PM मोदी करेंगे विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण, जानें कैसे काम करेगी?
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PM मोदी करेंगे विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण, जानें कैसे काम करेगी?

MP NEWS: कालगणना की नगरी उज्जैन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल मौजूदगी में कल विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण होगा. घड़ी के डिजिटल मोबाइल एप्प को भी लॉन्च किया जाएगा. वर्चुअल कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भोपाल से जुड़ेंगे. 

PM मोदी करेंगे विश्व की पहली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का लोकार्पण, जानें कैसे काम करेगी?

Madhya Pradesh News: 29 फरवरी को एक बार फिर से अवंतिका नगरी उज्जैन का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज होने जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्जैन में 85 फीट ऊंचे टावर पर लगाई गई 10×12 की विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और घड़ी के डिजिटल एप का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे. साथ ही भोपाल से मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे. यह कार्यक्रम उज्जैन के चिंतामण बायपास मार्ग स्थित जंतर मंतर परिसर में आयोजित होगा.

पीएम मोदी इसके अलावा वर्चुअल भूमिपूजन और लोकार्पण के माध्यम से उज्जैन जिले को लगभग 6265.969 करोड़ की लागत के विकास कार्यों की सौगात भी देंगे.  मुख्यमंत्री जब 2022 में उच्च शिक्षा मंत्री थे तब उन्होंने 22 मार्च 2022 को वैदिक घड़ी के 85 फीट टावर की नींव रखी थी. 

समय और नक्षत्र सबकुछ बताएगी घड़ी
विक्रमादित्य शोध पीठ के डायरेक्टर राम तिवारी ने बताया कि यह दुनिया की पहली ऐसी डिजिटल घड़ी होगी जो भारतीय कालगणना वैदिक समय, इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) व ग्रीमवीच मीन टाइम (GMT) के साथ ही भारतीय कालगणना वाले विक्रम संवत पंचाग, 30 मुहूर्त जिसमें ग्रह, योग, भद्रा, चंद्र स्तिथी, नक्षत्र, चौघड़िया, सूर्य उदय, सूर्यास्त, सूर्य व चंद्र ग्रहण के बारे में जानकारी देगी.

मौसम और पर्वों से जुड़ी हर जानकारी मिलेगी
राम तिवारी ने बताया कि घड़ी सूर्योदय और सूर्यास्त के आधार पर समय बताएगी, जिसे आम भाषा में अभिजीत मुहूर्त, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल कहते हैं. इसमें GMT के 24 घण्टो को 30 मुहूर्त (घटी) में बांटा गया है. हर घटी का धार्मिक नाम और एक खास मतलब है. इसमें आम घड़ियों की तरह घण्टे, मिनट और सेकंड वाली सुई भी होगी. मौसम और पर्वों से जुड़ी हर जानकारी इस घड़ी में मिलेगी.

घड़ी में खास ग्राफिक्स 
घड़ी में खास ग्राफिक्स लगाए गए हैं, जिसमें हर एक घंटे अलग अलग तस्वीरें दिखेंगी. इसमें 12 ज्योतिर्लिंग, कैलाश मानसरोवर, श्री राम मंदिर अयोध्या, नवग्रह, राशि चक्र, देश दुनिया के सूर्यास्त और सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के नजारे दिखाई देंगे. यह घड़ी पॉजिसिनिंग सिस्टम GPS से जुड़ी होगी. घड़ी के पास ही टेलिस्कोप लगाया जाएगा, जहां से खगोलीय घटनाओ का नजारा देखा जा सकेगा.

एंड्रॉइड व आईओएस पर मिलेगा एप्प
वैदिक घड़ी के एप्प को उत्तप्रदेश के लखनऊ निवासी आरोह श्रीवास्तव ने तैयार किया है. आरोह ने बताया कि एप्प का नाम विक्रमादित्य वैदिक घड़ी होगा. इस घड़ी की खासियत ये है कि दुनिया भर में इंटरनेट और जीपीएस से जुड़ी होने के कारण कहीं भी उपयोग की जा सकेगी. इसे मोबाइल और टीवी पर सेट किया जा सकेगा. घड़ी में जो बदलाव होंगे वह सब एप्प में दिखेंगे. इसे एंड्रॉयड और आईओएस दोनों पर डाउनलोड किया जा सकेगा. इसके ग्राफिक्स भोपाल की एक संस्था ने डिजाइन किए हैं.

रिपोर्ट: राहुल राठौर, उज्जैन

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