किया जाएगा.

कौन होगा विपक्ष का चेहरा, कैसे बांटी जाएंगी सीटें?
खरगे ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव प्रचार के प्रबंधन के लिए दिल्ली में एक साझा सचिवालय बनाया जाएगा. यह पूछे जाने पर कि विपक्षी गठबंधन का चेहरा कौन होगा, खरगे ने कहा कि इस गठबंधन के संयोजक और समन्वय समिति के सदस्यों का फैसला मुंबई में होने वाली अगली बैठक में किया जाएगा. सीट बंटवारे पर सभी नेताओं, समन्वय समिति के सदस्यों द्वारा परस्पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

मंगलवार को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक हुई. विपक्ष की बैठक में 26 विपक्षी पार्टियां शामिल हुईं. ये पार्टियां दिल्ली और 10 राज्यों में अपने दम पर या गठबंधन में सत्ता में हैं. बैठक में शामिल दलों का ब्योरा...

1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

कांग्रेस 80 सांसदों (लोकसभा में 49 और राज्यसभा में 31) के साथ विपक्षी खेमे में सबसे बड़ी पार्टी है. वह चार राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में अपने दम पर सत्ता में है और बिहार, तमिलनाडु और झारखंड में सत्तारूढ़ दल का हिस्सा है.

2. अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)

ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस पार्टी पश्चिम बंगाल में सत्ता में है और उसके 35 सांसद (23 लोकसभा और 12 राज्यसभा सदस्य) हैं. मेघालय सहित कुछ अन्य राज्यों में भी इसके विधायक हैं.

3. द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक)

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के नेतृत्व में तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रमुक का प्रभाव है. इसके 34 सांसद (लोकसभा में 24 और राज्यसभा में 10) हैं.

4. आम आदमी पार्टी (आप)

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है और उसके 11 सांसद (लोकसभा में एक और राज्यसभा में 10) हैं. कांग्रेस के साथ ‘आप’ के संबंधों में कभी तल्खी तो कभी नर्मी रही है.

5. जनता दल (यूनाइटेड)

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जद(यू) पार्टी ने पटना में पहली विपक्षी बैठक की मेजबानी की थी. पार्टी के आधिकारिक तौर पर 21 सांसद (16 लोकसभा और पांच राज्यसभा) हैं. कुमार ने पिछले साल भाजपा से नाता तोड़ लिया था और राजद और कांग्रेस से हाथ मिला कर बिहार में सरकार बनाई थी.

6. राष्ट्रीय जनता दल (राजद)

लालू प्रसाद के नेतृत्व वाली पार्टी राजद बिहार में सरकार का हिस्सा है और उनके बेटे तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं. इसके छह सांसद हैं, सभी राज्यसभा में हैं.

7. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो राज्य में गठबंधन सरकार का नेतृत्व कर रही है. इसके तीन सांसद (एक लोकसभा में और दो राज्यसभा में) हैं.

8. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)

शरद पवार द्वारा स्थापित इस पार्टी को पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद विभाजन का सामना करना पड़ा है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाला धड़ा भाजपा और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गया है. शरद पवार गुट वर्तमान में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के साथ महाराष्ट्र में विपक्ष का हिस्सा है.

9. शिवसेना (यूबीटी)

बालासाहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में विधायकों के एक बड़े हिस्से के भाजपा से हाथ मिलाने के साथ विभाजित हो गई थी. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने संबंध तोड़ लिये थे और महा विकास अघाड़ी सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया था.

10. समाजवादी पार्टी (सपा)

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी है. यह एक ऐसा राज्य है जो लोकसभा में अधिकतम सदस्य भेजता है. वर्तमान में उसके तीन लोकसभा और तीन राज्यसभा सदस्य हैं.

11. राष्ट्रीय लोक दल (रालोद)

रालोद को मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश से समर्थन प्राप्त है और इसका नेतृत्व जयंत चौधरी कर रहे हैं जो पार्टी के संस्थापक अजित सिंह के बेटे और पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह के पोते हैं. जयंत चौधरी पार्टी के एकमात्र सांसद (राज्यसभा) हैं.

12. अपना दल (कमेरावादी)

अपना दल का यह गुट पार्टी के संस्थापक सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल और बेटी पल्लवी पटेल के नेतृत्व में है. कमेरावादी गुट समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ा हुआ है, जबकि केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाला अपना दल (सोनेलाल) भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का हिस्सा है.

13. जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां)

पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली नेकां जम्मू-कश्मीर में एक प्रमुख राजनीतिक दल है. वर्तमान में इसके तीन लोकसभा सदस्य हैं.

14. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी)

जम्मू-कश्मीर में एक और प्रमुख राजनीतिक ताकत रही पीडीपी का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कर रही हैं. वर्तमान में लोकसभा में इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.

15. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)

वाम धड़े की प्रमुख पार्टी माकपा केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार का नेतृत्व कर रही है. पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और तमिलनाडु सहित कुछ अन्य राज्यों में भी इसका कुछ प्रभाव है. इसके आठ सांसद (लोकसभा में तीन और राज्यसभा में पांच) हैं.

16. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)

भाकपा केरल में सत्तारूढ़ एलडीएफ का हिस्सा है. इसके दो लोकसभा सदस्य और दो राज्यसभा सदस्य हैं.

17. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन

सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) बिहार में सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है. दीपांकर भट्टाचार्य के नेतृत्व वाली पार्टी के राज्य में 12 विधायक हैं.

18. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी)

वाम धड़े का हिस्सा आरएसपी का केरल से एक लोकसभा सदस्य है. पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा सहित कुछ अन्य राज्यों में इसका मामूली जनाधार है.

19. ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक

नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित, पार्टी अब वाम मोर्चे का एक छोटा घटक है. वर्तमान में संसद या किसी भी राज्य विधानसभा में इसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. पार्टी को उन राज्यों में कुछ समर्थन हासिल है जहां कभी वाम दलों का वर्चस्व था.

20. मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके)

राज्यसभा सांसद वाइको के नेतृत्व वाली एमडीएमके तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है. तमिलनाडु और पुडुचेरी में उसका जनाधार है.

21. विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके)

इसका नेतृत्व थोल थिरुमावलवन करते हैं. वीसीके तमिलनाडु में द्रमुक के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है. थिरुमावलवन इसके लोकसभा सदस्य हैं.

22. कोंगुनाडु मक्कल देसिया काची (केएमडीके)

कारोबारी से नेता बने ई आर ईश्वरन के नेतृत्व वाली केएमडीके तमिलनाडु में द्रमुक नीत गठबंधन का हिस्सा है. उसे पश्चिमी तमिलनाडु में कुछ समर्थन हासिल है. पार्टी के लोकसभा में एक सदस्य एकेपी चिनराज हैं, लेकिन उन्होंने द्रमुक के चुनाव चिह्न पर जीत हासिल की.

23. मणिथनेय मक्कल काची (एमएमके)

एमएमके का नेतृत्व एम एच जवाहिरुल्ला कर रहे हैं और यह तमिलनाडु में द्रमुक नीत गठबंधन का हिस्सा है. जवाहिरुल्ला वर्तमान में विधायक हैं और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य के रूप में भी कार्य करते हैं.

24. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल)

मुख्य रूप से केरल में स्थित आईयूएमएल लंबे समय से कांग्रेस की सहयोगी रही है. लोकसभा में इसके तीन और राज्यसभा में एक सदस्य हैं.

25. केरल कांग्रेस (एम)

केरल में स्थित पार्टी के एक लोकसभा और एक राज्यसभा सदस्य हैं. इसने माकपा नीत एलडीएफ के हिस्से के रूप में राज्य में 2021 का विधानसभा चुनाव लड़ा था.

26. केरल कांग्रेस (जोसेफ)

केरल में स्थित, केरल कांग्रेस (जोसेफ) पार्टी कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ का हिस्सा है, जो पिछले विधानसभा चुनावों में केरल में माकपा के नेतृत्व वाले एलडीएफ के लिए मुख्य प्रतिद्वंद्वी था.

लोकसभा में किसकी कितनी ताकत?
वर्तमान लोकसभा में एनडीए गठबंधन के पास करीब 335 सांसद हैं. एनडीए में शामिल 38 दलों में 25 पार्टियों यानी 65.78 फीसदी दलों के पास एक भी सांसद नहीं हैं. जबकी विपक्षी दलों के पास करीब 142 सांसद हैं. हालांकि, यूपीए में शामिल 26 में से 11 पार्टियों के पास यानी 42.30 फीसदी दलों के पास एक भी लोकसभा सांसद नहीं है. 

लोकसभा में एनडीए का कुनबा...
> भारतीय जनता पार्टी- 301
> शिवसेना- 12
> लोक जन शक्ति पार्टी- 6
> राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- 3
> अपना दल (सोनीलाल)- 2
> लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास पासवान)-1
> मिजो नेशनल फ्रंट- 1
> नागा पीपुल्स फ्रंट- 1
> अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम- 1
> नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी- 1
> नेशनल पीपुल्स पार्टी- 1
> आजसू पार्टी- 1
> सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा- 1
> आईएमकेएमके (इंडिया मक्कल कालवी मुनेत्र कड़गम)- 1
> निर्दलीय- 2

लोकसभा में 'इंडिया' का कुनबा...
> कांग्रेस- 49
> डीएमके- 23
> तृणमूल कांग्रेस- 22
> जेडीयू- 16
> शिवसेना (UTB)- 6
> राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- 5
> इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग- 3
> जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस- 3
> समाजवादी पार्टी- 3
> सीपीआईएम- 3
> सीपीआई- 2
> आम आदमी पार्टी- 1
> झारखण्ड मुक्ति मोर्चा- 1
> केरल कांग्रेस (एम)- 1
> रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी- 1
> विदुथलाई चिरुथिगल काची- 1

ये दल करेंगे खेला!

एनडीए और इंडिया से अलग कुछ दल ऐसे भी हैं जो किसी के साथ नहीं हैं. खास बात ये है कि वर्तमान में इन दलों की लोकसभा की करीब 64 सीटों पर कब्जा है. ऐसे में लोकसभा चुनाव 2024 में इन पार्टियों के रुख पर काफी कुछ निर्भर करेगा. ये पार्टियां किंग मेकर भी साबित हो सकती हैं.

इसमें नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, आंध्र की वाईएसआर कांग्रेस, एचडी कुमारस्वामी की जेडीएस, मायावती की बसपा, पंजाब की अकाली दल, तेलंगाना की तेलुगु देशम पार्टी और बीआरएस जैसी पार्टियां शामिल हैं. बीआरएस को छोड़ दें तो इनका झुकाव पहले भी एनडीए की तरफ देखा जा चुका है. हाल ही में इन पार्टियों ने नए संसद के मुद्दे पर एनडीए का साथ दिया था. 

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