Twin Towers Demolition: कौन हैं चेतन दत्ता जो बटन दबाकर ट्विन टावर्स को करेंगे नेस्तनाबूद, ऐसे जमींदोज होगी बिल्डिंग
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Twin Towers Demolition: कौन हैं चेतन दत्ता जो बटन दबाकर ट्विन टावर्स को करेंगे नेस्तनाबूद, ऐसे जमींदोज होगी बिल्डिंग

Twin Towers News: सुपरटेक के अवैध टावर्स कुतुब मीनार से भी ऊंचे हैं और 9 सेकंड के भीतर गिराए जाने वाले भारत के सबसे ऊंचे टावर्स हैं. कंपन को कम करने के लिए इम्पैक्ट कुशन्स लगाए गए हैं.  बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बारूद से ट्विन टावर्स को उड़ाने की मंजूरी दी है. 

Twin Towers Demolition: कौन हैं चेतन दत्ता जो बटन दबाकर ट्विन टावर्स को करेंगे नेस्तनाबूद, ऐसे जमींदोज होगी बिल्डिंग

Who is Chetan Dutta: उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर 93ए स्थित सुपरटेक के ट्विन टावर्स को 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे जमींदोज कर दिया जाएगा. भारतीय  ब्लास्टर चेतन दत्ता बटन दबाएंगे, जिसके बाद 9 सेकंड के भीतर ट्विन टावर्स नेस्तनाबूद हो जाएंगे. चेतन दत्ता ने यह भी बताया कि ट्विन टावर्स को ध्वस्त करने की पूरी प्रक्रिया क्या होगी. 

कैसे जमींदोज होंगे ट्विट टावर्स

चेतन कहते हैं, 'यह बेहद आसान प्रक्रिया है. हम डायनमो से करंट पैदा करेंगे. इसके बाद बटन को दबाएंगे, जिससे 9 सेकेंड में शॉक ट्यूब्स में डेटोनेटर्स एक्टिवेट हो जाएंगे.'

उन्होंने कहा, 'हम इमारत से 50-70 मीटर की दूरी पर होंगे.खतरे की कोई बात नहीं है और हम आश्वस्त हैं कि बिल्डिंग ठीक तरह से धूल में मिल जाएगी. ब्लास्ट एरिया को लोहे की 4 परतों और कंबल की दो परतों से ढका जाएगा. इसलिए धूल उड़ सकती है लेकिन मलबा नहीं.' 

कुतुब मीनार से भी ज्यादा ऊंचाई

सुपरटेक के अवैध टावर्स कुतुब मीनार से भी ऊंचे हैं और 9 सेकंड के भीतर गिराए जाने वाले भारत के सबसे ऊंचे टावर्स हैं. कंपन को कम करने के लिए इम्पैक्ट कुशन्स लगाए गए हैं.  बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बारूद से ट्विन टावर्स को उड़ाने की मंजूरी दी है. पहले ध्वस्तीकरण का काम 21 अगस्त को होना था लेकिन कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी की बात को मानते हुए इमारत गिराने की तारीख को 28 अगस्त तक बढ़ा दिया. 

इमारत के नियमों के गंभीर उल्लंघन पर ट्विन टावरों को तोड़ा जाना तय है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह नोएडा प्राधिकरण और सुपरटेक के बीच 'नापाक मिलीभगत' का नतीजा है. कोर्ट ने आदेश में कहा था कि कंपनी नोएडा प्राधिकरण और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट जैसे एक्सपर्ट की देखरेख में अपने खर्च पर विध्वंस करेगी.

बता दें कि बिल्डिंग गिराए जाने का सबसे ज्यादा असर एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज सोसाइटी के 5000 से ज्यादा लोगों पर पड़ेगा. उन्हें सुबह जल्दी अपना घर खाली करना होगा और फिर जब अधिकारी मंजूरी देंगे, तभी वो रात में घर लौट सकेंगे. 

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