Punjab News: रानी ने कहा कि उनकी सगी मामी ने उन्हें इस साल झूठी नौकरी का झांसा देकर मस्कट भेज दिया था. उन्होंने बताया कि, ‘जब मैं वहां पहुंची, तो वहां के एजेंटों ने मेरा पासपोर्ट और फोन ले लिया.'
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कपूरथला की एक महिला भारत में अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य के लिए ओमान गई थी, लेकिन उसे खाड़ी देश में दु:खद और भयावह स्थिति से गुजरना पड़ा. उसने खुद को एक खतरनाक स्थिति में पाया जहां मदद करने वाला कोई नहीं था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रानी (अनुरोध पर नाम बदला गया) ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल द्वारा किए गए प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया, जिन्होंने तत्परता के साथ काम किया और विदेश मंत्रालय की मदद से उन्हें वापस ला पाए. लेकिन रानी के मुताबिक हर कोई उनकी तरह खुशनसीब नहीं होता. पंजाब की कई महिलाएं हैं जो खाड़ी में मुश्किल हालात में जी रही हैं और जिन्हें भारत लौटने की कोई उम्मीद नहीं है.
‘अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए किया जा रहा मजबूर’
मस्कट में दो महीने बिताने के बाद हाल ही में लौटी रानी ने कहा कि पंजाब की जिन महिलाओं को नौकरी ('घरेलू नौकरानी' या 'केयरटेकर' का काम) देने के बहाने ओमान ले जाया जा रहा है, उन्हें वहां के स्थानीय लोगों को कथित तौर पर बेचा जा रहा है और उन्हें जीवित रहने के लिए कथित तौर पर अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है.
रानी ने कहा कि पंजाब की 35 अन्य अविवाहित/विवाहित युवतियों का एक समूह - जिन्हें भारत में उनके ट्रैवल एजेंटों ने धोखा दिया, अब खाड़ी देश में फंसी हुई हैं और अपने रेस्क्यू की प्रतीक्षा कर रही हैं. उनके मुताबिक, वहां फंसी महिलाओं के ऐसे और भी कई समूह हैं.
‘विरोध करने वाली महिलाओं को रखा जाता है भूखा’
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक रानी ने आरोप लगाया कि इन सभी कमजोर महिलाओं को वहां उतरने के बाद पीटा जाता है और धमकाया जाता है और अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर किया जाता है और जो विरोध करती उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा जाता है.
अपने पति की मौजूदगी में अपनी आपबीती सुनाते हुए रानी ने कहा कि उनकी सगी मामी ने उन्हें इस साल 16 मार्च को झूठी नौकरी का झांसा देकर मस्कट भेज दिया था.
रानी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘मेरी मामी ने मुझे 30,000 रुपये प्रति माह सेलरी का वादा किया और कहा कि एक अस्पताल में 'केयरटेकर' के रूप में काम करते हुए वहां (ओमान) अच्छी कमाई कर सकती हूं.‘
अनपढ़ रानी को टूरिस्ट वीजा पर वहां (खाड़ी) भेजा गया था. रानी ने कहा कि उसकी ट्रैवल एजेंट मामी ने उससे 70,000 रुपये लिए और फिर उसने मस्कट में अन्य एजेंटों के साथ मिलकर उसे 1.50 लाख रुपये में कुछ स्थानीय लोगों को बेच दिया.
‘एजेंटों ने मेरा पासपोर्ट और फोन ले लिया’
रानी ने कहा, ‘जब मैं 16 मार्च को वहां पहुंची, तो वहां के एजेंटों ने मेरा पासपोर्ट और फोन ले लिया और मुझे एक कमरे में बंद कर दिया गया. मुझे खाना नहीं दिया गया. बाद में मैंने पाया कि पंजाब की 35 अन्य महिलाएं भी वहां बंद थीं. मुझे उनके साथ रखा गया था. जब मैंने एजेंटों से कहा कि मुझे 'वादा' की गई कार्यवाहक नौकरी के लिए अस्पताल भेज दें, तो वे मुझे अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए मजबूर करने लगे, जिसका मैंने विरोध किया और साफ मना कर दिया.’
रानी ने कहा, ‘मना करने की कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि उन्होंने मुझे बेरहमी से पीटा.’ उसने अपनी मामी से बात की और उससे पूछा कि उसने उसके साथ ऐसा क्यों किया, इस पर मेरी मामी ने कहा कि वे (वहां के एजेंट) जो कुछ भी करने को कहें वैसा ही करो.’
‘थोड़ा सा भोजन दिया जाता है ताकि...’
रानी ने कहा, ‘मस्कट में फंसी इन महिलाओं को एक दिन में थोड़ा सा भोजन दिया जाता है ताकि वे मर न जाएं.’ यह पूछे जाने पर कि जब मीडिया और सोशल मीडिया में इस तरह की नकारात्मक खबरें आती रहती हैं तो वह वहां क्यों गईं, इस पर रानी ने कहा कि उन्हें ऐसी खबरों की जानकारी नहीं है क्योंकि वह पढ़ी-लिखी नहीं हैं. रानी ने कहा, 'पंजाब सरकार को राज्य में इस तरह की धोखाधड़ी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाना चाहिए.‘
रानी ने कहा कि वह अपनी पांच साल की बेटी का भविष्य सुरक्षित करने के लिए मस्कट गई थीं. उसने बताया, ‘हम कपूरथला में किराए के मकान में रहते हैं. मेरे पति एक टैक्सी ड्राइवर हैं, और हमारे लिए गुज़ारा करना मुश्किल है.’
रानी के पति मिले सीचेवाल से
रानी वापस लाने के लिए, उसके पति 16 मई को सीचेवाल से मिले और उनके प्रयासों से वह पांच दिनों के भीतर भारत लौट आई.
सीचेवाल ने कहा, '16 मई को रानी के पति ने मेरी टीम से संपर्क किया. उसी दिन हमने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर उसे वापस लाने के लिए मदद मांगी.” रानी को भारत लाने के लिए सीचेवाल ने विदेश मंत्रालय का शुक्रिया अदा किया.
इस बीच, सीचेवाल ने केंद्र से ऐसे बेईमान ट्रैवल एजेंटों पर नजर रखने और उन पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है.
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि इनमें से ज्यादातर महिलाओं से ट्रैवल एजेंटों द्वारा दो साल के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर करवाए जाते हैं जो उनकी वापसी के रास्ते में आ जाता है. चूंकि ये महिलाएं अशिक्षित होती हैं, इसलिए इन्हें फंसाना आसान होता है. सीचेवाल ने कहा कि शर्त पूरी नहीं होने पर उनके गरीब परिवारों से उन्हें भारत वापस भेजने के लिए लाखों रुपये की मांग की जाती है.