सियाचिन ग्लेशियर पर पाकिस्तान नजरें गड़ाए रहता है क्योंकि यह ऐसा इलाका है जो चीन के करीब जाने में उसके लिए बाधा है. अब भारतीय सेना ने यहां अपना जमावड़ा और मजबूत कर लिया है. हां, अब 5जी स्पीड भी इस दुर्गम युद्धक्षेत्र तक पहुंच गई है. अब सूचना फुल स्पीड में आती जाती रहेगी.
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दुनिया के सबसे ऊंचे बैटलग्राउंड (युद्धक्षेत्र) सियाचिन ग्लेशियर पर तापमान -40 डिग्री से भी नीचे चला जाता है. ऐसे हालात में भी भारतीय सेना तक 5जी स्पीड पहुंचाने की कोशिशें सफल रही हैं. अब इस दुर्गम इलाके में तैनात हमारे जवान हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाओं का लाभ ले सकेंगे. सेना की ‘फायर एंड फ्यूरी कोर’ ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें शेयर की हैं.
कोर ने पोस्ट में कहा, ‘दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में इंटरनेट संपर्क बढ़ गया है. फायर एंड फ्यूरी कोर ने जियो टेलीकॉम के साथ मिलकर सियाचिन ग्लेशियर पर पहली बार 5जी मोबाइल टावर स्थापित किया है.’ पोस्ट में कहा गया, ‘यह शानदार उपलब्धि हमारे बहादुर सैनिकों को समर्पित है जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में तैनात हैं. फायर एंड फ्यूरी सिग्नलर्स और सियाचिन योद्धाओं ने उत्तरी ग्लेशियर में 5जी बीटीएस (बेस ट्रांसीवर स्टेशन) स्थापित करने के लिए दुर्गम इलाकों और -40 डिग्री सेल्सियस से नीचे के अत्यधिक तापमान की चुनौतियों का सामना किया.’
उधर, रिलायंस जियो ने कहा है कि उसने अपनी स्वदेशी फुल-स्टैक 5जी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक अग्रिम चौकी पर ‘प्लग-एंड-प्ले प्री-कॉन्फिगर’ उपकरण को सफलतापूर्वक स्थापित किया.
MERCURY OUTREACH - ANOTHER MILESTONE ACHIEVEMENT
5G Connectivity at the Highest Battlefield of the World
Fire and Fury Corps in collaboration with Jio Telecom successfully installed the first ever 5G Mobile Tower on the Siachen Glacier.
This indomitable feat is dedicated to… pic.twitter.com/laFosDStoi
— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) January 13, 2025
दूरसंचार कंपनी ने कहा, ‘यह उपलब्धि सेना के सिग्नल कर्मियों के साथ समन्वय से संभव हुई, जिसमें योजना से लेकर कई प्रशिक्षण सत्र, सिस्टम प्री-कॉन्फिगरेशन और व्यापक परीक्षण शामिल हैं. सियाचिन ग्लेशियर तक जियो के उपकरणों को विमान से पहुंचाया गया. इसके अलावा दूसरे साजो-सामान के प्रबंधन में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका थी.’ कंपनी ने कहा कि इस सहयोग से कराकोरम पर्वतमाला में 16,000 फुट की ऊंचाई पर इंटरनेट संपर्क सुनिश्चित हुआ है.
सियाचिन भारत के लिए क्यों है बेहद जरूरी?
सियाचिन ग्लेशियर पूर्वी काराकोरम रेंज में एक ग्लेशियर है. यह इलाका भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां होने से भारतीय जवान पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र पर नजर रख सकते हैं. इसके अलावा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का चीन से सीधे कनेक्शन को भी यह इलाका रोकता है. ऐसे में भारत की यहां मौजूदगी अनिवार्य हो जाती है.