chhattisgarh news: छत्तीसगढ़ के पांचवी और आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स को भी बोर्ड एग्जाम देना अनिवार्य होगा. न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत छत्तीसगढ़ सरकार ने यह फैसला लिया है. जो छात्र 5वीं और 8वीं में फेल होंगे उन्हें अगली क्लास में प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
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chhattisgarh government new education policy: छत्तीसगढ़ के पांचवी-आठवीं कक्षा के स्टूडेंट्स के लिए बड़ी अपडेट सामने आई है. आपने अक्सर 10वीं और 12 वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को बोर्ड एग्जाम की तैयारी करते देखा होगा. लेकिन अब छत्तीसगढ़ के कक्षा 5वीं और 8वीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी बोर्ड इग्जाम की तैयारी करनी होगी. दरअसल, न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत छत्तीसगढ़ की सरकार सालों से चली आ रही शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव करने जा रही है. जिसके तहत अब कक्षा 5वीं और 8वीं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी बोर्ड एग्जाम देना पड़ेगा.
बोर्ड एग्जाम से बढ़ेगी बच्चों की एकाग्रता
कहा जा रहा कि जिस तरह से 10वीं और 12 वीं के स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई पर फोकस करते हैं. वहीं, कान्सन्ट्रेशन और फोकस 5वीं और 8वीं कक्षा में पढ़ रहे बच्चों के लिए भी जरूरी है. ताकी उनकी पढ़ाई की नींव मजबूत हो सके. जब तक शिक्षा की नींव प्राइमरी स्तर पर मजबूत नहीं होगी. तब तक बच्चा चीजों को समझने में लेट करेगा. बोर्ड एग्जाम लेने की पहल से बच्चे अपने पढ़ाई पर एकाग्र और फोकस्ड रहेंगे.
शिक्षा के गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए किया बदलाव
इस खबर से लोगों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई की क्षमता और ध्यान बढ़ाने के लिए यह एक बेहतर कदम है. इससे न सिर्फ शिक्षा की गुणवत्ता बेहतर होगी बल्कि बच्चें पढ़ाई के तरफ सीरियस होंगे. सरकार का यह फैसला शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़ी पहल है. इस पहल से बच्चों में सुधार भी देखा जा सकेगा. पढ़ाई की नींव मजबूत होगी, जो उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.
बच्चे हो सकते हैं फेल
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत लाया गया यह फैसला बच्चों के हित में है. पहले बच्चे अगर फेल कर जाते थे, तो उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट कर दिया जाता था. जिससे बच्चों ने क्या पढ़ा और कितना समझा इसका अनुमान लगाना मुश्किल होता था, लेकिन इस नई पॉलिसी से अगर बच्चा एग्जाम में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता तो वह फेल माना जाएगा और उसे अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा. बच्चों में पढाई को लेकर गंभीरता और उनके कांसेप्ट को क्लियर करने के लिए बोर्ड एग्जाम की यह पहल सही मानी जा रही है.