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Stubble Burning: पंजाब और हरियाणा के बाद अब पराली (Stubble Burining In Chhattisgarh) की आग छत्तीसगढ़ राज्य में भी पहुंच गई है. हाल में ही धान की कटाई के बाद पाया गया कि राज्य के ज्यादातर किसान खेतों में पराली जला रहे हैं, जिससे आस पास के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पराली जलने से निकले धुंए से वातावरण प्रदूषण (Air pollution) फैल रहा है जो लोगों के स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा रहा है. बता दें कि पराली न जलाने को लेकर राज्य की भूपेश बघेल सरकार काफी सख्त है. इसके बावजूद भी आलम ये है कि खुलेआम पराली जलाई जा रही है.
एनजीटी के निर्देशों की उड़ रही धज्जियां
आपको बता दें की छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलों में पराली जलाने का मामला सामने आया है. हाल में ही राज्य के महासमुंद जिले में पराली जलाकर किसानों ने एनजीटी के धज्जियां उड़ाई थी. बता दें कि बीते दिनों में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एक कार्यक्रम में शिरकत करने महासमुन्द पंहुचे थे और वहां पर उन्होंने पराली जलाने को लेकर नाराजगी व्यक्त की थी. साथ ही साथ उन्होंने कहा था कि खेतों में बचे पैरे का गौशालाओं में दान कर दें, लेकिन इसके बावजूद भी लगातार किसान पराली जला कर शासन - प्रशासन को खुली चुनौती दे रहे हैं.बता दें कि लोगों का कहना है कि प्रशासन जब तक पराली पर कठोर कानून नहीं लगाएगा तब तक लोग ऐसे ही करते रहेंगे.
हरियाणा-पंजाब में पहले से है विवाद
देश में सबसे ज्यादा पराली जलाने के मामले हरियाणा और पंजाब से सामने आते हैं. लगातार ये पाया गया है कि इन राज्यों में पराली को लेकर पक्ष-विपक्ष में विवाद भी छिड़ा रहता है. पराली जलाने की वजह से देश की राजधानी दिल्ली में रहने या आने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उनको सांस लेने में काफी ज्यादा तकलीफ होती है. बता दें कि पराली को लेकर दिल्ली के सीएम हरियाणा और पंजाब की सरकार पर निशाना साधते थे लेकिन आप की सरकार आने के बाद पंजाब राज्य में पराली जलाने के मामलों मे 18 % की वृद्धि देखी गई है.जबकि हरियाणा राज्य में 10% की कमी देखी गई. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आप की सरकार दावा करती थी कि उनकी सरकार बनी तो पराली जलाने के मामले नहीं सामने आएंगे. ऐसे में बढ़ते हुए केस को देखते हुए आप सरकार को सजग होने की जरूरत है. जिससे देश की राजधानी में पराली की वजह से वायु प्रदूषण फैलने पर विराम लग सके.